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Coal Scam Case: टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी व उनकी पत्नी को मिला ED का समन, बैंक का डिटेल भी मांगा गया
टीएमसी सांसद व ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी व उनकी पत्नी को प्रवर्तन निदेशालय ने समन जारी किया है, दोनों को अलग-अलग डेट पर..
पश्चिम बंगाल के चुनाव के बाद एक बार फिर ईडी (Enforcement Directorate) ने टीएमसी सांसद(TMC MP) व ममता बनर्जी के भतीजे पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इससे पहले ईडी ने चुनाव के दरम्यान ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी व उनकी पत्नी को पूछताछ के लिए बुलाया था, तब टीएमसी के नेता ने काफी शोर-शराबा किया था औऱ भजपा पर बदले की राजनीति करने का व चुनाव जीतने का हथकंडा बताया था।
लेकिन एक बार फिर कोयला घोटला को लेकर अभिषेक बनर्जी व उनके पत्नी रुजिरा बनर्जी को समन भेज कर उपस्थित होने को कहा है। अभिषेक को 6 सितंबर को तो वहीं उनकी पत्नी को 1 सितंबर को पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने दोनों के बैंक डिटेल भी मांगे हैं। इस घोटाले में अभिषेक बनर्जी की साली मेनका के पति अंकुश और ससुर पवन आरोड़ा को भी सीबीआई ने पूछताछ में शामिल होने के लिए नोटिस मार्च 2021 में भेजा था।
अभिषेक के साली के पति व ससुर को भी सीबीआई ने भेजी थी नोटिस
प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों पर आरोप हैं कि उन्होंने अपनी कंपनी में ऐसी कंपनियों के फंड ट्रांस्फर करवाए जिन पर कोयला घोटाले में लिप्त होने के आरोप लगे हैं। इसके एवज में कंपनियों से कुछ बोगस एग्रीमेंट भी करवाए गए। जिन कंपनियों पर यह आरोप लगाए गए हैं, अभिषेक बनर्जी के पिता और ममता बनर्जी के भाई भी ऐसी ही एक कंपनी के डायरेक्टर हैं। बताते चलें कि कोयला स्कैम की जांच ED के साथ-साथ CBI भी कर रही है।
जानिए कोयला घोटाले के बारे में
इस मामले का खुलासा पिछले साल चुनावी सरगर्मियों के बीच हुआ था। 27 नवंबर 2020 को CBI की कोलकाता एंटी करप्शन ब्रांच ने पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में अवैध खनन और उसकी ढुलाई से जुड़ा मामला दर्ज किया था। इन हिस्सों में खनन की जिम्मेदारी कोल इंडिया लिमिटेड के स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ECL को दिया गया था। ECL की एक टीम ने अपनी जांच में पाया कि पट्टे क्षेत्र में व्यापक रूप से अवैध कोयला खनन और उसकी ढुलाई हो रही है। इसके बाद यहां बड़े पैमाने पर कोयले की जब्ती की गई थी।
आसनसोल से लेकर पुरुलिया और बांकुड़ा तक और झारखंड में धनबाद से लेकर रामगढ़ तक कोल पट्टी में कई ऐसी खदानें हैं जहां खनन कार्य बंद था लेकिन खनन माफिया अवैध तरीके से काम कर रहे थे। नवंबर 2020 में CBI ने इसी सिलसिले में ECL के कई अधिकारियों समेत रेलवे और CISF के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।