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Kolkata Rape Case: 'RG Kar में सेक्स रैकेट, लावारिस शवों का कारोबार, बंग्लादेश में..,' पूर्व अधिकारी का संदीप घोष को लेकर खुलासा,
Kolkata Doctor Rape Murder Case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने दावा किया कि संदीप घोष को मैंने संजय राय के साथ देखा है। मुझे बीते दिन बुलाया गया था। स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) के सामने मैंने सारी बातें बतायी है।
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता कांड में सीबीआई की आरोपियों से जांच पड़ताल की कार्रवाई जारी है। लेकिन इस आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व अधिकारी ने ऐसा खुलासा किया है, जिसे सुन आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। जिनका नाम अख्तर अली है। यह अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष शव बेचने समेत कई अवैध गतिविधियों में लिप्त थे।
बच्चों का बनाया था रैकेट
आपको बता दें, कि अस्पताल के पूर्व प्रिसिपल संदीप घोष महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर मामले के बाद आरोपों के घेरे में हैं। जिनसे सीबीआई कई बार सवाल जवाब की है। इस दौरान जांच एजेंसी ने संदीप घोष से पूछा था कि मृतक डॉक्टर के माता-पिता को शव देने से पहले तीन घंटे तक देरी क्यों करवाया ? इसके साथ ही सीबीआई ने पूछा कि मृतक ट्रेनी डॉक्टर के घर फोन कर क्यों कहा कि उसने सुसाइड की है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली बताया कि संदीप घोष एक रैकेट चलाते थे। वह बच्चों से पैसे लेते थे, पैसे न मिलने पर उन्हें फेल कर देते थे। वह अस्पताल में उपयोग किया गया सीरिंज का इस्तेमाल करवाते थे। कुछ छात्रों का उन्होंने रैकेट बना रखा था। वे मृत शरीर को बचने का कार्य करते थे।
लावारिस शवों का करता था कारोबार
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने दावा किया कि संदीप घोष को मैंने संजय राय के साथ देखा है। मुझे बीते दिन बुलाया गया था। स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) के सामने मैंने सारी बातें बतायी है। पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली से एंटी क्रप्शन ब्यूरो (एसीबी) को 13 जुलाई 2023 को शिकायत मिली थी। एसीबी डीआईजी ने इसे 20 जुलाई 2023 को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को भेज दिया था। शिकायत मिलने के बावजूद भी एसीबी ने कोई जांच पड़ताल नहीं और ना ही कोई केस दर्ज किया। आगे उन्होंने कहा कि यदि मेरे शिकायत पर कार्रवाई की गई होती तो शायद ऐसा नहीं होता। उन्होंने आरोप लगाया कि संदीप घोष के तार बांग्लादेश से भी जुड़ा हुआ है। वह बांग्लादेश के साथ तस्करी में जुड़ा हुआ था और लावारिस शवों का कारोबार भी करता था।
जिस दिन सौंपी थी रिपोर्ट, उसी दिन कर दिया गया ट्रांसफर
अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक ने दावा किया कि राज्य सतर्कता आयोग को संदीप की इन करतूतों ने बारे में सूचित किया था। उन्होंने कहा कि वे जांच पैनल का हिस्सा थे, जिसने उन्हें दोषी पाया। हालांकि, जिस दिन राज्य स्वास्थ्य विभाग को जांच रिपोर्ट सौंपी, उसी समय उनका ट्रांसफर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि संदीप घोष छात्रों को पास कराने के लिए रिश्वत मांगी थी। अस्पताल से जारी होने वाले टेंडर में वह 20 प्रतिशत कमीशन लेता था। अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं हेराफेरी होने पर जांच के लिए चार सदस्यीय एसआईटी गठित किए जाने के बाद संदीप घोष के खिलाफ जांच शुरू हुई।