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बंगाल में विधि सेवा प्राधिकरण में पहले ट्रांसजेंडर वकील की नियुक्ति
एडवोकेट अंकानी बिस्वास बंगाल के विधि सेवा प्राधिकरण में वकील होंगे। कलकत्ता के हाई कोर्ट के जज राजेश बिंदल ने उन्हें प्राधिकरण में शामिल होने की मंजूरी दी।
ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों की पहचान अब धीरे धीरे बन रही हैं। लोग उन्हें भी पहले से ज्यादा सम्मान देने लगे हैं। इसी क्रम में पक्षिम बंगाल में पहले ट्रांसजेंडर वकील की नियुक्ति हुई है। एडवोकेट अंकानी बिस्वास बंगाल के विधि सेवा प्राधिकरण में वकील होंगे। कलकत्ता के हाई कोर्ट के जज राजेश बिंदल ने उन्हें प्राधिकरण में शामिल होने की मंजूरी दी।
अंकानी बिस्वास ने इस मौके पर कहा कि यह पहली बार है जब किसी ट्रांसजेंडर वकील को देश की किसी भी राज्य विधि सेवा प्राधिकरण हिस्सा बनाया गया है। इस खबर की जानकारी देने वाले प्राधिकरण के सदस्य सचिव राजू मुखर्जी ने कहा कि कार्यवाहक मुख्य जज पश्चिम बंगाल राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के संरक्षक व प्रमुख और कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में लिया ऐतिहासिक फैसला
आपको बता दें, इस ऐतिहासिक फैसले की घोषणा साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने की थी। जिसमें कहा गया था कि ट्रांसजेंडरों को तीसरे लिंग में देखा जाएगा। इस बड़े मौके पर बिस्वास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ये उनके लिए बहुत ही बड़ा दिन है। उम्मीद है कि इससे और भी ट्रांसजेंडर नई उपलब्धि हासिल करने की ओर बढ़ेंगे।
इन सबको भी मिली सफलता
इनसे पहले साल 2018 में तमिलनाडु और पुडुचेरी बार काउंसिल में भारत को पहला ट्रांसजेंडर वकील मिला। सत्य श्री शर्मा देश की पहली ट्रांसजेंडर वकील बनी थीं। उन्होंने तमिलनाडु और पुडुचेरी से बार काउंसिल रजिस्ट्रेशन करवाया था। जिसके बाद वो वकील के तैर पर लोगों के सामने आईं।
जोयिता मंडल पहली ट्रांसजेंडर जज
2016 में जोयिता मंडल ने पहली ट्रांसजेंडर जज बनकर इतिहास बनाया था। केवल जज ही नहीं पुलिस और डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल कर बड़े बड़े पद भार संभाल रहे हैं ट्रांसजेंडर समुदाय के कई लोग। जिसमें पृथिका याशिनी का नाम भी शामिल हैं जो पुलिस सब-इंस्पेक्टर का पद संभाल रही हैं।