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ममता की दिल्ली यात्रा पर टिकीं निगाहें, 2024 की सियासी जंग में बन सकती हैं विपक्ष का चेहरा

Mamata Banerjee Delhi Visit: आज से ममता बनर्जी का दिल्ली दौरान शुरू हो रहा है, जो कि सियासी नजरिए से काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 22 Nov 2021 11:48 AM IST
ममता की दिल्ली यात्रा पर टिकीं निगाहें, 2024 की सियासी जंग में बन सकती हैं विपक्ष का चेहरा
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ममता बनर्जी (फोटो साभार- ट्विटर) 

Mamata Banerjee Delhi Visit: संसद के शीतकालीन सत्र (Sansad Ka Sheetkalin Satra) की शुरुआत से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) का आज से शुरू हो रहा दिल्ली दौरा सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सत्ता पर तीसरी बार काबिज होने के बाद ममता बनर्जी का यह दूसरा दिल्ली दौरा (Mamata Banerjee Delhi Daura) है। माना जा रहा है कि अपनी चार दिवसीय दिल्ली यात्रा (Delhi Yatra) के दौरान ममता देश के सामने मौजूद महत्वपूर्ण मुद्दों पर विपक्षी दलों को गोलबंद करने की कोशिश करेंगी।

2024 की सियासी जंग में सबसे बड़ा पेंच विपक्ष के चेहरे (Vipaksh Ka Chehra) को लेकर फंसा हुआ है और ममता इस मामले में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के सामने बड़ी चुनौती बनकर उभरती दिख रही हैं। महत्वपूर्ण मुद्दों पर मोदी सरकार (Modi Government) और भाजपा (BJP) से दो-दो हाथ करने वाली ममता ने अपनी पिछली दिल्ली यात्रा के दौरान विपक्ष के कई नेताओं (Vipaksh Ke Neta) से मुलाकात की थी। उनकी मौजूदा यात्रा के दौरान भी विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की उम्मीद जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात (Mamata Banerjee Narendra Modi Meet) कर सकती हैं।

ममता बनर्जी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

विपक्ष के नेताओं से करेंगी चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी (Krishi Kanoon Ki Wapsi) के एलान के बाद ममता की दिल्ली यात्रा पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। ममता तीनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ मोदी सरकार (Modi Sarkar) पर लगातार हमलावर रही हैं। पश्चिम बंगाल के पिछले विधानसभा चुनाव (West Bengal Vidhan Sabha Chunaav) के दौरान भी यह मामला खूब गूंजा था और किसान नेताओं (Kisan Neta) ने बंगाल के विभिन्न इलाकों में सभाएं करके भाजपा (BJP) का जमकर विरोध किया था।

ममता बनर्जी ने भी मोदी सरकार पर किसानों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया था। पीएम मोदी की ओर से कदम वापस खींचने को उन्होंने किसानों की जीत (Kisano Ki Jeet) बताया था। ममता का कहना था कि मोदी सरकार की ओर से किसानों के साथ क्रूर व्यवहार किया गया मगर फिर भी किसान पीछे नहीं हटे और संघर्ष करके एक बड़े मुद्दे पर जीत हासिल की। माना जा रहा है कि ममता इस मुद्दे पर विपक्ष के नेताओं के साथ चर्चा कर सकती हैं।

BJP नेता वरुण गांधी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

वरुण गांधी से मुलाकात की संभावना

ममता की भाजपा नेता वरुण गांधी (Varun Gandhi) से मुलाकात होने की भी संभावना है। वरुण गांधी हाल के दिनों में किसानों के मुद्दे पर काफी मुखर रहे हैं। उन्होंने किसानों का मुद्दा प्रमुखता से उठाकर भाजपा नेतृत्व को संकट में डाला है। उनके जल्द ही टीएमसी का दामन थामने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में ममता की वरुण गांधी से मुलाकात भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

संसद के आगामी सत्र में होगा आक्रामक रुख

संसद के पिछले सत्र में पेगासस का मुद्दा (Pegasus Jasoosi Case) खूब गूंजा था और ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के सांसदों ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किया था। संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session Of Parliament) के दौरान भी टीएमसी सांसदों (TMC MPs) के केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने की संभावना है। खासकर सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किए जाने का मुद्दा संसद में उठने की संभावना जताई जा रही है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया था। टीएमसी नेताओं का कहना है कि संसद के आगामी सत्र में भी यह मुद्दा उठाया जाएगा। ममता इस मुद्दे पर विपक्ष के नेताओं से समर्थन मांग सकती हैं।

पीएम मोदी संग ममता बनर्जी (फोटो साभार- ट्विटर)

PM मोदी से मुलाकात पर सबकी निगाहें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ममता की संभावित मुलाकात को भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ममता बनर्जी काफी दिनों से पश्चिम बंगाल के बकाए के भुगतान की मांग करती रही हैं। वे लगातार इस मुद्दे को उठाती रही है कि केंद्र सरकार को राज्यों का हक नहीं मारना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने पिछले दिनों बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी।

उन्होंने इस कदम को राज्य सरकार की स्वायत्तता में हस्तक्षेप बताया था। केंद्र सरकार के फैसले का दो राज्यों पंजाब (Punjab) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) में व्यापक विरोध किया जा रहा है। टीएमसी नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान ममता राज्य के बकाए के साथ बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र (BSF Ka Adhikar Chetra) बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा करेंगी। वैसे विपक्ष के नेताओं के साथ ममता की मुलाकात को सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि वे 2024 की सियासी जंग में विपक्ष का सबसे मजबूत चेहरा बनकर उभरने की कोशिश में जुटी हुई हैं।

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