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ममता ने की केंद्र के खिलाफ मुख्यमंत्रियों से साथ आने की अपील, बोला शोले का ये डायलॉग
ममता बनर्जी ने शोले के डायलॉग जो डरते हैं, वो मरते हैं... के जरिए विपक्ष से केंद्र के खिलाफ साथ आने की अपील की।
Mamata Banerjee Vs Modi Sarkar: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के बीच आईएएस अलापन बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को लेकर तनातनी जारी है। इस बीच ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों से केंद्र सरकार के खिलाफ साथ आने की अपील की है और इसके लिए उन्होंने शोले के डायलॉग का सहारा लिया।
70 के दशक की मशहूर फिल्म शोले का डायलॉग बोलते हुए कहा कि जो डरते हैं वो मरते हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के मुख्यमंत्रियों से बगैर डरे निरंकुश सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार को चेतावनी दी कि वे एक दिन पछताएगी। ममता ने कहा कि हम उनकी धमकियों से नहीं डरते हैं। बंगाल ने कभी हारना नहीं सीखा है। हम हमेशा अपना सिर उठाकर चलते हैं।
एक साथ केंद्र के खिलाफ आवाज उठाए विपक्ष
उन्होंने केंद्र के प्रति अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को एक साथ आकर अपनी आवाज केंद्र के खिलाफ उठानी चाहिए। सभी राज्य उनकी बात नहीं मानेंगे। ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यों और केंद्र के बीच एक लक्ष्मण रेखा होती है। फिलहाल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना समर्थन दिया है।
बदले की भावना से किया गया ऐसा
बता दें कि मुख्यमंत्री बनर्जी बंगाल के मुख्य सचिव रहे आईएस अलापन बंदोपाध्याय को केंद्र द्वारा दिल्ली बुलाए जाने के आदेश के खिलाफ अपनी नाराजगी जता रही थीं। ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने (केंद्र) बिना किसी स्पष्टीकरण या कारण के एक के बाद एक पत्र जारी किए। आप नौकरशाही को निशाना बनाकर अन्याय कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इसे बदले के उद्देश्य से किया गया कृत्य कहा।
ममता ने यह भी कहा कि मुझे इस बात पर हैरानी होती है कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजनीतिक बदला लेने की सलाह कौन देता है? आप केवल इसलिए ममता बनर्जी को पसंद नहीं करते हैं, क्योंकि आप विधानसभा चुनाव हार गए हैं।
चुनाव में मिली हार को पचा नहीं पा रही भाजपा
इससे पहले भी उन्होंने इस मामले को लेकर पीएम मोदी (PM Narendra Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर निशाना साधते हुए कहा था कि मोदी और शाह देश के संघीय ढांचे को तहस-नहस करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। सच्चाई तो यह है कि भाजपा हाल में हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार को पचा नहीं पा रही है। यही कारण है कि वह बंगाल में विभिन्न समस्याएं खड़ी करने में जुटी हुई है।
अलपन को अपना मुख्य सलाहकार बनाने की घोषणा के साथ ममता ने मोदी और शाह की तुलना हिटलर और स्टालिन से कर डाली। ममता ने कहा कि ये लोग तानाशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं जबकि केंद्र सरकार प्रदेश सरकार की सहमति के बिना किसी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए मजबूर नहीं कर सकती।
बंदोपाध्याय बने ममता के मुख्य सलाहकार
वहीं, दूसरी ओर ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव पद से रिटायरमेंट के बाद अलपन बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को अपना मुख्य सलाहकार (Chief Advisor) लिया है। इस तरह से उन्होंने अपने इरादे भी जाहिर कर दिए हैं। वे अब इस मुद्दे पर आर-पार की जंग लड़ने के मूड में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के साथ देरी से पहुंचने पर बंदोपाध्याय के तबादले के आदेश के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखे तेवर दिखाए हैं।
दूसरी ओर केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से उठाए गए कदम भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि सरकार ने अलपन बंधोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) के खिलाफ कार्रवाई का मूड बना लिया है।
बता दें कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) को रिपोर्ट न करने वाले बंदोपाध्याय के खिलाफ कारण बताओ नोटिस (Notice) जारी किया गया है। बंदोपाध्याय को मंगलवार सुबह दस बजे तक रिपोर्ट करने को कहा गया है। इसके साथ ही उनसे यह भी पूछा गया है कि आदेश की अवहेलना करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। जानकारों का कहना है कि रिटायरमेंट के बावजूद उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की तैयारी कर ली गई है।
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