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बीजेपी को मिला 'बंगाल टाइगर', मिथुन चक्रवर्ती के शामिल होने से चढ़ा सियासी पारा

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का सियासी पारा अपने चरम पर आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जहां बीजेपी के चुनावी अभियान को धार देने के लिए आज कोलकाता में रैली करने जा रहे हैं,

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Published on: 7 March 2021 8:02 AM GMT
बीजेपी को मिला बंगाल टाइगर, मिथुन चक्रवर्ती के शामिल होने से चढ़ा सियासी पारा
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फोटो— सोशल मीडिया

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का सियासी पारा अपने चरम पर आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जहां बीजेपी के चुनावी अभियान को धार देने के लिए आज कोलकाता में रैली करने जा रहे हैं, वहीं उनकी रैली से पहले बंगाल टाइगर के नाम से जाने जाने वाले बॉलीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता ले ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से पहले मिथुन चक्रवर्ती का भाजपा का मंच साझा करना सियासी लिहाज से काफ अहम माना जा रहा है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में आज अपनी चुनावी रैली का आगाज करेंगे। इसके लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए जा चुके हैं। साथ ही सुबह से पूरा मैदान समर्थकों को भारी उत्साह देखते बन रहा है।

2011 में टीएमसी में हुए थे शामिल

मिथुन चक्रवर्ती का सियासी सफर ज्यादा बड़ा नहीं है। तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने 2011 में बंगाल की सत्ता संभालने के बाद मिथुन चक्रवर्ती को टीएमसी ने राज्यसभा से सांसद भी बनाया था, लेकिन उन्होंने 2016 के अंत में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और राजनीति से संन्यास ले लिया। दरअसल मिथुन चक्रवर्ती की राजनीति छोड़ने की अटकले तभी तेज हो गई थीं जब उनका नाम शारदा चिटफंड घोटाले में सामने आया था।

Modi rally

बता दें कि मिथुन चक्रवर्ती शारदा कंपनी में ब्रांड एंबेसडर थे। प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने इस मामले में मिथुन चक्रवर्ती से पूछताछ भी की थी। इन सभी घटनाओं के कुछ दिन बाद मिथुन चक्रवर्ती ने करीब एक करोड़ बीस लाख रुपये वापस कर दिए थे और कहा था कि वह किसी के साथ फर्जीवाड़ा नहीं करना चाहते।

बताते थे वामपंथी

इसके बाद से ही कहा जाने लगा था कि मिथुन चक्रवर्ती राजनीति छोड़ देंगे और अंततः उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। आखिरी एक साल में मिथुन राज्यसभा में भी बहुत कम ही देखे गए। मिथुन चक्रवर्ती के सियासी सफर की बात करें तो, जवानी के दिनों में वह लेफ्ट से जुड़े हुए थे। मिथुन चक्रवर्ती ने कई बार खुद को वामपंथी भी बताया।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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