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Narada Case: टीएमसी नेताओं के हाउस अरेस्ट के खिलाफ CBI ने किया SC का रुख

Narada Sting Case: सीबीआई ने नारदा केस में टीएमसी नेताओं के हाउस अरेस्ट के फैसले के खिलाफ SC का रूख किया है।

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Newstrack NetworkPublished By Shreya
Published on: 24 May 2021 5:06 AM GMT (Updated on: 24 May 2021 6:37 AM GMT)
Narda Case: टीएमसी नेताओं के हाउस अरेस्ट के खिलाफ CBI ने किया SC का रुख
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सीबीआई ऑफिस (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Narada Sting Case: पश्चिम बंगाल के नारदा स्टिंग केस में तृणमूल कांग्रेस यानी TMC के चार नेताओं को हाउस अरेस्ट (House Arrest) करने के खिलाफ केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। सीबीआई की ओर से कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के फैसले को चुनौती देते हुए आज यानी सोमवार की सुनवाई को टालने की मांग की गई है। आज कलकत्ता हाईकोर्ट की बड़ी बेंच टीएमसी नेताओं की जमानत याचिका (TMC Leaders Bail Plea) पर सुनवाई करने वाली है।

बता दें कि आज कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के 5 सदस्यीय टीम नारदा स्टिंग मामले (Narda Sting Case) में गिरफ्तार किए गए टीएमसी के चार नेताओं की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी। 5 न्यायाधीशों की बेंच में जस्टिस अरिजीत बनर्जी, इंद्रप्रसन्न मुखर्जी, सोमेन सेन, एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और हरीश टंडन हैं।

हाईकोर्ट ने दिया था हाउस अरेस्ट का आदेश

दरअसल, इस केस में गिरफ्तार किए गए टीएमसी मंत्री फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। इससे पहले इस केस में चारों नेताओं को बशर्ते अंतरिम जमानत दे दी गई थी। हाईकोर्ट ने शर्त रखी थी कि इन सभी नेताओं को अगले आदेश तक अपने अपने घरों में नजरबंद यानी हाउस अरेस्ट रहना होगा। अब सीबीआई ने हाईकोर्ट के इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

आज जहां हाईकोर्ट में नेताओं की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी तो वहीं सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में यह मांग की है कि इस सुनवाई पर रोक लगाई जाए। मालूम हो कि 17 मई को सीबीआई ने टीएमसी नेता फरियाद हाकीम, सुब्रतो मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी को नारदा घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था।

गिरफ्तार किए गए टीएमसी नेताओं की फाइल फोटो (साभार- सोशल मीडिया)

क्या है नारदा घोटाला?

2016 में बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सामने आया था। ये दावा किया गया था की ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड हुआ था। जिसमें TMC मंत्री, सांसद और विधायक को इस टेप में कैश लेते दिखाया गया था। यह स्टिंग ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने किया था। फिर साल 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने टेप को लेकर जांच का आदेश दिया था। अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद इस मामले की जांच एक बार फिर से तेज कर दी गई है।

17 मई को गिरफ्तार किए गए थे टीएमसी नेता

आपको बता दें कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा इन नेताओं के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दिए जाने के बाद नारदा स्टिंग मामले में सीबीआई ने 17 मई को इनके घर छापेमारी की और फिर इन्हें पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर लाया गया। गिरफ्तार के बाद सात घंटे के अंदर ही न्यायमूर्ति अनुपम मुखर्जी के नेतृत्व वाली स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने चारों आरोपियों को जमानत दे दी थी। लेकिन रात होते-होते कलकत्ता हाई कोर्ट ने जमानत पर रोक लगा दी थी।

हालांकि सीबीआई की इस कार्रवाई के बाद पश्चिम बंगाल सियासी माहौल और गरमा गया था। टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी ने भी नेताओं की गिरफ्तारी का विरोध किया था। वहीं, इस गिरफ्तारी को लेकर इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सीबीआई ऑफिस के बाहर प्रदर्शन भी किया था। साथ ही इसे लेकर भाजपा और टीएमसी के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी देखने को मिला।

Shreya

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