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अब NHRC की टीम ने उठाए सवाल, सूचना देने पर भी नहीं पहुंची ममता की पुलिस और हो गया हमला
NHRC Team Attack : एनएचआरसी की टीम जाधवपुर में हिंसा के मामलों की जांच करने के लिए पहुंची थी, जहां पर टीम हमले का शिकार हो गई।
NHRC Team Attack : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (West Bengal Election) के बाद हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) लगातार घिरती जा रही हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की टीम ने ममता की पुलिस मशीनरी पर सवाल उठाए हैं। एनएचआरसी की टीम (NHRC Team Attack In Bengal) मंगलवार को जाधवपुर में हिंसा के मामलों की जांच करने के लिए पहुंची थी जहां पर टीम हमले का शिकार हो गई। एनएचआरसी की टीम ने गुंडों पर हमला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जांच पड़ताल में 40 से अधिक घर ऐसे मिले जो हिंसा के कारण नष्ट हो चुके हैं।
हमले की इस घटना के बाद टीम के सदस्य आतिफ रशीद ने कहा कि जब गुंडों ने एनएचआरसी की टीम पर हमले का दुस्साहस कर दिखाया है तो समझा जा सकता है कि आम आदमी का क्या हाल हुआ होगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस को एनएचआरसी की टीम के आने के बाद के बारे में जानकारी दी गई थी, लेकिन स्थानीय पुलिस फिर भी मौके पर नहीं पहुंची। उन्होंने पुलिस के इस रवैये को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
हाईकोर्ट के निर्देश पर शुरू हुई है जांच
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आयोग की ओर से हिंसा के मामलों की जांच के पूरी तरह खिलाफ थीं। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर उन्होंने पुनर्विचार याचिका भी दायर की थी मगर हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
इसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष व रिटायर्ड जस्टिस अरुण मिश्रा ने तत्काल कदम उठाते हुए हिंसा की घटनाओं के लिए जांच कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी को हिंसा के मामलों की अब तक मिली शिकायतों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कमेटी आगे मिलने वाली शिकायतों की भी जांच पड़ताल करेगी। कमेटी ऐसे अफसरों को भी चिन्हित करेगी जिन्होंने हिंसा की शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की।
जांच का काम रोकने की कोशिश
कमेटी के सदस्य मंगलवार को जाधवपुर में हिंसा के मामलों की जांच के लिए पहुंचे तो टीम पर हमला हो गया। जांच टीम के सदस्य आतिफ रशीद ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें कुछ लोग रशीद की ओर काफी गुस्से में बढ़ते हुए दिख रहे हैं। सीआईएसएफ के जवान इन लोगों को रोकने की कोशिश में जुटे हुए हैं। रशीद का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद हिंसा के मामलों की जांच शुरू की गई है मगर कुछ गुंडों ने हमला करके जांच के काम को रोकने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि जब एनएचआरसी की टीम पर हमला किया जा सकता है तो आम आदमी की हालत आसानी से समझी जा सकती है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि लोकल पुलिस को एनएचआरसी की टीम के आने की जानकारी दी गई थी मगर स्थानीय पुलिस मदद के लिए नहीं पहुंची।
सीआईएसएफ जवानों के साथ मारपीट
रशीद ने एक दूसरा वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है जिसमें भीड़ ने उन्हें घेर रखा है और वे भीड़ को समझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। रशीद ने इस वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि देखिए कैसे पश्चिम बंगाल के जाधवपुर में दंगाई तत्व सीआईएसएफ के जवानों के साथ भी मारपीट करने में जुटे हुए हैं।
सीआईएसफ जवानों की मौजूदगी के बावजूद उपद्रवी तत्व मुझ तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं तो इन्होंने चुनाव के दौरान अपनी मर्जी से वोट देने वालों का क्या हाल कर रखा होगा। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा की घटनाओं की जांच पड़ताल में जुटी एनएचआरसी की टीम ने हिंसा से जुड़ी घटनाओं की शिकायतें फोन या मेल के जरिए भेजने का अनुरोध किया है।
शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार को घेरा
इस बीच भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने एनएचआरसी की टीम पर हमले को लेकर ममता सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि इस घटना से पता चल गया है कि पश्चिम बंगाल की हालत कितनी गंभीर हो चुकी है। उन्होंने कहा की हिंसा की जांच के लिए एनएचआरसी की टीम को केंद्र सरकार ने नहीं भेजा है। हाईकोर्ट के निर्देश पर एनएचआरसी की टीम हिंसा के मामलों की जांच पड़ताल कर रही है मगर उस टीम को भी काम नहीं करने दिया जा रहा है।
भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता ने भी एनएचआरसी के सदस्य राजीव जैन को चिट्ठी लिखकर पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह ध्वस्त होने की बात कही है। उन्होंने तारकेश्वर इलाके के लोगों पर जुल्म का मुद्दा उठाया है।
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