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Pegasus Case: ममता सरकार को पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, सुनवाई अगले हफ्ते

ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति का गठन किया था। उनके इस कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 25 Aug 2021 11:58 AM GMT (Updated on: 25 Aug 2021 12:02 PM GMT)
SC notice to Bengal government on formation of committee in Pegasus case
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 पेगासस मामले में कमेटी बनाने पर बंगाल सरकार को sc का नोटिस: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया

Pegasus Case: पेगासस मामले में एक नया मोड़ आया है। पश्चिम बंगाल सरकार को पेगासस मामले की जांच के लिए जांच कमेटी गठित करने पर सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करना पड़ा है। बुधवार को बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि जब तक पेगासस मामले में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट फैसला नहीं करता, तब तक बंगाल सरकार द्वारा गठित जांच समिति इस मामले में जांच शुरू नहीं करेगी.

दरअसल, ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति का गठन किया था। उनके इस कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसी को लेकर बुधवार को बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि जब तक पेगासस मामले में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट फैसला नहीं करता, तब तक बंगाल सरकार द्वारा गठित जांच समिति इस मामले में जांच शुरू नहीं करेगी।

इस मामले में सुनवाई अब अगले सप्ताह

बंगाल सरकार के इस आश्वासन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच कमेटी गठित करने के खिलाफ दायर याचिकाओं को पेगासस मामले की बाकी याचिकाओं में शामिल कर लिया। इन पर अब अगले हफ्ते सुनवाई तय की गई है।

कांसेप्ट इमेज- सोशल मीडिया

पिछले महीने हुआ था आयोग का गठन

बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायामूर्ति मदन बी लोकुर और कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योतिर्मय भट्टाचार्य को जांच आयोग का सदस्य बनाया है। इस आयोग के गठन की घोषणा राज्य सरकार ने पिछले महीने की थी।

पेगासस स्पाईवेयर के जरिये नेताओं, पत्रकारों की निगरानी का मामला

इस आयोग को अंतरराष्ट्रीय मीडिया की उन रिपोर्ट्स की जांच के लिए बनाया गया था, जिसके मुताबिक भारत के 300 से ज्यादा सत्यापित फोन नंबर उस सूची में शामिल थे, जिन्हें पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर निगरानी के लिए संभावित रूप से रखा गया था। इनमें कई नेताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम मिलने की बात भी सामने आई थी।

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