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पेट्रोल-डीजल का दाम बढ़ने पर ममता ने खोला मोर्चा, TMC करेगी राज्यव्यापी दो दिवसीय आंदोलन

Petrol Price Hike In West Bengal: ममता बनर्जी पेट्रोल के बढ़े दामों के मुद्दे को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में दिख रही हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वे इस मुद्दे को लेकर बड़ा आंदोलन छेड़ सकती हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shivani
Published on: 6 July 2021 11:23 AM IST
Petrol Price Hike In West Bengal
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ममता बनर्जी File Photo

Petrol Price Hike West Bengal: केंद्र सरकार से बढ़ती तल्खी के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों (Petrol Diesel Price Hike) को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मुख्यमंत्री ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को चिट्ठी भी लिखी है और उनसे मांग की है कि पेट्रोल और डीजल पर टैक्स (Petrol -Diesel Tax) घटाया जाना चाहिए ताकि आम लोगों को राहत मिल सके। उनका कहना है कि देश में महंगाई आसमान छू रही है और प्रधानमंत्री को इस पर भी गौर फरमाना चाहिए।

ममता की ओर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर पीएम को चिट्ठी लिखे जाने के अलावा उनकी पार्टी टीएमसी ने आंदोलन (TMC Protest) का भी मन बना लिया है। पार्टी की ओर से 10 और 11 जुलाई को पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन करके इस मुद्दे पर विरोध जताया जाएगा। माना जा रहा है कि जनता से जुड़े इस मुद्दे को लेकर अब ममता बड़ा अभियान छेड़ने की तैयारी में जुट गई हैं।

पीएम को लिखी चिट्ठी में जताई चिंता

हाल के दिनों में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर लोगों में नाराजगी दिख रही है। कई राज्यों में तो पेट्रोल की कीमत ने 100 के आंकड़े को भी पार कर लिया है। यही कारण है कि ममता बनर्जी ने आम लोगों से जुड़े इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान खींचा है। प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में उन्होंने पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों की ओर कीमतों की ओर उनका ध्यान खींचा है।

ममता का कहना है कि इस साल 4 मई के बाद कई बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि कीमतों में लगातार की जा रही बढ़ोतरी चौंकाने वाली है और ऐसा लगता है जैसे सरकार का आम लोगों से जुड़े इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई ध्यान ही नहीं है। इस बढ़ोतरी से आम लोगों के साथ ही किसान भी परेशान हैं मगर सरकार का आम लोगों की समस्याओं से कोई सरोकार ही रह नहीं रह गया है।

सिर्फ टैक्स वसूलने में जुटी है केंद्र सरकार

उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण ही यह हो रहा है। मुख्यमंत्री ने सरकार के रवैये पर चिंता जताते हुए कहा कि कीमतों की बढ़ोतरी ने आम लोगों का जीना दूभर कर दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने 2020-21 के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स से 3.71 लाख करोड़ की कमाई की है। सरकार केवल टैक्स के जरिए कमाई करने में जुटी हुई है मगर जनता को हो रही परेशानियों की और उसका कोई ध्यान नहीं है।

ममता ने कहा कि 2014-15 के बाद पेट्रोलियम उत्पादन से होने वाले टैक्स कलेक्शन में 370 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर केंद्र सरकार आम लोगों की दिक्कतें बढ़ाने में जुटी हुई है, वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में छूट देकर आम लोगों का संकट कम किया है।

टीएमसी करेगी राज्यव्यापी प्रदर्शन

दरअसल ममता बनर्जी पेट्रोल, डीजल और गैस की बढ़ती कीमतों को अब मुद्दा बनाने में जुट गई हैं। उनकी पार्टी टीएमसी की ओर से भी इसे लेकर आंदोलन की रूपरेखा बनाई जा रही है। इस सिलसिले में 10 और 11 जुलाई को टीएमसी की ओर से पूरे पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन करने की घोषणा की गई है। पार्टी नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार के उदासीन रवैये के कारण अब इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का फैसला किया गया है।

ममता का सरकार में मंत्री और टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी का कहना है कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से आम जनता परेशान है और इसीलिए हमने 10 और 11 को सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का फैसला किया है। इस दौरान पार्टी की ओर से कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाएगा।

आर-पार की लड़ाई के मूड में ममता

ममता बनर्जी अभी इस मुद्दे को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में दिख रही हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वे इस मुद्दे को लेकर बड़ा आंदोलन छेड़ सकती हैं। ममता के केंद्र सरकार से पहल ही विभिन्न मुद्दों पर तल्खी वाले रिश्ते रहे हैं। अब उन्होंने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर हमलावर रवैया अपना लिया है। जानकारों का कहना है कि आम जनता से जुड़े इस मुद्दे पर ममता बनर्जी बड़ा समर्थन जुटा सकती हैं। ममता इस मामले में अन्य विपक्षी दलों पर लीड लेती हुई दिख रही हैं। दूसरे दलों की ओर से सिर्फ बयानबाजी की जा रही है जबकि ममता बनर्जी इस मुद्दे को लेकर आंदोलन की तैयारी में जुट गई हैं।
Shivani

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