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Raj Bhavan West Bengal: पश्चिम बंगाल में राजभवन और ममता सरकार में तनातनी बढ़ी, VC की नियुक्ति के मुद्दे पर बिफरे गवर्नर धनखड़

Raj Bhavan West Bengal: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति की उपाधि वाले पदों से उन्हें हटाने के शिक्षा मंत्री के सुझाव पर कड़ी आपत्ति जताई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Chitra Singh
Published on: 27 Dec 2021 6:42 AM GMT
Jagdeep Dhankhar vs Mamata Banerjee
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जगदीप धनखड़ बनाम ममता बनर्जी

Raj Bhavan West Bengal: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच फिर तनातनी (jagdeep dhankhar vs mamata banerjee) बढ़ गई है। राज्यपाल ने राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति की उपाधि वाले पदों से उन्हें हटाने के शिक्षा मंत्री के सुझाव पर कड़ी आपत्ति जताई है। राज्यपाल ने कहा कि ऐसी स्थिति में तो मुख्यमंत्री को कुलाधिपति बनाने के साथ ही राज्य का राज्यपाल भी बना दिया जाना चाहिए।

धनखड़ ने दावा किया कि उन्हें जानकारी दिए बिना ममता सरकार की ओर से राज्य के कई विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियां की गई हैं। उन्होंने इस कदम को गलत करार देते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को फटकार भी लगाई।

नियुक्तियों की समीक्षा करेंगे राज्यपाल

उत्तरी बंगाल के दौरे पर पहुंचे राज्यपाल धनखड़ ने बागडोगरा एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य के कई विश्वविद्यालयों में मेरी मर्जी के बिना कुलपतियों की नियुक्तियां कर दी गई हैं। उन्होंने इन नियुक्तियों की समीक्षा करने और जरूरी होने पर सख्त कार्रवाई करने की बात भी कही।

जगदीप धनखड़ (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

दरअसल इस मामले ने शुक्रवार को शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की ओर से किए गए ट्वीट से तूल पकड़ा। शिक्षा मंत्री ने अपने ट्वीट में सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि क्या उस औपनिवेशिक विरासत को जारी रखने की जरूरत है जिसमें राज्यपाल राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के पदेन कुलाधिपति हैं? उनका कहना था कि इसकी जगह प्रतिष्ठित विद्वानों की इस पद पर नियुक्ति की जानी चाहिए। बाद में शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री को अंतरिम कुलाधिपति बनाए जाने का सुझाव भी दे डाला था।

शिक्षा मंत्री के बयान पर जताई नाराजगी

शिक्षा मंत्री के इस बयान पर राज्यपाल धनखड़ ने सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री के बयान पर मैं पूरी तरह आश्चर्यचकित रह गया। ऐसी स्थिति में तो मुख्यमंत्री को ही कुलाधिपति बनाने के साथ राज्य का राज्यपाल भी बना दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं शिक्षा मंत्री के बयान पर चकित रह गया कि उन्होंने मुझसे बात करने की जगह मुख्यमंत्री को कुलाधिपति बनाने का सुझाव दे डाला। उन्होंने प्रदेश सरकार के कदम को मनमानी भरा रवैया बताते हुए कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

शिक्षा मंत्री ने राजभवन को घेरा

दूसरी ओर शिक्षा मंत्री का आरोप है कि राज्यपाल राज्य सरकार को किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राजभवन की ओर से राज्य सरकार के काम में लगातार हस्तक्षेप किया जा रहा है। राजभवन के पास राज्य सरकार की कई फाइलें लंबित पड़ी हुई हैं मगर राज्यपाल की ओर से फाइलों पर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है। उनका यह भी कहना था कि राज्य सरकार की ओर से ऐसे प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है जिसमें राज्य संचालित विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बनाया जाएगा।

ब्रात्य बसु (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

काफी दिनों से चल रहा है विवाद

ममता सरकार से राज्यपाल की ट्यूनिंग पहले से ही काफी खराब चल रही है। राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा के मुद्दे पर भी राज्यपाल ने कड़ा रुख अपनाया था और ममता सरकार पर इस मामले में कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी समय-समय पर राज्यपाल को घेरती रही हैं। वे केंद्र सरकार से राज्यपाल को वापस बुलाने तक की मांग कर चुकी हैं। कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर पैदा हुए ताजे विवाद ने राजभवन और राज्य सरकार में चल रही तनातनी को काफी बढ़ा दिया है।

Chitra Singh

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