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ममता ने किया भवानीपुर की मस्जिद का दौरा, भाजपा ने बोला हमला-मुकाबले में छूट रहा सीएम को पसीना
मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए ममता ने भवानीपुर इलाके की चर्चित मस्जिद के सोला आना का दौरा किया। साथ में ममता ने लोगों से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की।
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में भवानीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव मैदान में उतरी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीत हासिल करने के लिए समीकरण बिठाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि इस चुनाव में ममता की स्थिति पहले ही मजबूत बताई जा रही है मगर फिर भी ममता कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही हैं। मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए ममता ने सोमवार को भवानीपुर इलाके की चर्चित मस्जिद के सोला आना का दौरा किया। ममता के आने की सूचना पाकर वहां काफी संख्या में लोग जुट गए जिनसे ममता ने विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की।
भवानीपुर इलाके में ममता की ओर से मस्जिद का दौरा किए जाने के बाद राज्य का सियासी माहौल गरमा गया है। भाजपा ने इस दौरे के लिए ममता को घेरते हुए कहा कि यह कहना गलत है कि ममता भवानीपुर में अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं। उनका मस्जिद दौरा इस बात का सबूत है कि उन्हें भवानीपुर में जीत हासिल करने में पसीना छूट रहा है। भवानीपुर सीट से ममता पहले ही नामांकन दाखिल कर चुकी हैं। यहां 30 सितंबर को मतदान होना है।
मस्जिद में की क्षेत्रीय लोगों से मुलाकात
तृणमूल कांग्रेस की ओर से भवानीपुर में एकतरफा चुनाव होने का दावा किया जा रहा है। पार्टी के नेता मदन मित्रा ने तो भाजपा को यहां से चुनाव न लड़ने तक की सलाह दे डाली थी। उनका कहना था कि यहां से चुनाव लड़ने वाले भाजपा उम्मीदवार के पैसे ही बर्बाद होंगे क्योंकि उसे किसी भी सूरत में यहां से जीत नहीं मिलने वाली। भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के इस बयान को बड़बोलापन करार दिया था। भाजपा यहां से प्रियंका टिबरेवाल को चुनाव मैदान में उतारकर ममता की घेरेबंदी में जुटी हुई है।
टीएमसी के एकतरफा जीत के दावों के बावजूद ममता बनर्जी इस चुनाव क्षेत्र में मेहनत करने में जुटी हुई हैं। ममता बनर्जी को गत विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं का जमकर समर्थन मिला था। अपने इस वोट बैंक को एकजुट बनाए रखने के लिए उन्होंने सोमवार को भवानीपुर इलाके की सोला आना मस्जिद का दौरा किया। ममता के आने की खबर बहुत तेजी से चुनाव क्षेत्र में फैली। काफी संख्या में लोग ममता से मिलने के लिए मस्जिद में पहुंच गए। इस मौके पर ममता बनर्जी ने स्थानीय लोगों से बातचीत करके उनकी समस्याएं जानी। उनका समाधान करने का आश्वासन भी दिया।
ममता के लिए चुनाव जीतना जरूरी
ममता के लिए भवानीपुर विधानसभा सीट पर जीत हासिल करना जरूरी है क्योंकि ऐसा न करने पर उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा। ममता बनर्जी पिछला विधानसभा चुनाव और नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में हार गई थी। उन्हें भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ने करीब 19 सौ वोटों से पराजित किया था। ममता की हार के बावजूद तृणमूल विधायकों ने उन्हें विधायक दल का नेता चुना था।
ममता ने गत 5 मई को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। ऐसी स्थिति में नवंबर के पहले हफ्ते तक उनके लिए विधानसभा सदस्य बनना जरूरी है। यही कारण है कि ममता अपनी ओर से इस चुनाव क्षेत्र में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही हैं। ममता की ओर से मस्जिद का दौरा किए जाने के कदम को मुस्लिम मतदाताओं पर पकड़ बनाए रखने का प्रयास माना जा रहा है।
ममता के मस्जिद दौरे पर भाजपा ने घेरा
ममता की ओर से मस्जिद का दौरा किए जाने के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री पर बड़ा हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में कहा कि तृणमूल कांग्रेस के लोग भवानीपुर में एकतरफा जीत बता रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि किसी को लगता है कि भवानीपुर में कोई प्रतियोगिता नहीं और ममता बनर्जी अपनी जीत को लेकर निश्चिंत हैं तो उसे अपनी सोच बदलनी चाहिए। सच्चाई तो यह है कि इस चुनाव क्षेत्र में ममता बनर्जी को पसीना छूट रहा है। उन्होंने कहा कि ममता का सोला आना मस्जिद का दौरा अचानक नहीं है बल्कि यह वोट मांगने के लिए की गई योजनाबद्ध यात्रा है।
भाजपा प्रत्याशी प्रियंका भी प्रचार में जुटीं
भवानीपुर में ममता का सामना करने के लिए भाजपा की ओर से प्रियंका टिबरेवाल को मैदान में उतारा गया है। प्रियंका ने सोमवार को नामांकन दाखिल करने के बाद क्षेत्र में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। उन्होंने गत शनिवार को कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट मंदिर जाकर पूजा अर्चना की थी। टीएमसी नेता और ममता के करीबी फिरहाद हकीम ने प्रियंका को लेकर भाजपा पर तंज भी कसा है। उन्होंने कहा कि ममता का मुकाबला करने के लिए भाजपा की ओर से एक युवा लड़की को मैदान में उतार दिया गया है। भाजपा ने इस टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा है कि एक युवा लड़की हमेशा युवा नहीं रहती। वह विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के बाद बड़ी होती है।
भवानीपुर में ममता की स्थिति मजबूत
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने नंदीग्राम सीट पर किस्मत आजमाई थी जबकि भवानीपुर विधानसभा सीट पर पार्टी की ओर से शोभन देव चटर्जी को चुनाव मैदान में उतारा गया था। चटर्जी ने सीट से जीत हासिल करने के बाद इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने ममता के विधायक बनने का रास्ता साफ करने के लिए ही सीट से इस्तीफा दिया था।
भवानीपुर विधानसभा सीट को ममता का गढ़ माना जाता है क्योंकि वे 2011 और 2016 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जीत का परचम फहरा चुकी हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान ममता के दो विधानसभा सीटों नंदीग्राम और भवानीपुर से चुनाव मैदान में उतरने की संभावना जताई जा रही थी मगर आखिरकार ममता ने सिर्फ नंदीग्राम सीट का चयन किया था जहां से उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी।
अब भवानीपुर सीट का महत्व ममता के लिए काफी बढ़ गया है क्योंकि जीत हासिल करने पर ही उनकी मुख्यमंत्री पद की कुर्सी बच सकती है। वैसे सियासी जानकारों की नजर में भाजपा के मुकाबले ममता की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। फिर भी ममता कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही हैं । भाजपा को भारी मतों से हराने की कोशिश में जुटी हुई हैं।