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Sadhan Pande Passed Away: पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री साधन पांडे का निधन, सीएम ममता बनर्जी ने व्यक्त किया दुख

Sadhan Pande Passed Away: तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता साधन पांडे (Sadhan Pande) का रविवार को इलाज़ के दौरान 71 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

Rajat Verma
Report Rajat VermaPublished By Shreya
Published on: 20 Feb 2022 12:46 PM IST
Sadhan Pande Passed Away: पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री साधन पांडे का निधन, सीएम ममता बनर्जी ने व्यक्त किया दुख
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साधन पांडे (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Sadhan Pande Passed Away: तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के खास सहयोगी वर्तमान कैबिनेट मंत्री साधन पांडे (Sadhan Pande) का रविवार को ईलाज़ के दौरान 71 वर्ष की आयु में निधन हो गया। साधन पांडे का इलाज मुम्बई में चल रहा था, तथा इसी दौरान मुम्बई में ही उनका निधन हो गया है।

इस दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने ट्वीट (Mamata Banerjee Twitter) कर अपना दुख व्यक्त किया तथा साथ ही दिवंगत साधन पांडे के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। ममता बनर्जी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि-"हमारे वरिष्ठ सहयोगी, पार्टी के नेता और कैबिनेट मंत्री साधन पांडे का आज सुबह मुंबई में निधन हो गया। लंबे समय से उनसे एक अद्भुत रिश्ता था। इस नुकसान पर गहरा दुख हुआ। उनके परिवार, दोस्तों, अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है।"

पश्चिम बंगाल किया जाएगा अंतिम संस्कार

साधन पांडे पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार में उपभोक्ता मामले, स्वयं सहायता समूह और स्वरोजगार कैबिनेट मंत्री के पद पर आसीन थे। साधन पांडे के शव को अंतिम संस्कार के लिए मुम्बई से पश्चिम बंगाल उनके निवास स्थान लाया जाएगा, जहां अंतिम संस्कार की समस्त प्रक्रियाएं पूर्ण की जाएंगी।

साधन पांडे की मृत्यु से यकीनन तृणमूल कांग्रेस के आधार को एक कुशल और अनुभवी राजनेता के रूप में। भारी नुकसान पहुंचेगा तथा इस क्षति की भरपाई होना भी लगभग असम्भव सा है।

जीवन परिचय (Sadhan Pande Wiki In Hindi)

साधन पांडे जी का जन्म 13 नवंबर 1950 को हुआ था। आपको बता दें कि साधन पांडे 2011 से लगातार पश्चिम बंगाल की मनिकताला विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस से विधायक निर्वाचित होते रहे हैं।

साधन पांडे पूर्व में कांग्रेस के नेता थे और 2011 तक छह बार बर्टोला विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे लेकिन 1998 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कलकत्ता नॉर्थ ईस्ट लोकसभा सीट से उनकी हार के बाद उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का दामन छोड़ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

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