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West Bengal: गृह मंत्री अमित शाह के सामने ममता बीएसएफ अधिकारियों से भिड़ीं, जानें क्यों नाराज हैं बंगाल सीएम
West Bengal: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की BSF के अधिकारियों के बीच बहस हो गई।
West Bengal: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजधानी कोलकाता में शनिवार यानी आज पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक (Eastern Zonal Council meeting) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की अध्यक्षता में हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक के दौरान मेजबान राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) और पाकिस्तान-बांग्लादेश की सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों के बीच बहस हो गई। ममता बीएसएफ के अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किमी अंदर तक के इलाके में कार्रवाई के अधिकार से नाराज हैं। बंगाल सीएम ने गृह मंत्री के सामने बीएसएफ को मिले इस अधिकारी पर कड़ा ऐतराज जताया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि बीएसएफ को मिले इस अधिकार से आम लोगों को परेशानी हो रही है। सीमा सुरक्षा बल के पास अधिक ताकत है, जो अफसरों और लोगों के बीच तालमेल नहीं बनने देता। बताते चलें कि ममता बीएसएफ को मिले इस अधिकार के विरूद्ध पिछले साल दिसंबर में पश्चिम बंगाल विधानसभा से प्रस्ताव भी पारित करा चुकी हैं।
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2021 में बढ़ाया था अधिकार
पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमा में तस्करी और अन्य गैर-कानूनी एवं राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल बीएसएफ की ताकत में इजाफा कर दिया था। अक्टूबर 2021 में केंद्र द्वारा बनाए गए नियम के तहत बीएसएफ को अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर तक के इलाके में कार्रवाई का अधिकार दिया गया है। इसके लिए मस्जिट्रेट के आदेश या वारंट की जरूरत नहीं होगी। बीएसएफ देश की सीमा से लगे 50 किमी तक के इलाके में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी कर सकती है। इस नियम से पहले बीएसएफ 15 किमी के दायरे में ही कार्रवाई कर सकती थी।
केंद्र के फैसले से कौन से राज्य हुए प्रभावित
बीएसएफ के अधिकारों का दायरा बढ़ाने से 12 राज्य इससे सीधे तौर पर प्रभावित हुए। इनमें पंजाब, असम, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं।
पंजाब और बंगाल ने किया था सबसे अधिक विरोध
केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस फैसले का सबसे तगड़ा विरोध दो विपक्ष शासित राज्यों पंजाब और वेस्ट बंगाल ने किया था। उस दौरान पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी। सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ –साथ विपक्षी पार्टी अकाली दल ने भी इसका पुरजोर विरोध किया था। तत्कालीन सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे राज्यों के अधिकार पर हमला करार दिया था।
वहीं, पश्चिम बंगाल में तो सीएम ममता बनर्जी ने इसके खिलाफ जोरदार अभियान भी चलाया था। उन्होंने यहां तक की बीएसएफ पर गांवों वालों की हत्या करने और अंतरराष्ट्रीय सीमा से गायों की तस्करी करने का आरोप लगा दिया था। ममता ने कहा था कि बीएसएफ लोगों की हत्या कर शव बांग्लादेश में फेंक देती है और इल्जाम पश्चिम बंगाल पुलिस पर लगता है।
बता दें कि कोलकाता में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी, झारखंड सीएम हेमंत सोरेन, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और ओडिशा के कैबिनेट मंत्री प्रदीप अमात शामिल हुए थे।