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नंदीग्राम किसका? ममता की किस्मत का फैसला आज, शुभेंदु से है महामुकाबला

इस बार के विधानसभा चुनाव में इस सीट को सबसे हॉट माना जा रहा है और पूरे देश की निगाहें इस सीट पर लगी हुई हैं।

Shivani
Published on: 1 April 2021 3:12 AM GMT
नंदीग्राम किसका? ममता की किस्मत का फैसला आज, शुभेंदु से है महामुकाबला
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अंशुमान तिवारी


नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल और असम की 69 विधानसभा सीटों पर आज दूसरे चरण का मतदान शुरू हो गया है। जिन विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है उनमें पश्चिम बंगाल की 30 और असम की 39 विधानसभा सीटें शामिल हैं। इन विधानसभा सीटों में नंदीग्राम कि वह सीट भी शामिल है जिस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।


इस बार के विधानसभा चुनाव में इस सीट को सबसे हॉट माना जा रहा है और पूरे देश की निगाहें इस सीट पर लगी हुई हैं। भाजपा ने इस सीट पर शुभेंदु अधिकारी को चुनाव मैदान में उतारकर ममता की तगड़ी घेरेबंदी की है।

पश्चिम बंगाल की 30 सीटों पर मतदान


पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के मतदान में 30 विधानसभा सीटों पर 75,94,549 मतदाता 71 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। इनमें 152 पुरुष उम्मीदवार शामिल हैं जबकि महिला प्रत्याशी सिर्फ 19 हैं। दूसरे चरण के मतदान के लिए पश्चिम बंगाल में 10,620 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। वही असम में दूसरे चरण की 39 सीटों पर 345 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा। इनमें 26 महिला उम्मीदवार शामिल हैं।




शुभेंदु को उतारकर ममता की घेरेबंदी


अपने लंबे सियासी जीवन में पहली बार अपना गढ़ छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव मैदान में उतरी ममता बनर्जी की सीट पर हर किसी की निगाह लगी हुई है। इस सीट पर भाजपा की चुनौतियों का सामना करने के लिए ममता बनर्जी ने कई दिनों से डेरा डाल रखा है।


हालांकि इस मामले में भाजपा की रणनीति कारगर साबित होती दिख रही है क्योंकि शुभेंदु अधिकारी के रूप में हैवीवेट उम्मीदवार उतारकर भाजपा ने ममता की तगड़ी घेरेबंदी की है। वहीं माकपा की ओर से युवा महिला नेता मीनाक्षी मुखर्जी को चुनाव मैदान में उतारा गया है।


दोनों दलों ने झोंकी पूरी ताकत


इस सीट को जीतने के लिए भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों ने पूरी ताकत झोंक रखी है और दोनों पक्षों की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि सियासी जंग में कौन किस पर भारी पड़ता है।




नंदीग्राम चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती है


नंदीग्राम में शांति व्यवस्था को बनाए रखना चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती साबित है। चुनाव आयोग के एक अफसर के मुताबिक शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए पूरे विधानसभा क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं हेलीकॉप्टर से भी इलाके की निगरानी की तैयारी है।


पूरे क्षेत्र में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चुनाव आयोग के मुताबिक कानून व्यवस्था की स्थिति को बहाल बनाए रखने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। सिर्फ नंदीग्राम में केंद्रीय बलों की 22 टुकड़ियों की तैनाती की गई है।


नंदीग्राम के सभी मतदान केंद्र संवेदनशील


इलाके में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुधवार को भी सुबह से ही केंद्रीय बलों के जवानों ने रूट मार्च शुरू कर दिया था। नंदीग्राम में 355 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और इन मतदान केंद्रों पर ड्रोन से कड़ी नजर रखी जाएगी। चुनाव आयोग पहले ही नंदीग्राम के सभी मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित कर चुका है।




देवराज सीट पर दो पूर्व आईपीएस में टक्कर


नंदीग्राम के अलावा देवरा विधानसभा सीट पर भी हर किसी की निगाह लगी हुई है जहां दो पूर्व आईपीएस अफसरों का मुकाबला हो रहा है। भाजपा ने इस विधानसभा सीट से पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि तृणमूल कांग्रेस की ओर से पूर्व आईपीएस हुमायूं कबीर चुनाव मैदान में उतरे हैं। कबीर ने चुनाव लड़ने के लिए हाल में चंदननगर के पुलिस आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया था। माकपा ने इस विधानसभा सीट पर प्राण कृष्ण मंडल को चुनाव मैदान में उतारा है।


इस विधानसभा सीट पर भी लोगों की निगाहें


चंडीपुर विधानसभा सीट भी हर किसी की नजर में है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने यहां बांग्ला फिल्मों के चर्चित अभिनेता सोहम चक्रवर्ती पर भरोसा जताया है। सोहम ने पिछला विधानसभा चुनाव बारजोरा सीट से लड़ा था मगर उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।


सोहम का मुकाबला करने के लिए भाजपा ने पुलक कांति गुरिया को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि माकपा के आशीष कुमार गुछाइत यहां से चुनाव मैदान में उतरे हैं। पूर्व क्रिकेटर अशोक डिंडा की सीट का फैसला भी दूसरे चरण के मतदान में ही होना है।


सभी सीटों पर भाजपा-टीएमसी में टक्कर


पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण की 30 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने सभी पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि माकपा ने 15 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। संयुक्त मोर्चा में शामिल कांग्रेस के प्रत्याशी 13 सीटों पर किस्मत आजमा रहे हैं जबकि 2 सीटों पर आईएसएफ ने अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं।




इन विधानसभा सीटों में से 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने 23 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि 5 पर वाममोर्चा के उम्मीदवार जीतने में कामयाब हुए थे। भाजपा और कांग्रेस ने एक-एक सीट जीतने में कामयाबी हासिल की थी।


असम में 39 विधानसभा सीटों पर मतदान


असम में दूसरे चरण की 39 विधानसभा सीटों के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 310 दस्ते और असम राज्य पुलिस की 90 कंपनियां तैनात की गई हैं। असम में 27 मार्च को 47 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था। असम की शेष विधानसभा सीटों पर अंतिम चरण का मतदान 6 अप्रैल को होगा। असम में इस बार भाजपा और कांग्रेस गठबंधन के बीच कड़ा सियासी मुकाबला हो रहा है।

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