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WB: ममता सरकार और राज्यपाल में बढ़ा विवाद, गवर्नर सीवी आनंद बोस ने कहा- मुख्यमंत्री राजभवन आएं और करें प्रदर्शन
WB Governor Vs CM Mamata Banerjee: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था, कि अगर राज्य सरकारों के अधिकार छीनकर 'संघवाद' में हस्तक्षेप किया गया तो मैं राजभवन के बाहर धरने पर बैठने के लिए मजबूर हो जाऊंगी।
WB Governor Vs CM Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल के बीच विवाद एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। ममता सरकार का नया टकराव अब गवर्नर सीवी आनंद बोस (Governor CV Anand Bose) से हुआ है। ये विवाद अब गहराता ही जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा की ओर से पारित विधेयकों को 'रोकने' के विरोध में राजभवन के बाहर धरना देने की चेतावनी दी थी। इसी पर गुरुवार (7 सितंबर) को राज्यपाल बोस ने उन्हें राजभवन के भीतर विरोध-प्रदर्शन करने को आमंत्रित किया है।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने आगे कहा, 'मैं सम्मानित संवैधानिक सहयोगी, मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वे राजभवन के अंदर आएं और अगर वो चाहें तो विरोध-प्रदर्शन करें। उन्हें (सीएम ममता) बाहर क्यों रहना चाहिए।'
CM ममता- बंगाल जानता है कि कैसे लड़ना है
दरअसल, शिक्षक दिवस के एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने कहा था, कि 'अगर (राज्य सरकारों के) अधिकार छीनकर 'संघवाद' में हस्तक्षेप किया गया तो मैं राजभवन के बाहर धरने पर बैठने के लिए मजबूर हो जाऊंगी। उन्होंने कहा, हम अन्याय नहीं होने देंगे। बंगाल जानता है कि कैसे लड़ना है। इंतजार करें और देखें।'
गवर्नर और ममता सरकार में तनातनी खूब बढ़ी
हाल ही में राज्य की ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल सीवी आनंद बोस के बीच कई मुद्दों पर तनातनी साफ देखी गई। कुछ दिन पहले ही राज्यपाल बोस ने राज्य-संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय (Presidency University), मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MAKAUT) और बर्धमान विश्वविद्यालय (Bardhaman University) सहित 8 यूनिवर्सिटीज के लिए अंतरिम उप-कुलपतियों (Interim Vice-Chancellors) की नियुक्ति की थी।
CM बनर्जी- हस्तक्षेप का हो रहा प्रयास
गवर्नर के इस कदम का मुख्यमंत्री बनर्जी ने कड़ी आलोचना की। सीएम बोलीं, 'राज्य-प्रशासित यूनिवर्सिटी के संचालन में हस्तक्षेप करने का प्रयास हो रहा है। एक समाचार एजेंसी के हवाले से बताया गया कि, 8 अन्य विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपतियों के नामों को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) जल्द ही जारी होंगे। मुख्यमंत्री ने ये भी आरोप लगाया कि राज्यपाल बोस समिति के सुझावों की परवाह किए बिना अपनी मर्जी से लोगों को नियुक्त कर रहे हैं।'
राज्यपाल भी दो-दो हाथ के मूड में !
वहीं, राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी आक्रामक नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार की ओर से पूर्व में की गई नियुक्तियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए मैंने अंतरिम कुलपतियों की नियुक्तियां की है। राज्यपाल ने ये भी कहा, वह राज्य के विश्वविद्यालयों को करप्शन और हिंसा से मुक्त रखने की अपनी लड़ाई आगे भी जारी रखेंगे। बोस बोले, 'मैं चाहता हूं कि राज्य के यूनिवर्सिटी हिंसा मुक्त हों। देश में ये सर्वश्रेष्ठ हों।'
'बंगाल दिवस' पर भी विवाद
विवाद धीरे-धीरे बढ़ता ही गया। इसके अलावा बंगाल दिवस (West Bengal Day) पर भी गतिरोध नजर आया। दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा ने गुरुवार (07 सितंबर) को 'बंगाली नव वर्ष' पोलिया बैसाख को राज्य दिवस के रूप में मनाने का एक प्रस्ताव पारित किया। सीएम ममता बनर्जी ने सदन में इस बात पर जोर दिया कि गवर्नर इस प्रस्ताव को मंजूरी दें या नहीं, इसी दिन को 'बंगाल दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। आपको बता दें, पश्चिम बंगाल के 294 सदस्यीय विधानसभा में 167 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान करते हुए प्रस्ताव पारित किया।