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Mamta Vs Dhankhar: आखिर क्यों राज्यपाल धनखड़ पर हमलावर हैं ममता, सीएम और राजभवन के बीच टकराव चरम पर
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ताजे आरोपों ने राज्य का सियासी तापमान और बढ़ा दिया है।
Mamta Vs Dhankhar: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ताजे आरोपों ने राज्य का सियासी तापमान और बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को भ्रष्ट बताते हुए आरोप लगाया कि उनका नाम हवाला केस में भी शामिल था। ममता के आरोपों पर पलटवार करते हुए राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि वे सनसनी फैलाने के लिए गलत बयानबाजी कर रही हैं। उन्होंने ममता के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि मुझे हवाला मामले में कभी दोषी नहीं ठहराया गया था और मुझे ममता जैसी वरिष्ठ नेता से ऐसे बेबुनियाद आरोपों की उम्मीद नहीं थी।
दरअसल ममता के पिछले कार्यकाल से ही राजभवन और मुख्यमंत्री के बीच रिश्तों में तल्खी रही है मगर विधानसभा चुनावों के बाद यह तल्खी काफी बढ़ चुकी है। चुनावी नतीजों की घोषणा के बाद हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर राज्यपाल ममता सरकार को लगातार घेरते रहे हैं। राज्यपाल की उत्तरी बंगाल की यात्रा ने आग में घी डालने का काम किया है। माना जा रहा है कि इसी कारण ममता ने राज्यपाल पर बड़ा आरोप लगाया है। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्यपाल पर राजभवन में अपने रिश्तेदारों की नियुक्ति करने का आरोप लगाया गया था।
हवाला जैन केस को लेकर बड़ा हमला
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में राज्यपाल धनखड़ पर कई बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का नाम हवाला जैन केस में शामिल था मगर उन्होंने कोर्ट में जाकर अपना नाम हटवाया। उनके खिलाफ अदालत में अभी भी एक याचिका लंबित है मगर फिर भी केंद्र सरकार की ओर से उन्हें राज्यपाल पद पर नियुक्त कर दिया गया।
तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ने कहा कि अगर केंद्र सरकार को धनखड़ के हवाला केस में शामिल होने की जानकारी नहीं थी तो उसे हवाला जैन केस की चार्जशीट को निकालना चाहिए और इस बात की पड़ताल करनी चाहिए कि उसमें धनखड़ का नाम शामिल था या नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल कोर्ट को मैनेज करने में कामयाब हो गए मगर अभी भी उनके खिलाफ एक याचिका लंबित है जिसमें अदालत का फैसला अभी तक नहीं आया है।
उत्तरी बंगाल के दौरे पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि मेरे तीन पत्र लिखने के बावजूद अभी तक केंद्र सरकार की ओर से उन्हें नहीं हटाया गया। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल धनखड़ के उत्तरी बंगाल के दौरे पर भी सवाल उठाए। ममता ने कहा कि वे इतने सारे लोगों को लेकर उत्तर उत्तरी बंगाल के दौरे पर क्यों गए थे। ममता ने आरोप लगाया कि दार्जिलिंग में राज्यपाल ने भाजपा के विधायक और भाजपा से जुड़े अन्य लोगों से मुलाकात की। राज्यपाल से मुलाकात करने वालों में ऐसे लोग शामिल थे जो राज्य का बंटवारा कराने की साजिश रच रहे हैं।
ममता के आरोपों को बेबुनियाद बताया
दार्जिलिंग का दौरा करने के बाद सोमवार को ही लौटे राज्यपाल धनखड़ ने भी ममता के इन आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने हवाला जैन केस में अपने खिलाफ चार्जशीट होने के ममता के आरोपों को पूरी तरह गलत बताया। उन्होंने कहा कि ममता जैसी वरिष्ठ नेता से सनसनी फैलाने के लिए गलत आरोप लगाने की कोई उम्मीद नहीं थी। उन्होंने हवाला चार्जशीट में किसी कोर्ट से स्टे लेने की बात को भी गलत बताया।
किसी भी सूरत में नहीं झुकूंगा
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए यशवंत सिन्हा का नाम लेते हुए धनखड़ ने कहा कि सिन्हा का नाम हवाला केस की चार्जशीट में जरूर शामिल था। इसलिए ममता को उनसे बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने ममता से सवाल किया कि क्या उन्हें इसलिए जनादेश मिला है कि सभी संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करके उन्हें नष्ट कर दिया जाए? अगर ममता के दिमाग में ऐसी बात है तो उन्हें इस बात की अनुमति नहीं दी जा सकती उन्होंने कहा कि ममता को एक बात समझ लेनी चाहिए कि मैं किसी भी सूरत में झुकने वाला नहीं हूं।
सीएजी की ओर से कराऊंगा ऑडिट
राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि उत्तरी बंगाल के दौरे में मुझे इस बात की जानकारी मिली है कि 2017 के बाद जीटीए का कोई चुनाव ही नहीं कराया गया। लोकल बॉडी के चुनाव तो लंबे समय से लंबित हैं। जीटीए में ऑडिट न होने का सवाल उठाते हुए राज्यपाल ने कहा कि मैंने इस बाबत जानकारी मांगी है और संवैधानिक नियमों के मुताबिक सीएजी की ओर से ऑडिट का काम कराया जाएगा। राज्यपाल ने ममता को कड़ा जवाब देते हुए कहा कि मैंने बच्चों के दस्ताने नहीं पहने हैं। मुझसे जो कुछ भी बन पड़ेगा, वह मैं जरूर करूंगा।
राज्यपाल से इसलिए नाराज हैं ममता
जानकारों का कहना है कि ममता और राजभवन के रिश्ते पहले से ही तल्ख़ रहे हैं मगर चुनावी नतीजों की घोषणा के बाद दोनों के बीच टकराव काफी बढ़ चुका है। ममता के अनुरोध को ठुकराते हुए राज्यपाल धनखड़ ने हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा किया था। वे नंदीग्राम के दौरे पर भी गए थे जहां ममता बनर्जी को शुभेंदु अधिकारी के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी है। राज्यपाल ने हिंसाग्रस्त इलाकों से पलायन करने वाले लोगों से मुलाकात करने के लिए असम का भी दौरा किया था।
उत्तरी बंगाल के दौरे ने किया और खफा
अब राज्यपाल की उत्तरी बंगाल की यात्रा ने ममता को और खफा कर दिया है। राज्यपाल की यात्रा से पहले ही तृणमूल कांग्रेस की ओर से इसे लेकर सवाल खड़े किए गए थे। राज्यपाल के उत्तरी बंगाल से लौटते ही ममता ने बड़ा हमला बोलते हुए राज्यपाल को घेरा है।
ममता राज्यपाल को हटाने की मांग को लेकर केंद्र सरकार को तीन पत्र लिख चुकी हैं मगर केंद्र सरकार की ओर से अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। यही कारण है कि ममता और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस लगातार राज्यपाल पर हमला करने में जुटी हुई हैं।