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West Bengal: अमित शाह के बंगाल दौरे से पहले BJP में भगदड़, दर्जन भर से अधिक नेताओं ने छोड़ी पार्टी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्तावित बंगाल दौरे से पहले उत्तर 24 परगना के बारासात में पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष समेत 15 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
West Bengal: 2021 के विधानसभा चुनाव में मिली करार हार के बाद से पश्चिम बंगाल में बीजेपी को लगातार झटके पे झटका मिल रहा है। कई भाजपा विधायकों के विद्रोह करने के बाद हालिया आसनसोल लोकसभा चुनाव में पार्टी अपनी सिटिंग सीट भी गंवा बैठी। बंगाल भाजपा में चल रही कलह अब खुलकर सामने आ गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्तावित बंगाल दौरे से पहले बड़ी संख्या में भाजपा नेताओं ने पार्टी छोड़ी है। उत्तर 24 परगना के बारासात में पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष समेत 15 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री औऱ पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 4 मई को तीन दिवसीय बंगाल दौरे पर आ रहे हैं। बीजेपी के राज्य उपाध्यक्ष सौमित्र खान ने दौरे की जानकारी देते हुए कहा कि गृह मंत्री शाह 4 मई को पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे। बैठक में शाह कार्यकर्ताओं से संगठन के कामकाज को लेकर फीडबैक भी लेंगे। आसनसोल लोकसभा उपचुनाव में मिली करारी हार को देखते हुए इसे काफी अहम माना जा रहा है।
बीजेपी में कलह
सख्त अनुशासन वाली पार्टी मानी जानी वाली बीजेपी में कलह का आलम ये है कि ताकतवर टीएमसी से लड़ने के बजाय पार्टी के नेता एक दूसरे की ही सियासी कब्र खोदने में लगे हुए हैं। बारासात में बीजेपी के 15 नेताओं ने जिलाध्यक्ष तपस मित्रा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया है। बागी नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष सुकांतो मजूमदार को लिखे खत में कहा है कि जिलाध्यक्ष मित्रा टीएमसी नेताओं के साथ मिलकर भ्रष्टाचार में संलिप्त है। बारासात के अलावा राज्य के अन्य जिलों में भी पार्टी के अंदर जबरदस्त कलह नजर आ रही है।
बांकुड़ा औऱ विष्णुपुर में भी पार्टी के अंदर बागी स्वर तेज हो गया है। भाजपा पंचायत सदस्य गौतम महतो ने बांकुड़ा जिलाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी भांग का सेवन करने वाले नेता को जिलाध्यक्ष बनाती है। वहीं विष्णुपुर में भी बीजेपी के नेताओं ने जिलाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
विधानसभा चुनाव में हार के बाद भगदड़
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बड़ी संख्या में टीएमसी के नेता बीजेपी में शामिल हुए थे। लेकिन जैसी ही बीजेपी सत्ता की लड़ाई में पिछड़ी बीजेपी से रिवर्स माइग्रेशन शुरू हो गया। मई 2021 में रिजल्ट आने के बाद से अबतक सात विधायक और एक लोकसभा सांसद पार्टी छोड़ चुके हैं। इनमें वरिष्ठ नेता और विधायक मुकुल रॉय, पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबूल सुप्रियो और पूर्व मंत्री रजीव बनर्जी जैसे कद्दावर चेहरे भी शामिल हैं।
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