Nadia Gangrape Case: नादिया गैंगरेप को लेकर ममता पर हमलावर हुई बीजेपी, पूछे ये सवाल

West Bengal News: पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में हुए गैंगरेप की घटना पर बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार से सवाल किया है कि मौत के बाद पीड़िता का न तो पोस्टमार्टम हुआ और न ही मृत्यु प्रमाणपत्र जारी हुआ। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अंत्येष्टि के दौरान पीड़िता जिंदा थी?

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Deepak Kumar
Published on: 15 April 2022 9:30 PM IST
Mamata Banerjee
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ममता बनर्जी (फोटो-सोशल मीडिया)

West Bengal News: पश्चिम बंगाल के नादिया जिले (Nadia District) में हुए गैंगरेप की घटना को लेकर ममता सरकार (Mamata Government) एकबार फिर विपक्ष के निशाने पर है। विपक्षी बीजेपी इसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) पर हमलावर है। इस कड़ी में बीजेपी ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि क्या गैंगरेप पीड़िता अंतिम संस्कार के दौरान जीवित थी। भाजपा ने अपने इस सवाल के पीछे तर्क देते हुए कहा कि मौत के बाद पीड़िता का न तो पोस्टमार्टम हुआ और न ही मृत्यु प्रमाणपत्र जारी हुआ। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अंत्येष्टि के दौरान पीड़िता जिंदा थी?

दरअसल बीते 4 अप्रैल को नदिया जिले (Nadia District) के हंसाखली में एक 14 वर्षिया लड़की का कथित रूप से गैंगरेप किया गया था। पीड़िता के परिवार का आरोप है कि उसकी बेटी के साथ गैंगरेप के बाद आरोपियों ने बगैर पोस्टमार्टम और मृत्यु प्रमाणपत्र के जल्दबाजी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया था।

बीजेपी ने खोला मोर्चा

विपक्षी बीजेपी नादिया गैंगरेप कांड (Nadia gangrape) को लेकर ममता सरकार (Mamata Government) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पीड़िता की मां से मिलने पहुंची भाजपा विधायक श्रीरूपा मित्र चौधरी (BJP MLA Srirupa Mitra Choudhary) ने कहा कि, जब उन्होंने पीड़िता की मां से पूछा की क्या उनकी बेटी जीवित थी, जब आरोपी उसे शमशान स्थल ले गए थे, उनके इस सवाल पर वह जमीन पर गिर गईं। भाजपा विधायक ने बताया कि पीड़ित नाबालिक लड़की रात भर दर्द से कराह रही थी और उसका काफी खून बह रहा था। फिर भी उसके मां – बाप पुलिस तो क्या डॉक्टर तक को फोन नहीं कर सके। क्योंकि इन्हें बुरी तरह से धमकाया गया था।

पुलिस की प्रतिक्रिया

इस मामले में पुलिस अधिकारी का भी कहना है कि बगैर पोस्टमार्टम और मृत्यु प्रमाणपत्र के इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है कि वो अंतिम संस्कार से पहले ही मर चुकी थी। यहां तक के गांव के पुजारी ने भी अनुष्ठान करने से यह कहकर इनकार कर दिया कि मृत्यु के समय और प्रकृति को लेकर वो अनिश्चित हैं। बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह मामला केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के हाथों में पहुंच चुका है। सीबीआई ने एक टीम गठित कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं बीरभूम हिंसा के बाद एकबार फिर ममता बनर्जी नादिया गैंगरेप केस को लेकर सवालों के घेरे में आ चुकी हैं।

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