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West Bengal News: बंगाल हिंसा पर बढ़ी ममता की मुसीबत, हाईकोर्ट के आदेश के बाद भाजपा हमलावर, राज्य सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मुद्दे पर ममता सरकार लगातार घिरती जा रही है। चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की सीबीआई और एसआईटी से जांच कराने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 21 Aug 2021 4:11 PM IST
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पश्चिम बंगाल: चुनाव के दौरान बंगाल हिंसा पर बढ़ी ममता की मुसीबत: फोटो- सोशल मीडिया

West Bengal News: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मुद्दे पर ममता सरकार लगातार घिरती जा रही है। चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की सीबीआई और एसआईटी से जांच कराने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश से भाजपा को एक बार फिर ममता सरकार को घेरने का मौका मिल गया है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश से साफ हो गया है कि उसे भी ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार पर कोई भरोसा नहीं रह गया है। पिछले काफी दिनों से खामोश रहने वाले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी चुनाव के बाद हुई हिंसा और क्रूरता को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इस बीच कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई सक्रिय हो गई है और उसने राज्य के डीजीपी से हिंसा से जुड़े मामलों का विवरण मुहैया कराने को कहा है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष: फोटो- सोशल मीडिया

हाईकोर्ट को भी सरकार पर भरोसा नहीं

पश्चिम बंगाल के चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हत्या और रेप से जुड़े मामलों की सीबीआई जांच कराई जाए जबकि हिंसा के अन्य मामलों की जांच एसआईटी से कराई जाए। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद राज्य की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस मुद्दे पर ममता सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार किसी मामले की जांच में विफल साबित होती है तभी सीबीआई की जरूरत पड़ती है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपनी निगरानी मैं हिंसा से जुड़े मामलों की जांच कराने का आदेश दिया है। इस आदेश से साबित हो गया है कि अदालत को राज्य में टीएमसी नेतृत्व वाली सरकार की जांच पर भरोसा नहीं रह गया है।

सीबीआई जांच से होगा खुलासा

उन्होंने कहा कि सीबीआई और एसआईटी की जांच से इस बात का खुलासा हो जाएगा कि भाजपा की ओर से चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर लगाए जा रहे आरोपों में कितना दम था। उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से विपक्षी नेताओं की बुलाई गई बैठक पर भी कटाक्ष किया।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने विपक्ष के नेताओं को पूरी तरह पैदल कर दिया है और अब उनके पास कोई काम नहीं रह गया है। वे इसी बहाने समय बिता रहे हैं और एक-दूसरे के साथ मुलाकात करके चाय पान कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से शुक्रवार को बुलाई गई इस बैठक में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने भी हिस्सा लिया था।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़: फोटो- सोशल मीडिया

गवर्नर ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया

इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने मानवाधिकारों की रक्षा के लिए युवाओं से आगे आने की अपील करते हुए कहा कि हिंसा की घटनाएं लोकतंत्र पर काला धब्बा हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा की घटनाओं ने इतना क्रूर रूप ले लिया जिन्हें देखकर किसी भी व्यक्ति का दिल दहल सकता है। उन्होंने कहा कि केवल युवा ही समाज में हिंसा फैलाने वाले लोगों के खिलाफ हो खड़े हो सकते हैं और उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। ऐसे में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए युवाओं को आगे आना होगा।

सीबीआई ने बढ़ाई सक्रियता, विवरण तलब

उधर कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। सीबीआई ने चुनाव के बाद राज्य में हत्या और रेप से जुड़ी घटनाओं का ब्योरा डीजीपी से तलब किया है। सीबीआई ने डीजीपी से इन घटनाओं से जुड़ी पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स, गवाहों और संदिग्धों के बयान और घटनाओं के सीक्वेंस का पूरा विवरण तलब किया है।

सीबीआई के निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल ने इन मामलों की जांच पड़ताल के लिए चार टीमों का गठन किया है। हर टीम में सात सदस्यों को शामिल किया गया है। सीबीआई के कोलकाता स्थित दफ्तर से जुड़े अफसरों को इन चारों स्पेशल टीमों की मदद करने का निर्देश भी दिया गया है। माना जा रहा है कि सीबीआई टीम के सक्रिय होने के बाद आने वाले दिनों में ममता सरकार की मुश्किलें और बढ़ेंगी। वैसे टीएमसी की ओर से हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के संकेत दिए गए हैं।

Shashi kant gautam

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