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West Bengal News: कोलकाता हाईकोर्ट का आदेश, "दुआरे राशन योजना" अवैध
West Bengal News: कोर्ट का मानना है कि सरकार द्वारा संचालित यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के विरुद्ध है
West Bengal News: कोलकाता हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कोलकाता सरकार की एक बार फिर से किरकिरी कर दी है। हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित "दुआरे राशन योजना" को अवैध घोषित कर दिया है। कोर्ट का मानना है कि सरकार द्वारा संचालित यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के विरुद्ध है। बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा राशन योजना के माध्यम से घर - घर राशन सामग्री उपलब्ध कराई जानी थी।
160 करोड़ का था बजट
बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार जिस समय योजना शुरू करने जा रही थी उस समय इस बात की घोषणा की थी कि इस योजना पर 160 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा घर-घर राशन पहुंचाने के लिए राशन डीलरों को 1-1 लाख रुपए वित्तीय सहायता के रूप में उपलब्ध कराएं जाने की व्यवस्था थी। इस योजना के माध्यम से 10 करोड़ नागरिकों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य था। सरकार ने दावा किया था कि इस योजना के माध्यम से 42000 नौकरियों सृजित होंगी।
राशन डीलरों में थी नाराजगी
इस योजना से राशन डीलर काफी नाराज थे। उनका मानना था कि प्रत्येक घर राशन पहुंचाना एक कठिन कार्य है। इसी बात को लेकर राशन डीलरों ने पश्चिम बंगाल हाई कोर्ट में अपील की थी। 11 सितंबर को हुई सुनवाई में मामले को सुरक्षित रख लिया गया था।
हाई कोर्ट में अपील करते हुए डीलरों ने बताया कि पश्चिम बंगाल कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप न होने के कारण हर घर राशन पहुंचाना आसान कार्य नहीं है। डीलरों के तर्क को सार्थक मानते हुए हाईकोर्ट ने ममता सरकार से जवाब मांगा सरकार ने बताया कि जिस गांव में राशन बटन होगा डीलर वहां पर अपने वहां ले जाकर खड़ा कर देंगे और वहां के राशन कार्ड धारक आ कर राशन ले लेंगे। ममता द्वारा दिए गए इस तर्क को हाईकोर्ट ने नहीं माना।