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West Bengal Panchayat Election: पंचायत चुनाव में दीदी की कड़ी परीक्षा, बेरोजगारी का मुद्दा बनेगा चुनौती
West Bengal Panchayat Election 2023: लगभग 45 लाख नए मतदाताओं के मतदाता सूची में शामिल होने की संभावना है। नए मतदाताओं की संख्या राज्य के मतदाताओं के 10 फीसदी से थोड़ा कम है।
West Bengal Panchayat Election 2023: पश्चिम बंगाल में 2023 के पंचायत चुनाव सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होने जा रहे हैं। दीदी यानी ममता बनर्जी के लिए ये चुनाव काफी महत्वपूर्ण हैं।
राज्य में त्रिस्तरीय चुनाव प्रक्रिया से पहले लगभग 45 लाख नए मतदाताओं के मतदाता सूची में शामिल होने की संभावना है। नए मतदाताओं की संख्या राज्य के मतदाताओं के 10 फीसदी से थोड़ा कम है। टीएमसी के सूत्र मानते हैं कि यह वृद्धि चिंता का विषय है, क्योंकि ग्रामीण चुनावों में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा होगा।
राज्य चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, पंचायत चुनावों में मतदाताओं की संख्या 2018 में 5.08 करोड़ मतदाताओं की तुलना में लगभग 5.53 करोड़ होने की संभावना है। अगर 5 जनवरी को प्रकाशित होने वाली नई सूची को पंचायत चुनावों के लिए अपनाया जाता है, तो नए मतदाताओं की संख्या और बढ़ सकती है।" हालांकि, मतदाताओं की संख्या में वृद्धि से ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों या जिला परिषदों की संख्या में वृद्धि नहीं होगी। नए मतदाताओं को समायोजित करने के लिए मौजूदा ग्रामीण निकायों में सीटों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
पंचायत चुनाव में मनरेगा के मसला बहुत नाजुक है। केंद्र की मनरेगा परियोजना के तहत धन रोके जाने के साथ ग्रामीण इलाकों में रोजगार सिमट गया है। ।मनरेगा के केंद्रीय कोष के खर्च में कथित अनियमितताओं के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करने वाले मनरेगा के तहत धन की रिहाई दिसंबर से रोक दी गई है।
विपक्ष चूंकि बेरोजगारी को लेकर टीएमसी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूकता है सो पंचायत चुनाव टीएमसी लिए एक चुनौती होगी। नए मतदाता वे हैं जिन्होंने पिछले तीन-चार वर्षों में 18 वर्ष की आयु प्राप्त की है। उनमें से कई ने पढ़ाई पूरी कर ली है और नौकरी की तलाश कर रहे हैं।
चलो ग्राम अभियान
इस बार की चुनौतियों के मद्देनजर, पंचायत चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस एक नया अभियान शुरू करने जा रही है, जिसका नेतृत्व महिला ब्रिगेड करेगी। नए अभियान के साथ टीएमसी 2023 में पंचायत चुनावों के लिए महिला मतदाताओं को लुभाना चाहती है। इस अभियान का नाम 'चोलो ग्राम' रखा गया है, जहां टीएमसी की महिला नेता और कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल की हर ग्राम पंचायत के प्रखंडों का दौरा करेंगी। यह अभियान एक नवंबर से हावड़ा में शुरू हुआ है और 12 जनवरी तक चलेगा।टीएमसी इस अभियान के जरिये उन योजनाओं के लाभों का प्रचार करने की योजना बना रही है जो ममता बनर्जी ने 2021 के चुनावों के बाद लागू की थीं।