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West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में BJP का संकट बढ़ा, केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर नाराज, बंगाल भाजपा के सारे व्हाट्सएप ग्रुप छोड़े
West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में BJP का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। भाजपा का ताजा संकट शांतनु ठाकुर की नाराजगी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बंगाल भाजपा के सारे व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए हैं।
West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) के बाद भाजपा के कई विधायक (BJP MLA) पार्टी छोड़कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो चुके हैं। भाजपा का ताजा संकट केंद्रीय बंदरगाह व जहाजरानी राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर (Shantanu Thakur) की नाराजगी से जुड़ा हुआ है। ठाकुर मतुआ समुदाय (Matua Community) को ज्यादा तवज्जो न दिए जाने से नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने बंगाल भाजपा के सारे व्हाट्सएप ग्रुप (BJP WhatsApp Group) छोड़ दिए हैं।
शांतनु ठाकुर (Shantanu Thakur) के बंगाल भाजपा के सभी व्हाट्सएप ग्रुपों से नाता तोड़ने के बाद उनके सियासी भविष्य को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही है। वे पहले भी मतुआ समुदाय की अनदेखी को लेकर नाराजगी जता चुके हैं। ऐसे में उनके भविष्य में बड़ा सियासी फैसला लेने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
मतुआ समुदाय की अनदेखी से नाराज
केंद्र सरकार में राज्यमंत्री का पद संभाल रहे ठाकुर नॉर्थ 24 परगना जिले में बोनगांव लोकसभा सीट से सांसद है। मतुआ समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के लिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन्हें मंत्री बनाया गया है। ठाकुर भाजपा की प्रदेश समिति में मतुआ समुदाय से जुड़े लोगों को ज्यादा महत्व न दिए जाने से नाराज हैं और इसे लेकर वे पहले भी नाराजगी जता चुके हैं। अब उन्होंने बंगाल भाजपा के सारे व्हाट्सएप ग्रुप छोड़कर अपनी नाराजगी का एक और संकेत दिया है।
वैसे ठाकुर के करीबी सूत्रों का कहना है कि उनके भाजपा छोड़कर टीएमसी में शामिल होने की कोई संभावना नहीं है। उनका कहना है कि ठाकुर पार्टी में रहकर ही मतुआ समुदाय से जुड़े लोगों की आवाज बुलंद करेंगे। ठाकुर की असली नाराजगी दिलीप घोष (Dilip Ghosh) के खेमे से बताई जा रही है। घोष पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (West Bengal President) रहे हैं और उनके कार्यकाल के दौरान भी ठाकुर की अनदेखी की गई थी। प्रदेश समिति में घोष खेमे से जुड़े सदस्यों के प्रभुत्व से ठाकुर नाराज हैं।
भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजुमदार (Sukanta Majumdar) ने 23 दिसंबर को पार्टी की प्रदेश समिति की घोषणा की थी। इस सूची में मतुआ समुदाय को महत्व न दिए जाने पर ठाकुर पहले ही नाराजगी जता चुके हैं।
जल्द करेंगे सियासी भविष्य का खुलासा
ठाकुर का कहना है कि वे जल्द ही अपने भविष्य को लेकर मीडिया से बातचीत करेंगे। उनका यह भी कहना है कि उन्होंने पश्चिम बंगाल भाजपा के व्हाट्सएप ग्रुपों से नाता तोड़ा है मगर वे भाजपा से जुड़े अन्य ग्रुपों में अभी भी शामिल हैं। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ठाकुर उचित समय और स्थान पर मतुआ समुदाय से जुड़े मुद्दों को उठाने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने अभी तक किसी दूसरे दल से कोई संपर्क नहीं किया है। दूसरी पार्टी के लोगों ने भी उन्हें अभी तक एप्रोच नहीं किया है। वैसे ठाकुर की ओर से उठाए गए कदम को भाजपा से नाराजगी का संकेत जरूर माना जा रहा है।
पांच भाजपा विधायक भी तोड़ चुके हैं नाता
ठाकुर से पहले मतुआ समुदाय से जुड़े पांच भाजपा विधायकों ने भी बंगाल भाजपा के सारे व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए थे। ठाकुर ने इन पांच भाजपा विधायकों के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) से मिलने का समय मांगा था। पार्टी नेतृत्व ठाकुर और मतुआ समुदाय से जुड़े अन्य विधायकों की नाराजगी दूर करने की कोशिश में जुटा हुआ है। नड्डा ने भी इन सभी भाजपा नेताओं को आश्वासन दिया है कि उनकी शिकायतें सुनी जाएंगी और उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा। ठाकुर की नाराजगी में नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा भी बड़ा कारण माना जा रहा है। सीएए को लागू करने में हो रही देरी से भी मतुआ समुदाय की नाराजगी बढ़ी है जिसे लेकर ठाकुर परेशान बताए जा रहे हैं।
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