TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Aaditya Thackeray: क्या हैं आदित्य ठाकरे के बिहार दौरे के मायने? जानें ठाकरे परिवार का बिहार कनेक्शन

Aaditya Thackeray Bihar Visit: शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता आदित्य ठाकरे बिहार दौरे पर हैं। जानें 'बाहरी' कह बिहारियों को महाराष्ट्र से खदेड़ने वाली पार्टी के क्या हैं सियासी मायने?

aman
Written By aman
Published on: 23 Nov 2022 12:27 PM IST (Updated on: 23 Nov 2022 12:29 PM IST)
aaditya thackeray bihar visit why shivsena leader go to bihar and meet tejashwi yadav bmc election
X

आदित्य ठाकरे (Social Media)

Aaditya Thackeray Bihar Visit: कालचक्र जब घूमता है तो अच्छे-अच्छों को अपने रास्ते बदलने पड़ते हैं। ऐसा ही कुछ हो रहा है शिवसेना (ठाकरे गुट) के साथ। महाराष्ट्र की क्षेत्रीय क्षत्रप शिवसेना कल तक बिहारियों को खदेड़ने की बात करती थी, आज उसी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व बिहार दौरे पर है। जी हां, इसे समय की नजाकत कहिए या मजबूरी। शिवसेना (ठाकरे गुट) के नेता आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) आज बिहार दौरे पर हैं। उनके इस दौरे के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे आज बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से मुलाकात कर रहे हैं। आदित्य के बिहार के अप्रत्याशित दौरे ने महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में तापमान बढ़ा दिया है। आदित्य के इस दौरे पर शिंदे खेमे के प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कटाक्ष भी किया है।

आदित्य के बिहार दौरे के क्या हैं मायने?

दरअसल, आने वाले दिनों में मुंबई नगर निगम के चुनाव होने हैं। मुम्बई सहित महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में बड़ी संख्या में बिहारी समुदाय के लोग रहते हैं। कई वहां के स्थायी निवासी भी हैं, जो वोट डालते हैं। उसी बिहारी वोट को अपने हक़ में करने के मकसद से आदित्य ठाकरे बिहार के दौरे पर हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव से गलबहियां भी उसी बिहारी मतदाता को अपने पक्ष में करने की एक कोशिश है।

कई बार बिहारियों को खदेड़ा गया

गौरतलब है कि, लंबे समय तक शिवसेना की राजनीति बिहार-यूपी के लोगों को वहां से भगाने की रही है। शिवसेना का मानना रहा है कि, 'बाहरी' यहां आकर धीरे-धीरे संसाधनों पर कब्ज़ा कर लेते हैं। इससे स्थानीय लोगों को रोजी-रोजगार में दिक्कतें आती हैं।' शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का भी मानना रहा है कि, महाराष्ट्र में नौकरी आदि पर पहले वहां के लोगों का हक़ है। शिवसैनिक कई बार बिहारियों पर हमले कर उन्हें डराते-धमकाते भी रहे हैं। एक-दो नहीं बल्कि कई बार ऐसा हुआ है जब बिहारियों को महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से जान बचाकर भागना पड़ा है। ऐसे में आदित्य ठाकरे की ये बिहार यात्रा कितना असर डालेगी, कहना मुश्किल है।

सुशांत मामले में भी हुआ था 'बाहरी' अटैक

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के बाद भी इस तनातनी को देखा गया था। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिये भी लगातार बिहारियों को निशाना बनाते रहे थे। सुशांत मामले की तफ्तीश के दौरान सामना में छपे एक लेख में कहा गया था, 'महाराष्ट्र के भूमिपुत्रों को एक हो जाना चाहिए। ये मुश्किल भरा दौर है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को ग्रहण लगाने का प्रयास एक बार फिर शुरू हो गया है। ये ग्रहण 'बाहरी' लोग लगा रहे हैं।' मगर, ये सियासतदां कब पलटी मार जाएं, कहा नहीं जा सकता। आज उसी 'बाहरी' के वोट के लिए आदित्य बिहार की यात्रा पर हैं।

क्या है ठाकरे परिवार का बिहार कनेक्शन?

क्या आपको पता है कि, ठाकरे परिवार का बिहार से एक कनेक्शन भी है। महराष्ट्र के बाला साहेब ठाकरे परिवार का बिहार से गहरा नाता है। कहा जाता है कि, मुंबई का ठाकरे परिवार बिहार के मूल निवासी हैं। अंग्रेजी अख़बार, 'द हिंदू' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्वर्गीय प्रबोधनकार केशव सीताराम ठाकरे की पुस्तक 'ग्राम्यंचा सदिंता इतिहास अरहत नोकरशाहिचे बंदे' में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि चंद्रसेनिया कायस्थ प्रभु समुदाय, जिससे ठाकरे परिवार संबंध रखता है। प्राचीन मगध अर्थात वर्तमान बिहार से बाहर चले गए थे। यही परिवार महाराष्ट्र में जाकर बस गया था, जो आज राजनीतिक रसूख रखता है।

तेजस्वी भी जा सकते हैं मुंबई

इसी बीच आदित्य ठाकरे देश के कई युवा नेताओं से मिलकर बीजेपी विरोधी एकजुटता को सशक्त करने में जुटे हैं। हाल ही में आदित्य कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' शामिल हुए थे। उसके बाद आज उनकी मुकालात बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से हो रही है। आदित्य विपक्षी एकजुटता को धार देने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, ये भी नहीं भूलना चाहिए कि आगामी महीने में मुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी चुनाव होने हैं। संभव है, कि मनपा चुनावों के दौरान तेजस्वी यादव भी मुंबई जाएं और बिहारी मूल के लोगों से शिवसेना (ठाकरे गुट) के समर्थन में वोट डालने की अपील करें।



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story