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Agneepath Scheme: इधर जल रहा पूरा बिहार, उधर नीतीश कुमार की चुप्पी पर उठने लगे सवाल

Agneepath Scheme Protest latest Update: अग्निपथ योजना पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं। अभी तक नीतीश कुमार ने इस बाबत कोई भी बयान नहीं दिया है। नीतीश कुमार के इस रवैए को लेकर बिहार के सियासी हलकों में सवाल उठने लगे हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 17 Jun 2022 7:29 PM IST
Agneepath Scheme Protest latest Update:
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Agneepath Scheme Protest latest Update:

Agneepath Scheme Protest: केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से सेना में भर्ती के लिए घोषित की गई नई योजना अग्निपथ (AGNIPATH SCHEME) का सबसे तीखा विरोध बिहार में ही किया जा रहा है। इस स्कीम के विरोध की शुरुआत भी बिहार से ही हुई और बाद में यह आंदोलन देश के दूसरे राज्यों में फैल गया। आंदोलन का सबसे उग्र विरोध बिहार में ही किया जा रहा है और अभी तक आगजनी और तोड़फोड़ की सर्वाधिक घटनाएं बिहार में ही हुई हैं। नाराज युवाओं की ओर से भाजपा नेताओं के ठिकानों पर भी हमले किए जा रहे हैं।

इस पूरे प्रकरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि उनकी पार्टी के नेताओं की ओर से इस स्कीम को लेकर सवाल जरूर खड़े किए गए हैं मगर अभी तक नीतीश कुमार ने इस बाबत कोई भी बयान नहीं दिया है। यहां तक कि उन्होंने राज्य के युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील तक नहीं की है। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के इस रवैए को लेकर बिहार के सियासी हलकों में सवाल उठने लगे हैं। माना जा रहा है कि इसके जरिए नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) भाजपा (BJP) पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

बिहार पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल

केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से मंगलवार को अग्निपथ की स्कीम की घोषणा की गई थी और बुधवार की सुबह से ही बिहार में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं की शुरुआत हो गई। हिंसा की शुरुआत के बाद तीन दिन बीत चुके हैं और अभी तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। बिहार के स्टेशनों पर पूरी तरह अराजकता का माहौल दिख रहा है और ट्रेनों की बोगियां आग के हवाले की जा रही हैं। विक्रमशिला एक्सप्रेस की सभी 23 बोगियों को उपद्रवियों ने फूंक डाला। इस ट्रेन के अलावा कई और ट्रेनों को भी उपद्रवियों ने निशाना बनाया है।

इस पूरे मामले में सबसे काबिलेगौर बात बिहार पुलिस की निष्क्रियता है। बिहार के किसी भी जिले में पुलिस अभी तक आंदोलनकारियों से निपटने में मुस्तैद नहीं दिख रही है। कई स्टेशनों पर यात्रियों की जान पर खतरा भी पैदा हो गया मगर बिहार पुलिस ज्यादा सक्रिय नहीं दिखी। बिहार पुलिस के इस रवैए को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

जदयू नेताओं का विरोध और नीतीश की चुप्पी

बिहार में नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) भाजपा के समर्थन की बदौलत ही मुख्यमंत्री बने हुए हैं मगर भाजपा नेताओं को निशाना बनाए जाने पर भी उनका कोई बयान अभी तक नहीं आया है। जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह, विजेंद्र यादव, केसी त्यागी और हम के नेता जीतन राम मांझी केंद्र सरकार से इस स्कीम पर पुनर्विचार की मांग कर चुके हैं।

जदयू के इस रवैए को देखते हुए माना जा रहा है कि नीतीश कुमार भी इस स्कीम से सहमत नहीं हैं मगर खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं। अभी तक उन्होंने इस स्कीम को लेकर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं जताई है। उन्होंने अभी तक अग्निवीरों को बिहार में प्राथमिकता देने का ऐलान भी नहीं किया है जबकि भाजपा की ओर से यह मांग खुलकर की जा चुकी है। अब ऐसे में नीतीश कुमार का रुख सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।

भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश

सियासी जानकारों का मानना है कि इस मुद्दे पर नीतीश कुमार भाजपा पर अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हाल के दिनों में भाजपा और नीतीश कुमार के बीच भीतरी तौर पर तनातनी की खबरें बाहर आती रही हैं। राजद की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी के बाद राजद और जदयू में बढ़ती नजदीकी भी सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी थी।

बिहार के मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (RLD) ने खुलकर अग्निपथ स्कीम का विरोध किया है। युवाओं के समर्थन में राजद की ओर से शनिवार को बिहार बंद का आह्वान भी किया गया है। जदयू नेताओं ने आंदोलन जैसा कोई बयान तो नहीं दिया है मगर इस स्कीम पर पुनर्विचार की मांग करके जदयू ने अपना रुख जरूर स्पष्ट कर दिया है।

माना जा रहा है कि नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के कहने पर ही जदयू नेताओं की ओर से इस तरह का बयान दिया जा रहा है। ऐसे में अग्निपथ स्कीम का बिहार की सियासत पर गहरा असर पड़ता दिख रहा है। अब ऐसे में सबकी निगाहें नीतीश कुमार पर टिकी हुई हैं कि आने वाले दिनों में वे इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं।



Deepak Kumar

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