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Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना पर बिहार NDA में खींचतान, जदयू और मांझी ने किया विरोध, केंद्र से पुनर्विचार की मांग
Agnipath Scheme: जदयू के नेता मंत्री विजेंद्र यादव ने अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। राजीव रंजन सिंह और हम के नेता जीतन राम मांझी ने भी अपना बयान दिया है।
Agnipath Scheme: केंद्र सरकार की ओर से सेना में भर्ती (Army Recruitment) के लिए लाई गई अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) का बिहार (Bihar Youth) के युवाओं की ओर से तीखा विरोध (Agnipath Scheme Protest) किया जा रहा है। बिहार के विभिन्न जिलों में युवा सड़कों पर उतर आए हैं और कई स्थानों पर तोड़फोड़ और आगजनी की गई है। युवाओं की ओर से ट्रेनों को भी निशाना बनाया जा रहा है। इस मामले का सियासी असर भी पड़ता दिख रहा है और राज्य में सत्तारूढ़ एनडीए (NDA) गठबंधन के दो प्रमुख दलों जदयू (JDU) और भाजपा (BJP) के बीच आपसी तकरार शुरू हो गई है।
जदयू के नेता और नीतीश सरकार (Nitish Sarkar) में मंत्री विजेंद्र यादव (Vijendra Yadav) ने अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और हम के नेता जीतन राम मांझी का भी कहना है कि यह योजना युवाओं को स्वीकार नहीं है। इसलिए केंद्र सरकार को इस मामले में पुनर्विचार करना चाहिए। दूसरी ओर राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने मांग की है कि विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों की तरह बिहार सरकार को भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की घोषणा करनी चाहिए। इस मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन में लगातार खींचतान बढ़ती जा रही है।
युवाओं को योजना स्वीकार नहीं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों की ओर से अग्निपथ ही योजना की घोषिणा के दूसरे दिन गुरुवार को बिहार के विभिन्न जिलों में उपद्रव शुरू हो गया। गुरुवार को कई रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ और ट्रेनों को फूंकने की घटनाएं हुईं। केंद्र सरकार की इस योजना से नाराज युवाओं ने कई जिलों में जाम भी लगाया। शुक्रवार को भी सुबह से ही बिहार के विभिन्न हिस्सों में छात्र सड़कों पर उतर आए। छात्रों की ओर से खासतौर पर रेलवे की संपत्ति को निशाना बनाया जा रहा है।
युवाओं की इस नाराजगी को भांपते हुए जदयू का कहना है कि सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। नीतीश सरकार में वरिष्ठ मंत्री और जदयू नेता विजेंद्र यादव का कहना है कि युवाओं को यह योजना स्वीकार नहीं है। ऐसे में सरकार को युवाओं से बातचीत करके उनकी समस्याओं का निराकरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह योजना युवाओं के लिए बनाई गई है और जब युवा ही इससे सहमत नहीं हैं,तब इस योजना का क्या मतलब है। जब युवाओं की ओर से इसका तीखा विरोध किया जा रहा है तो सरकार को युवाओं के विभिन्न संगठनों से बातचीत करनी चाहिए।
जदयू अध्यक्ष ने योजना को बताया खतरनाक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने भी केंद्र सरकार से इस योजना पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उन्होंने इस योजना को देश के लिए खतरनाक तक बता डाला। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं के मन में असंतोष, निराशा और अंधकारमय भविष्य का भय दिख रहा है और ऐसे में केंद्र सरकार को निश्चित रूप से इस योजना पर पुनर्विचार करना चाहिए। युवा किसी भी सूरत में इस योजना को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं।
ललन सिंह का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी हैं। अभी तक बिहार सरकार की ओर से अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की कोई भी घोषणा नहीं की गई है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी मोदी सरकार से इस योजना पर पुनर्विचार करने की मांग की है। हम के मुखिया जीतन राम मांझी ने इस योजना को बेकार बताते हुए इसे अविलंब वापस लेने की मांग कर डाली है।
दूसरी सरकारों की तरह पहल करें नीतीश
दूसरी और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता मोदी ने इस मुद्दे पर सरकार का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों की तरह नीतीश सरकार को भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में अग्निपथ योजना का विरोध करने के दौरान भाजपा नेताओं को निशाना बनाया जा रहा। उन्होंने इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए युवाओं से किसी भी बहकावे में न आने की अपील भी की। भाजपा नेता ने कहा कि युवाओं की आड़ में असामाजिक तत्व माहौल खराब करने और कानून व्यवस्था को चुनौती देने में जुटे हुए हैं। ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
एक ओर केंद्र सरकार अग्नीपथ योजना को वापस लेने के मूड में नहीं दिख रही है तो दूसरी ओर इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ गठबंधन में तकरार लगातार बढ़ती जा रही है। इस मुद्दे पर अभी तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया नहीं जताई है। सियासी हल्कों में नीतीश की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।