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Ambulance Scam: बिहार में सामने आया बड़ा एंबुलेंस घोटाला, 21 लाख में खरीदी गई 7 लाख की गाड़ी

Ambulance Scam In Bihar: पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने एमएलए और एमएलसी फंड से दिए गए एंबुलेंस में घोटाले का आरोप लगाया है।

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Newstrack NetworkPublished By Ashiki
Published on: 2 Jun 2021 3:47 PM IST
Ambulance
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 एंबुलेंस (Photo-Social Media)

Ambulance Scam: कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर ने देश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी। अभी भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी (Rajiv Pratap Rudy) से जुड़ा एंबुलेंस छिपाए जाने का मामला पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि बिहार में एक और एंबुलेंस घोटाला (Ambulance Scam) का मामला प्रकाश में आया है।

पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने एमएलए और एमएलसी फंड से दिए गए एंबुलेंस में घोटाले का आरोप लगाया है। विक्रम कुंवर ने दावा किया है कि 7 से 8 लाख की एंबुलेंस 21 से 22 लाख में खरीदी गई है। इतना ही नहीं इस मामले का दस्तावेज दिखाते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से जांच की मांग भी की है।

विक्रम कुंवर का दावा है कि एम्बुलेंस गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (Government E-Market place) यानी GEM पोर्टल से खरीदने के बजाय किसी अन्य संस्था से खरीदी गई है। एंबुलेंस और अन्य सामान का ज्यादा मूल्य बढ़ा कर लिखा गया है और उसकी राशि निकाल ली गई है। साथ ही विक्रम कुंवर ने सीएम नीतीश कुमार के साथ ही निगरानी विभाग के प्रधान सचिव समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को पत्र लिखकर एंबुलेंस खरीदारी में पद का गलत इस्तेमाल करते हुए सुनियोजित षड्यंत्र के तहत सरकारी रूपये की क्षति करने का आरोप लगाया है।

उधर, घोटाले का खुलासा होने के बाद बीजेपी MLC टुन्ना पांडे ने कहा कि हमारा काम सिर्फ अनुशंसा करना होता है और अगर इसमें घोटाले की बात सामने आ रही है तो जांच की जाएगी। वहीं इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता संजय मयूख ने कहा कि बिहार में सुशासन की सरकार है और क़ानून अपना काम करेगा। विक्रम कुंवर इंवेस्टिगेशन एजेंसी नहीं हैं। उन्होंने मामला ध्यान में लाया है और इस पर सरकार समुचित कार्रवाई करेगी।

डीएम ने बनाई जांच टीम

वहीं अब खबर आ रही है कि मामले में सिवान के डीएम अमित कुमार पांडेय ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा है कि कोरोना को ध्यान में रखकर स्टूमेंट्स और एम्बुलेंस का क्रय किया गया है, जिस कारण एम्बुलेंस की मूल्य बढ़ी है। जांच के बाद पूरा मामला सामने आएगा।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि ये आरोप पिछले साल खरीदे गए 21 एम्बुलेंस को लेकर है, जो एक खास ट्रेडिंग एजेंसी से खरीदे गए हैं, जिसमें एमएलसी टुन्नाजी पांडे की मदद से 17 और दो दो एम्बुलेंस दूसरे दो माननीय के फंड से खरीदे गए था। इस मामले में सीएम नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत जिला योजना पदाधिकारी द्वारा एंबुलेंस का क्रय किया गया था। योजना एवं विकास विभाग के सचिव के आलोक में एंबुलेंस की खरीदारी नहीं की गई थी।

किया चौंकाने वाला दावा

पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने बताया कि मॉनिटर मल्टी पारामीटर के लिए एक लाख 18 हजार 720, सिंगल पंप के लिए 69 हजार 440 रुपये, सेक्शन मशीन पोर्टेबल के लिए 33 हजार 600 तथा ट्रांस्पोर्ट वेंटिलेटर के लिए 3 लाख 41 हजार 600 का भुगतान किया गया। साथ ही उन्होंने वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में खरीदी गई एंबुलेंसों की खरीदारी में अनियमितता की जांच कराने की मांग की है।



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Ashiki

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