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Bihar Caste Census: बिहार सरकार को झटका, पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना पर लगाई रोक
Bihar Caste Census: पटना हाईकोर्ट ने जाति जनगणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। बिहार सरकार को निर्देश दिए है।
Bihar Caste Census: पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाकर नीतीश सरकार को बड़ा झटका दिया है। नीतीश सरकार लंबे समय से जातीय जनगणना की वकालत करती रही है। केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी न मिलने के बावजूद नीतीश सरकार ने बिहार में यह कवायद शुरू की थी मगर अब हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी।
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बिहार में जातीय जनगणना कराने के नीतीश सरकार के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में पांच याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इन याचिकाओं में जातीय जनगणना पर रोक लगाने की मांग की गई थी। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की बेंच ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी। हाईकोर्ट ने आज जातीय जनगणना पर रोक लगाने का बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट का यह फैसला सियासी नजरिए से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसे नीतीश कुमार के साथ ही राजद नेता और राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। जनवरी 2023 से इसकी प्रक्रिया भी शुरू हुई थी। इसे मई तक पूरा किया जाना था लेकिन पटना हाईकोर्ट ने 3 जुलाई तक रोक लगा दी है।
इस विभाग को सौंपा गया जिम्मेदारी
राज्य सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का जिम्मा जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट को दी गई है। इस गणना में पंचायत से लेकर जिला स्तर तक के आंकड़े जुटाए जाने थे। जिला स्तर पर जनगणा की जिम्मेदारी डीएम को दी गई है। उन्हे नोडल अफसर बनाया गया है। जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के कर्मचारी, डीएम और ग्रामीण स्तर पर अलग-अलग विभागों के अधीनस्थ ऑफिसों के कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा जीविका कर्मचारियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद ली जा रही थी।
वहीं, राज्य द्वारा काराए जा रहे जातिगत जनगणना के सर्वे पर 500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। हालांकि ये खर्च कम जादा हो सकता है। ये फंड कंटेनजेंसी फंड से खर्च किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे इस सर्वे में करीब 12.7 करोड़ जनसंख्या, 2.58 करोड़ घरों को कवर करना था। इस जनगणना 31 मई को पूरा होना था। इसे 38 ज़िलों में कराया जा रहा था। इसमें 534 ब्लॉक्स और 261 शहरी स्थानीय निकाय शामिल हैं।