×

निकली पंचमुखी शिवलिंग: सालों से वीरान पड़ी थी ये जगह, अद्भुत महिमा से सभी हैरान

Bihar: बिहार में एक भवन के निर्माण कार्य के लिए खुदाई चल रही थी। इस बीच नींव की खुदाई के चलते पंचमुखी शिवलिंग के दर्शन हो गए।

Vidushi Mishra
Written By Vidushi Mishra
Published on: 22 Jan 2022 4:51 AM GMT (Updated on: 22 Jan 2022 5:13 AM GMT)
Panchmukhi Shivling
X

बिहार में खुदाई के दौरान निकली पंचमुखी शिवलिंग (फोटो-सोशल मीडिया)

Bihar: बिहार के औरंगाबाद में एक भवन निर्माण के दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिसके बाद वहां मौजूद सभी लोग हाथ जोड़कर खड़े हो गए। जीं हां यहां के सिन्हा कॉलेज में कॉमर्स भवन के निर्माण कार्य के लिए खुदाई चल रही थी। इस बीच नींव की खुदाई के चलते पंचमुखी शिवलिंग के दर्शन हो गए। खुदाई से इस शिवलिंग के मिलने पर लोग भौचक्का हो गए। ऐसे में अब लोग इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि आखिर कई वर्षों से वीरान पड़े इस जगह पर एकदम से जमीन के नीचे शिवलिगं कहां से आ गई।

कॉलेज में खुदाई के दौरान पंचमुखी शिवलिंग मिलने से लोगों में एक तरफ अपार खुशी तो है ही, दूसरी तरफ हैरानी भी। लोग इससे ज्यादा अचंभित हैं क्योंकि वर्षों से जमीन के अंदर से निकले इस शिवलिंग में काले और भूरे रंग के मिश्रित पत्थर से नक्काशी बनी हुई है।

कॉलेज परिसर में लोगों की भारी भीड़

जैसे ही इस शिवलिंग को वहां के कर्मियों ने बाहर निकाला, वैसे ही शिवलिंग को देखने के लिए कॉलेज परिसर में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मौजूद लोग अपने-अपने ढंग से शिवलिंग की पूजा-आराधना करने लगे।

कॉलेज में खुदाई के दौरान वहां मिले पंचमुखी शिवलिंग मिलने को लेकर भवन निर्माण के कार्य का ठेका उठाए हुए ठेकेदार ने बताया कि चार दिन पहले जब पाइलिंग के लिए होल किये जा रहे थे, उसी समय जमीन से करीब चार फीट नीचे मशीन का ब्लेड टकराया और ऐसा लगा कि कोई बड़ा पत्थर शायद नीचे दबा हो।

आगे ठेकेदार ने बताया कि जब खुदाई को और आगे बढ़ाया जाने लगा तो एक फीट ऊंची पंचमुखी शिवलिंग प्राप्त हुई। जिसके बाद इस बारे में कॉलेज के प्राचार्य डॉ वेदप्रकाश चतुर्वेदी और एकाउंटेंट मनोज कुमार सिंह को सूचना दी गई।

इस बारे में कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि कॉलेज में भवन निर्माण के लिए किए जा रहे खुदाई कार्य के क्रम में एक शिवलिंग के मौजूद होने की जानकारी मिली। ये शिवलिंग बहुत ही चमकीली धातु की बनी हुई है।

आगे उन्होंने बताया कि ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है कि प्राचीन काल मे उस स्थल पर टेकारी महाराज के कार्यालय थे और यहां राजस्व वसूली को लेकर उनके कर्मी रहा करते थे। ऐसे में हो सकता है कि यह प्रतिमा उनके द्वारा स्थापित की गई हो, जो कालांतर में दब गई हो। फिलहाल लोग इस शिवलिंग की आस्था और विश्वास से पूजा अर्चना कर रहे हैं।


Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story