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Bihar Diwas: 5 करोड़ विजेता से लेकर ₹1 गुरु दक्षिणा वाले बिहारी रियल हीरो, कोई बचाता जिंदगी, कोई संवार रहा भविष्य
Bihar Diwas: 5 करोड़ विजेता सुशील कुमार और एक रुपये गुरु दक्षिणा वाले बिहार के मैथेमैटिक्स गुरू आरके श्रीवास्तव ने देशभर का दिल जीत लिया है।
Bihar Diwas: 22 मार्च को बिहार दिवस (Bihar Diwas) मनाया जाता है। इस मौके पर हम आपको ऐसी शख्सियतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो न केवल बिहार का नाम रोशन कर रहे हैं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गए हैं। जिन्हें 'बिहार का रियल हीरो' कहा जा सकता है। यह दोनों बिहारी रियल हीरो हैं। 5 करोड़ विजेता सुशील कुमार और एक रुपये गुरु दक्षिणा वाले बिहार के मैथेमैटिक्स गुरू आरके श्रीवास्तव ने देशभर का दिल जीत लिया है।
आरके श्रीवास्तव अब किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में उनका नाम भी दर्ज है। आरके श्रीवास्तव आए दिन कुछ न कुछ ऐसा करते रहते हैं जिससे वो चर्चा में बने रहते हैं। कोरोना काल के ऐसे मुश्किल समय में भी आरके श्रीवास्तव ने स्टूडेंट्स को उनके समय का सदुपयोग करने के लिए उनको ऑनलाइन पढ़ाया।
लेते हैं सिर्फ 1 रुपया गुरू दक्षिणा
आरके श्रीवास्तव अब बिहार ही नहीं बल्की पूरी देश की एक बड़ी शख्सियत हैं। आपको बताते चलें कि बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर आरके श्रीवास्तव सिर्फ 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर सैकड़ों आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को आईआईटी ,एनआईटी, पॉलिटेक्निक , बीसीईसीई सहित देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में सफ़लता दिलाकर उनके सपने को पंख लगा चुके हैं। 540 आर्थिक रुप से गरीब स्टूडेंट्स को सिर्फ ₹1 गुरु दक्षिणा में पढ़ाकर इंजीनियर बना चुके हैं। देश के राष्ट्रपति सहित कई चर्चित हस्ती आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली की प्रशंसा कर चुके हैं। गूगल बॉय कौटिल्य पंडित के गुरु के रूप में भी देश उन्हें जानता है।
आरके श्रीवास्तव और कौन बनेगा करोड़पति के प्रथम 5 करोड़ विजेता सुशील कुमार मित्रवत है। सुशील कुमार और आरके श्रीवास्तव के द्वारा देश हित में किए जा रहे कार्य सराहनीय है। आपको बताते चलें कि हर सुबह शहर के किसी मोहल्ले या गांव में हर कोई परिवार सुशील कुमार का इंतजार कर रहा होता है। सुशील कुमार हर दिन अपनी सफेद स्कूटी पर दो बड़े थैले लटका कर घर से निकल जाते हैं। एक में चंपा-पीपल-बरगद के पौधे और दूसरे थैले में लकड़ी के बने गोरैया के घोंसले। साथ में, कील- हथौड़ी। यह सिलसिला पिछले कई साल से बिना किसी रूकावट के जारी है। अब तक वह लाखो चंपा के पौधे, तकरीबन 400 पीपल-बरगद के पौधे और अब करीब 5000 गोरैया के घोंसले वितरित कर चुके हैं।
द चंपा मैन
सुशील कुमार को अब तक कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) में 5 करोड़ रुपए जीत कर इतिहास रच चुके हैं। लेकिन मोतीहारी, बिहार के सुशील कुमार का अब यह नया काम है। इस काम ने उन्हें एक नई पहचान दी है और एक नया नाम दिया है, "द चंपा मैन"। कौन बनेगा करोड़पति के पहले पांच करोड़ रुपये के विजेता और बिहार इलेक्शन कमिशन के ब्रांड एंबेसडर रह चुके पुर्वी चंपारण के सुशील कुमार गोरैया के सरंक्षण के लिये अभियान चला रहे हैं।
सुशील कुमार गोरैया के संरक्षण और बचाव के लिये बीते कई वर्षों से काम कर रहे हैं। वे आसपास के लोगों को गोरैया संरक्षण के प्रति जागरूक करते हैं। लोगों के बताते हैं कि इनका संरक्षण कैसे किया जा सकता है। खुद के इनिशियेटिव से गोरैया के लिये घोंसला बनाते हैं और लोगों के बीच वितरित भी करते हैं। लोगों से खुद भी ऐसा करने के लिये कहते हैं। वे जागरूकता अभियान के तहत लोगों से अपील करते हैं कि वे अपने घर की मुंडेर पर गोरैया के लिये पीने का पानी और दाना जरूर रखें। वे लोगों से कहते हैं कि घोंसले वैसे स्थानों पर लगाएं जहां कोई जानवर या सांप ना पहुंच सके। गोरैया को चावल के छोटे-छोटे दाने और धान की बाली खाने को दें। उनके लिये पानी भी रखें। सुशील केवल लोगों को कहते ही नहीं बल्कि खुद भी घोंसला बनाकर लोगों के बीच वितरित करते हैं। लोगों से मिलते हैं और गोरैया के संरक्षण की जरूरतों और महत्ता से अवगत कराते हैं। उनके प्रयास से इलाके में कई लोगों ने ये काम भी किया है।
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