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बाढ़ में डूब रहा बिहारः सैकड़ों गांवों का वजूद खतरे, लोग घरों से भागे

मौसम विभाग ने बिहार के 11 जिलों पूर्णिया, अररिया, कटिहार, दरभंगा, समस्तीपुर, किशनगंज, सीतामढ़ी, मधेपुरा, मधुबनी, समस्तीपुर और सुपौल में रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।

Newstrack
Published on: 20 July 2020 12:57 PM IST
बाढ़ में डूब रहा बिहारः सैकड़ों गांवों का वजूद खतरे, लोग घरों से भागे
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पटना। अभी कोरोना का संकट चल ही रहा है और अब बिहार में बाढ़ का कहर भी टूटना शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने बिहार के 11 जिलों पूर्णिया, अररिया, कटिहार, दरभंगा, समस्तीपुर, किशनगंज, सीतामढ़ी, मधेपुरा, मधुबनी, समस्तीपुर और सुपौल में रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। बिहार में नेपाल से आने वाली नदियां भी उफान पर है, जिससे राज्य में बाढ़ की आशंका बढ़ती जा रही है। बिहार के 08 जिले सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज तथा पूर्वी चंपारण बाढ़ की चपेट में हैं।

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कई गांवों में घुसा पानी

बाढ़ की सबसे ज्यादा मार दरभंगा में है, जहां करीब डेढ़ लाख लोग इससे प्रभावित है। इसके अलावा सुपौल, सहरसा, कटिहार, मधुबनी जिलों के सैकड़ों गांव इस वक्त बाढ़ की चपेट में हैं। कोसी नदी के उफान के कारण कई गांवों में भी पानी घुस गया है। खेत, घर और सड़के सभी पानी से लबालब है। इसी तरह सहरसा में बाढ़ के पानी का कहर ऐसा है कि लोग अपने घरों से पलायन कर गए है। सहरसा में एक कच्चा पुल ढहने के कारण लोग किराये की निजी नाव के जरिए आवागमन करने को मजबूर है।

बीमारों का इलाज़ हुआ मुश्किल

कोरोना काल में बाढ़ के इस प्रकोप के कारण बीमारों का भी इलाज होने में मुश्किल आ रही है। बिहार के भिलाई में लोगों ने अपने घरो से पलायन कर मंदिरों की शरण ली हुई है। यहां लोगों का कहना है कि कोसी में पानी बढ़ने और बारिश के बढ़ने से खतरा बढ़ता ही जायेगा। कोसी की बाढ़ के चलते सहरसा, मधुबनी, सुपौल जिले तो बुरी तरह चपेट में आते हैं साथ ही खगड़िया और कटिहार जिलों में भी इसका असर होता है।

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फरक्का में जल स्तर बढ रहा

बिहार में हर जगह गंगा नदी का जलस्तर घट रहा है लेकिन फरक्का में यह खतरे के निशान को पार कर गया है और महज 24 घंटे में ही यह 08 सेमी. ऊपर चला गया हैं। फरक्का में बढ़ रहे जलस्तर का असर बक्सर से भागलपुर तक पड़ने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि गंगा में सिल्ट की मात्रा काफी बढ़ जाने के कारण फरक्का में जल स्तर बढ रहा है। अभी बक्सर और पटना में गंगा खतरे के निशान से नीचे है लेकिन फरक्का में बढ़ रहे जलस्तर का असर यहां भी पडे़ेगा।

हालात यह है कि अब ठोरा व पुनपुन जैसी छोटी नदियों में भी गंगा का पानी पहुंच रहा है, जिससे इन छोटी नदियों भी उफान पर है। उत्तर बिहार के जिलों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती भी लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है अभी भी समय है बैराज के कुछ गेटों को खोलकर गंगा के पानी के बहाव को तेज किया जा सकता है।

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पश्चिमी हवा की रफ्तार काफी सुस्त

मौसम विभाग के मुताबिक निम्न हवा का दबाव बिहार के तटवर्ती क्षेत्रों के साथ ही झारखंड और छत्तीसगढ़ तक बना हुआ है। इसके साथ ही चक्रवाती हवाओं के एक परिक्षेत्र बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपरी हिस्से में बना हुआ है। लेकिन, पश्चिमी हवा की रफ्तार काफी सुस्त है। इसकी वजह से एक तरफ जहां बिहार के तटवर्ती इलाकों में बारिश हो रही है। वहीं पटना, गया, बक्सर समेत कई जिलों में बदली है और उमस बढ़ गई है। उत्तरी बिहार के कई जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है।

बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज व पूर्वी चंपारण की 153 पंचायतों में 2.92 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। दरभंगा में 02 और गोपालगंज में 03 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। उनमें लगभग 2000 लोगों को रखा गया है। गोपालगंज, सुपौल, पूर्वी चंपारण और दरभंगा में चलाए जा रहे 27 कम्युनिटी किचेन में रोजाना करीब 21 हजार लोग भोजन कर रहे हैं।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ

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