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Bihar elections 2020: बिहार में राजनीतिक विरासत संभालने को तैयार है नई पीढ़ी
बिहार में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव का राजनीतिक परिदृश्य इस बार बदला हुआ दिख रहा है। पुरानी पीढ़ी फिलहाल इस चुनाव में नदारत दिख रही है।
श्रीधर अग्निहोत्री
नई दिल्ली: बिहार में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव का राजनीतिक परिदृश्य इस बार बदला हुआ दिख रहा है। पुरानी पीढ़ी फिलहाल इस चुनाव में नदारत दिख रही है। तीन दशक बाद चह पहला चुनाव है जिसमें मुख्यमंत्री नीतिष कुमार और सुशील मोदी को छोड़ कर विपक्षी दलों में न तो लालू प्रसाद यादव सक्रिय हैं और न राम विलास पासवान। लालू प्रसाद यादव जेल में हैं और रामविलास पासवान अस्वस्थ चल रहे हैं। लोजद के शरद यादव भी अब तक पूरी तरह से सक्रिय नहीं हुए हैं। बिहार की राजनीति में एक बड़ा नाम रघुवंश प्रसाद निषाद का हाल ही में निधन हो चुका है।
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यह पहला ऐसा विधानसभा चुनाव होने जा रहा है जिसमें अधिकतर नेताओं के बेटे ही सक्रिय है
यह पहला ऐसा विधानसभा चुनाव होने जा रहा है जिसमें अधिकतर नेताओं के बेटे ही सक्रिय है। बिहार राजनीति में वर्षो से सक्रिय नेता अपने बेटों को विरासत सौंपने की तैयारी में हैं। पार्टी कार्यालयों से लेकर राजनेताओं की कोठियों तक अपने बेटों को विधानसभा का टिकट दिलवाने के लिए कई बडे नेता चक्कर लगाने में संकोच नहीं कर रहे हैं। यह हाल किसी एक दल का नही बल्कि अधिकतर दलों का है।
मदन मोहन झा अपने बेटे माधव झा को बेनीपुर विधानसभा से टिकट दिलवाने के लिए प्रयासरत है
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा अपने बेटे माधव झा को बेनीपुर विधानसभा से टिकट दिलवाने के लिए प्रयासरत है। जबकि सदानन्द सिंह अपने बेटे शुभानन्द मुकेश भी अपने बेटे को टिकट दिलवाने में लगे हैं। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन विधानपरिषद सदस्य बन चुके है। इसके अलावा कांग्रेस के नेता डॉ. अशोक कुमार अपने बेटे अतिरेक को दलसिंह सराय से पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनावी मैदान में उतारने की कवायद में जुटे हैं, तो गरीबदास अपने दिवंगत पिता पूर्व विधायक रामदेव राय की विरासत संभालने के लिए बछवाड़ा सीट से टिकट पाने की चाहत रखे हुए हैं।
tejashwi yadav and tej prasad (social media)
लालू प्रसाद यादव के दोनो बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव में टक्कर है
राष्ट्रीय जनता दल में विरासत संभालने को लेकर लालू प्रसाद यादव के दोनो बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव में टक्कर है। इनका चुनाव में उतरना तय माना जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह अपने बेटे सुधाकर सिंह को रामगढ़ विधानसभा से टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं। भाजपा के अश्विनी चौबे अपने पुत्र अर्जित शाश्वत के लिए प्रयास कर रहे हें। जबकि छेदी पासवान अपने बेटे रवि पासवान को टिकट दिलाना चाह रहे हैं। इसी तरह जनता दल यू में कई नेता है जो अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
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बहरहाल, कमोबेश सभी पार्टियों में ऐसे राजनेताओं की भरमार है, जो अपनी आने वाली पीढ़ी को इस चुनाव में सियासी मैदान में उतारने की तमन्ना रखते हैं। हालांकि अभी तक चुनाव की तारीखें घोषित नहीं हुई है लेकिन चुनाव के बाद ही इस बात का फैसला हो पाएगा कि इन राजनेताओं के बेटे राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा पाते हैं अथवा नहीं।
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