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Bihar Flood 2022: बिहार में कोसी-गंडक सहित कई नदियां उफान पर, सड़कें बही, इन 9 जिलों में हालात बिगड़े

बिहार में बारिश के साथ ही बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। लगातार बारिश से कोसी, गंडक, बागमती नदी में कटाव का भयानक मंजर दिखने लगा है। राज्य की 11 में से 7 नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।

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Newstrack Network
Published on: 2 July 2022 7:42 AM GMT
bihar flood 2022 water level of many rivers increased included kosi and gandak due to heavy rain in bihar
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Bihar Flood 2022 (Photo- Social Media)

Bihar Flood 2022 : बिहार (Bihar) में बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। लगातार बारिश से कोसी (Kosi River), गंडक (Gandak), बागमती नदी (Bagmati River) में कटाव का भयावह मंजर दिखने लगा है। 11 नदियों में से 7 का जलस्तर बढ़ गया है। मुख्य तौर पर बागमती, कोसी और कमला-बलान (Kamla-Balan) नदियों के बढ़ते जलस्तर ने चिंता बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में समय से पूर्व समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की है।

सुपौल (Supaul) के वसुआ स्थित कोसी नदी और अररिया के परमान नदी में पानी का स्तर खतरे के निशान से 118 सेंटीमीटर ऊपर है। मधुबनी के झंझारपुर में कमला बलान नदी में पानी का स्तर खतरे के निशान से 75 सेंटीमीटर ऊपर है। आंकड़ों पर अगर गौर करें तो इस साल बिहार के सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज, मधुबनी, सीतामढ़ी और शिवहर में बढ़ते जलस्तर की वजह से लोगों का पलायन शुरू हो गया है।

बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी

इधर, मौसम विभाग ने बारिश और वज्रपात का अलर्ट (Rain and Thunderstorm Alert In Bihar) जारी किया है। पिछले 3 दिनों से बिहार के अलग-अलग जिलों में झमाझम बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, 5 जुलाई तक अलग-अलग जिलों में बारिश की संभावना है। बिहार 11 जिले बक्सर (Buxar), भोजपुर (Bhojpur), रोहतास (Rohtas), भभुआ (Bhabua), औरंगाबाद (Aurangabad), अरवल (Arwal), पश्चिम चंपारण (West Champaran), सीवान (Siwan), सारण (Saran), पूर्वी चंपारण (East Champaran), गोपालगंज (Gopalganj) के अधिकतर स्थानों पर जोरदार बारिश (Heavy Rain In Bihar) होने की संभावना है। वहीं, बाकी सभी 27 जिलों में भी कुछ स्थानों पर बारिश होने की आशंका है।


सुपौल-अररिया में अभी से दिखने लगी तबाही

नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में घटने बढ़ने का सिलसिला जारी है। इनमें सुपौल में कोसी और अररिया की नूना नदी (Nuna river of Araria) ने अभी से तबाही मचानी शुरू कर दी है। दोनों जिलों से करीब 5 लाख की आबादी पानी के बहाव से प्रभावित हुई है। यहां कटाव की वजह से 200 से अधिक घर अभी ही नदी में समा गए हैं। कोसी तटबंध के भीतर पिपराही, ढोलही, लगूनिया, झकराही, रहरिया, थरिया आदि गांव के लोगों के बीच अभी भी बेचैनी का माहौल है। गांव मे बाढ़ का पानी अभी भी फैला हुआ है।

मधेपुरा और सहरसा में दिखने लगा कोसी का रौद्र रूप

कोसी बराज (Kosi Barrage) से डिस्चार्ज किए जाने की वजह से कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। इसका असर, मधेपुरा के आलमनगर प्रखंड (Alamnagar Block of Madhepura) के बाढ़ प्रभावित पंचायत किशनपुर रतवारा, खापुर, गंगापुर के निचले इलाकों में देखने को मिल रहा है। वहीं, सहरसा के महिषी क्षेत्र के झाड़ा पंचायत कोसी नदी में उफान आते ही बाढ़ से चारों तरफ से घिर गया है। जलस्तर में वृद्धि होते ही लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। इस कारण से लोग अब मानने लगे हैं कि जल्द ही बाढ़ को उन्हें झेलना पड़ेगा।


पूर्णिया में खतरे के निशान से ऊपर परमान नदी

पूर्णिया जिले के बायसी अनुमंडल (Baisi sub-division of Purnia district) में बाढ़ का खतर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जिले से होकर गुजरने वाली महानंदा और परमान नदी (Mahananda and Parman River) अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। महानंदा नदी अपने खतरे के निशान 35.65 मीटर से 85 सेंटीमीटर ऊपर 36.50 मीटर पर बह रही है। वहीं परमान नदी अपने खतरे के निशान से 1.20 मीटर ऊपर 48.20 मीटर बह रही है। हालांकि कनकई नदी के जलस्तर में थोड़ी कमी हुई है और नदी अपने खतरे के निशान से नीचे बह रही है। बाढ़ का पानी बायसी और अमौर प्रखंड के नए-नए इलाकों में प्रवेश करने लगा है। परमान नदी से वार्ड दो में लगभग 16 परिवार घर नदी में समा गया है। लगभग 30 से 40 घरों पर कटाव की खतरा मंडरा रहा है।

किशनगंज में महानंदा खतरे के स्तर से ऊपर

बारिश और बाढ़ की तबाही के बाद अब नदियों का जलस्तर कम हुआ। लेकिन, ये अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। शुक्रवार की सुबह महानंदा तैयबपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। यहां डेंजर लेवल 66 मीटर है और नदी यहां 67.22 मीटर पर बह रही है। टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र में बहने वाली नदियों का जलस्तर कम होने के बाद तबाही का मंजर दिखने लगा है। रेतुआ, कनकई और गोरिया नदी में आए विनाशकारी बाढ़ से प्रखंड क्षेत्र की कई सड़कें, कलवर्ट पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं जिससे आने जाने में काफी कठिनाइयों का सामना ग्रामीणों को करना पड़ रहा है। बाढ़ की वजह से ग्रामीणों के साथ साथ सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।


मधुबनी में लगातार हो रही बारिश से सहमे लोग

मधुबनी के जयनगर में कमला नदी उफान पर है। नदी के जलस्तर ने खतरे के निशान को स्पर्श कर लिया है। वहीं, इस्लामपुर, डोरवार, छड़की, बरमोत्रा समेत अन्य गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जलस्तर में और बढ़ोतरी की संभावना है। अब तक धौंस, यमुनी, सिमरा, रातो, मरहा आदि नदियां सूखी हुई थी लेकिन पिछले तीन दिन से हुई बारिश के कारण इन नदियों में अचानक पानी का रफ्तार बढ़ने से मुख्यालय सहित प्रखंड क्षेत्र एवं इन नदियों के किनारे बसे दर्जनों गांव के हजारों लोग आने वाली प्रलयंकारी बाढ़ की विभीषिका को लेकर सहमे हुए हैं।

सीतामढ़ी और शिवहर में बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर

सीतामढ़ी में बागमती नदी (Bagmati River) के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। जलस्तर में गिरावट हो रही है, वहां कटाव शुरू हो गया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, बागमती नदी कटौझा में खतरे के निशान से 60 सेमी ऊपर बह रही है। वहीं ढेंग में खतरे के निशान से 1.23 मीटर, डूब्बा घाट में 98 सेमी, सोनखान में 60 सेमी, चंदौली में 1.32 मीटर खतरे के निशान से नीचे बह रही है। सोनबरसा में झीम नदी (Jhim river in Sonbarsa) खतरे के निशान से 3.70 मीटर, सुंदरपुर में अधवारा नदी 2.20 मीटर, गोआवाड़ी में लालबकेया नदी 1.42 मीटर नीचे बह रही है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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