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Bihar News: वेतन के बदले मिली लाठियां, पटना में बीजेपी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन के दौरान वार्ड सचिवों पर पुलिस की कार्रवाई
Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में सोमवार 27 दिसंबर को वार्ड सचिवों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी वार्ड सचिव बीजेपी दफ्तर के सामने जमा होने लगे। एक जगह भीड़ जमा होने के बाद यह अनियंत्रित हो गया।
Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में सोमवार 27 दिसंबर को वार्ड सचिवों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी वार्ड सचिव बीजेपी दफ्तर के सामने जमा होने लगे। एक जगह भीड़ जमा होने के बाद यह अनियंत्रित हो गया। वार्ड सचिवों के प्रदर्शन के दौरान हालात को बेकाबू होता देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां भांजी। ताजा जानकारी के अनुसार, हालात बिगड़ने पर प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें की गई हैं। जिससे भीड़ तितर-बितर हुआ है। वार्ड सचिवों का प्रदर्शन वेतन को लेकर था, जो बाद में अगर हो गया। कइयों के घायल होने की सूचना मिल रही है।
बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में वार्ड सचिवों का प्रदर्शन बीते 13 दिनों से चल रहा था, लेकिन राज्य की नीतीश सरकार इसे अनसुना करती रही। अब तक प्रदर्शनकारी गर्दनी बाग़ इलाके में थे। लेकिन आज जब यह प्रदर्शन हिंसक हुआ तब सरकार और प्रशासन की नींद टूटी। कहा जा रहा कि इस दौरान जमकर पत्थरबाजी भी हुई, जिससे कई घायल हो गए हैं। इन्हीं वजहों से आज पटना की सड़क देखते ही देखते जंग का मैदान बन गई।
गौरतलब है, कि बिहार में साल 2016 में हुए पंचायत चुनाव में वार्ड मेंबर का भी चुनाव हुआ था। यह पहले से ही लागू कर दिया गया था, कि हर वार्ड में सचिव रहेगा। ऐसे में सचिव का भी चुनाव हुआ था। लेकिन, बिहार सरकार के हालिया खबर के अनुसार, फिर से वार्ड सचिव की नियुक्ति यदि वार्ड सभा चाहे तो कर सकती है यानी कि अब वार्ड सचिव की नियुक्ति का पूरा अधिकार वार्ड सभा के पास है। इसके लिए पंचायती राज विभाग ने आशय का पत्र सभी जिला पदाधिकारी को जारी कर दिया है।
इस पत्र के अनुसार बिहार वार्ड सभा तथा वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति कार्य संचालन नियमावली 2017 के प्रावधान के तहत वार्ड सचिव सहित वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति 2021 के चुनाव प्रणाम के आधार पर किया जाए। यदि वार्ड सभा चाहे तो पुराने वार्ड सचिव को ही मनोनीत कर सकती है। या फिर वार्ड सभा का या भी अधिकार है वह अपने नए वार्ड सचिव की नियुक्ति करने की बात कही गई थी।
मामला ये है कि वर्ष 2017 में ही सरकार के 'सात निश्चय योजना' को सही ढंग से लागू करने के लिए वार्ड में उनकी नियुक्ति की गई थी। लेकिन अभी तक सरकार ने मानदेय के रूप में उन लोगों को कुछ नहीं दिया। उनलोगों के साथ अन्याय हुआ है। उल्टे अब उनकी नौकरी भी खत्म की जा रही है। इसी को लेकर या सारा बवाल था।