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"बिहार में का बा " के बाद "यूपी में का बा" के जवाब में सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा बिहार और यूपी में देश के प्रसिद्ध शिक्षक बा
बिहार चुनाव के समय भी लोगों ने अपने अपने तरीके से बिहार में का बा का जवाब दिया था, बिहार चुनाव के दौरान प्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर ने भी अपने तरीका से जवाब दिया था।
वर्ष 2020 के लॉकडाउन में मजदूरों के दर्द को बयां करते हुए मनोज वाजपेई का एक गाना आया था "मुंबई में का बा" इसी तर्ज पर भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर ने बिहार चुनाव में गाना गाया था कि "बिहार में का बा" जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। अब यूपी चुनाव जैसे ही नजदीक आया नेहा सिंह राठौर ने एक बार फिर अपने भोजपुरी गाना "यूपी में का बा" को लेकर सुर्खियों में हैं।
बिहार चुनाव के समय भी लोगों ने अपने अपने तरीके से बिहार में का बा का जवाब दिया था, बिहार चुनाव के दौरान प्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर ने भी अपने तरीका से जवाब दिया था, इसके अलावा सोशल मीडिया यूजर्स ने देश के प्रसिद्ध शिक्षकों में शुमार बिहार के आनंद कुमार ,आरके श्रीवास्तव और खान सर का जिक्र कर बताया था कि बिहार में देश के प्रसिद्ध शिक्षक बा,
लेकिन एक बार फिर से सोशल मीडिया पर "यूपी में का बा" का जिक्र हो रहा है, अलग अलग अलग तरीके से सोशल मीडिया यूजर्स वीडियो बनाकर इसका जवाब दे रहा है, लेकिन यह कहावत सत्य है कि शिक्षा से ही समाज को बदला जा सकता है तो कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने यूपी के उन शिक्षकों का जिक्र किया है जो देश विदेश में अपने शैक्षणिक कार्यशैली के लिए मशहूर है ,सोशल मीडिया यूजर्स ने उन शिक्षकों का नाम लेकर बताया है कि यूपी में इ बा
"यूपी में देश के प्रसिद्ध शिक्षक बा"
आइए जानते हैं यूपी के उन शिक्षकों के बारे में जो देश विदेश में प्रसिद्ध है,
आदित्य कुमार
राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित आदित्य कुमार साइकिल गुरु के नाम से प्रसिद्ध हैं। इन्हें लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड समेत कई बड़े अवार्ड मिले चुके है। आदित्य ने साइकिल से अलग-अलग राज्यों में घुम-घुम कर बच्चों को फ्री में एजुकेट करते है। उनका लखनऊ से काफी गहरा नाता रहा है, आदित्य कुमार का जन्म 18 जुलाई 1970 को फर्रुखाबाद के सलेमपुर गांव में हुआ था।
आदित्य की बचपन से ही इच्छा थी कि वह हायर स्टडीज की पढ़ाई पूरी करे। लेकिन पैसे की प्रोब्लम के चलते उनका ये सपना पूरा नहीं हो पाया। कालेज की पढ़ाई की फ़ीस बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर जैसे -तैसे पूरी करते थे।
'साइकिल गुरुजी' के नाम से मशहूर साइंस ग्रेजुएट आदित्य कुमार शिक्षा के सच्चे वाहक और प्रसारक हैं। ये शिक्षा को उन जगहों तक पहुंचाते हैं, जहां तक स्कूलों की पहुंच नहीं। आदित्य हर रोज अपनी साइकिल पर सवार होकर 60-65 किलोमीटर सफर करके लखनऊ के आस-पास के इलाकों में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं।
स्वयं एक गरीब परिवार में जन्मे आदित्य 1995 से यह अनोखा कार्य कर रहे हैं। आदित्य अपने साथ साइकिल पर ही एक बोर्ड लेकर घूमते हैं। जहां उन्हें कुछ छात्र मिलकर रोक लेते हैं, वे वहीं बैठकर पढ़ाने लगते हैं।
अरविंद गुप्ता
पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित है अरविंद गुप्ता, देश विदेश के प्रसिद्ध शिक्षकों में शुमार अरविंद गुप्ता अपने अनोखे शैक्षिक कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध है। मूलतः बरेली, उत्तर प्रदेश का रहने वाला अरविंद गुप्ता यूपी बोर्ड से बारहवीं की परीक्षा के बाद 1970 में आई आई टी में प्रवेश किया और वहां से बेटे की पढ़ाई पूरा किया। कुछ कुछ वर्ष जॉब करने के बाद उन्हें उस कार्य में मन नहीं लगा तो उन्होंने नौकरी छोड़ दी और उन्होंने कबाड़ की जुगाड़ से प्रैक्टिकल कर गणित और विज्ञान पढ़ाना शुरू किया।
खेल-खेल में बच्चों को विज्ञान जैसे गूढ़ विषय का ज्ञान देना कोई अरविंद से सीखे। ये बच्चों को खिलौने बनाने की प्रक्रिया के माध्यम से विज्ञान के पाठ पढ़ा देते हैं। खिलौने भी बाजार से खरीदे मैटीरियल से नहीं बनवाते बल्कि कबाड़ से बनवाते हैं। खिलौने बनाने के एक-एक चरण के माध्यम से वे विज्ञान की कोई नई बात सिखा देते हैं। ये अपनी फन टीचिंग टेकनीक के वीडियो यू-ट्यूब पर भी अपलोड करते हैं।
अलख पांडे (Alakh Pandey)
देश विदेश में बड़ा नाम बन चुके हैं अलख पांडे,
यूट्यूब के माध्यम से लोगों को फ्री में फिजिक्स (Physics) और केमिस्ट्री (chemistry) की कोचिंग देते हैं। अगर आप भी फिजिक्स और केमिस्ट्री में रुचि रखते हैं, तो आप अलख पांडे को यूट्यूब से स्क्राइब कर सकते हैं। अलख पांडे समय-समय पर अपने यूट्यूब चैनल पर फिजिक्स और केमिस्ट्री से जुड़े वीडियो
अपलोड करते रहते हैं। अलख पांडे को न सिर्फ भारत के छात्र बल्कि हमारे पड़ोसी देश नेपाल ,पाकिस्तान और पूरे विश्व के छात्र देखते हैं। आपको बता दें कि अलख पांडे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले हैं। सोशल मीडिया पर छाई सरकारी स्कूल की ये टीचर बनी मिसाल, पीएम मोदी भी कर चुके हैं सलाम
प्राइमरी स्कूल (primary school) की इस टीचर ने अपने संसाधनों से बनवाए स्मार्ट क्लास (smart class) साथ ही यूट्यूब( YouTube), ग्रीन बोर्ड (green board) और मोबाइल एप दीक्षा (diksha app) के जरिए बच्चों को डिजिटल एजुकेशन (digital education) दे रही हैं, सोशल मीडिया पर इनकी शैक्षणिक कार्यशैली की प्रशंसा खुब हो रहा।
वो कहते हैं कि एक चिराग पूरे अंधेरे को दूर नहीं कर सकता लेकिन अंधेरे से लड़ने का हौसला तो दे ही सकता है. कुछ ऐसी ही हौसला अफजाई करने वाली कहानी है यूपी के सरकारी स्कूल की एक टीचर की जिन्होंने अपने निजी संसाधनो से सरकारी स्कूल को कान्वेंट स्कूलों के बराबर लाकर खड़ा कर दिया है. इनकी इस पहल को पीएम मोदी भी सलाम कर चुके हैं। ये टीचर प्रयागराज जिले के यमुनापार इलाके में चाका ब्लाक के मॉडल प्राइमरी स्कूल तेदुंआवन में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात ममता मिश्रा है।
टीचर ममता मिश्रा खेल-खेल में बच्चो को science और maths के गुर सिखा देती हैं। ऑन लाइन एजुकेशन स्कूल में पढ़ाने के साथ-साथ ममता बच्चों को ऑन लाइन एजुकेशन भी दे रही है। वो बच्चों को खेल-खेल में गणित और विज्ञान की बारीकियां इतनी आसानी से सिखा देती हैं जिसे देख साथी अध्यापक और अभिभावक दोनों ही हैरान रह जाते हैं। ममता यू ट्यूब पर अपना चैनल भी चलाती हैं।जिस पर बच्चों को पढ़ाते हुए अब तक उन्होंने लगभग 500 से अधिक वीडियो अपलोड किए हैं।उनके यू ट्यूब चैनल की
लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अंकित नाम से चलने वाले उनके इस चैनल को 5 लाख से ज्यादा लोगों ने सब्सक्राइबर किया है।
यूपी के प्रसिद्ध शिक्षकों के बाद अब बात करते हैं बिहार के प्रसिद्ध शिक्षकों का जिनका जलवा देश विदेश में बरकरार हैं---
अब बात करते हैं "बिहार में का बा
आनंद कुमार
आपको बता दें कि आनंद कुमार (Anand Kumar) भारत के बहुत ही मशहूर शिक्षकों में से एक माने जाते हैं। बीते वर्ष आनंद कुमार के ऊपर फिल्म भी बनाई गई थी। आनंद कुमार सुपर 30 (Super 30) के रूप में हर साल 30 बच्चों को आईआईटी की परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग देते हैं। आनंद कुमार मुफ्त में 30 बच्चों को कोचिंग देते हैं। उनका यह मानना है कि अगर कोई गरीब है। तो वह भी आईआईटी की परीक्षा देकर इंजीनियर बन सकता है।
आरके श्रीवास्तव
आरके श्रीवास्तव (RK Shrivastava) बिहार (Bihar) के रोहतास (Rohtas) जिले के रहने वाले हैं। सिर्फ ₹1 गुरु दक्षिणा में पढ़ा कर 540 स्टूडेंट्स को बना चुके हैं इंजीनियर, आरके श्रीवास्तव कोचिंग फीस के रूप में मात्र ₹1 लेते हैं। आरके श्रीवास्तव इस एक रुपए को कोचिंग फीस नहीं बल्कि गुरु दक्षिणा बताते हैं। आरके श्रीवास्तव को रजनीकांत श्रीवास्तव के नाम से भी पहचाना जाता है। आरके श्रीवास्तव मैथमेटिक्स की शिक्षा देते हैं। आर्थिक रूप से जो बच्चे कमजोर होते हैं उन्हें आरके श्रीवास्तव मुफ्त में शिक्षा देकर आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई प्रवेश परीक्षा में सफलता दिलाकर इंजीनियर बनाने का काम करते हैं, आरके श्रीवास्तव छात्रों को खेल-खेल में मैथ सिखा देते हैं। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है नाम,
खान सर
खान सर (Khan Sir) के बारे में हम सभी ने सुना है। खान सर ना सिर्फ यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam),SSC, RAILWAY,BPSC,PCS सहित अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी भी करवाते हैं। खान सर जीएस रिचार्ज सेंटर (GS Research Centre) नाम से एक कोचिंग संस्थान भी चलाते हैं। आपको बता दें कि यह कोचिंग संस्था बिहार के पटना में मौजूद है। खान सर एक ऐसे शिक्षक है। जो यूट्यूब व्यूज (YouTube Views) के हिसाब से टॉप 10 में आये थे। अगर साफ शब्दों में कहे तो खान सर एक ऐसे शिक्षक है। जिनसे देश दुनिया के लाखों करोड़ों स्टूडेंट्स उनसे शिक्षा लेते हैं।