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Bihar MLC Election: भाजपा और जदयू के बीच सीटों का हुआ बंटवारा, साहनी और मांझी को नहीं मिली एक भी सीटें

बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए भूपेंद्र यादव ने नीतीश कुमार के साथ मुलाकात कर सीट बंटवारे को फाइनल किया। हालांकि एनडीए के दो अन्य सहयोगियों पूर्व सीएम जीतनराम मांझी और मुकेश साहनी की पार्टी को एक भी सीट नहीं दिया गया है।

Bishwajeet Kumar
Published By Bishwajeet KumarWritten By Krishna
Published on: 29 Jan 2022 7:02 PM IST
Bihar MLC Election: भाजपा और जदयू के बीच सीटों का हुआ बंटवारा, साहनी और मांझी को नहीं मिली एक भी सीटें
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BJP-JDU

पटना: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) में एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रखे भाजपा (BJP) और जदयू (JDU) ने बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) के लिए सीटों का बंटवारा आपस में कर लिया है। सीटों के समझौते को अंतिम रूप देने दिल्ली से बिहार भेजे गए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) ने सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ मुलाकात कर सीट बंटवारे को फाइनल किया। इस दौरान उनके साथ डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) भी मौजूद थे। समझौते में बिहार एनडीए के दो अन्य सहयोगियों पूर्व सीएम जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की हम (HAM) और मंत्री मुकेश साहनी (Mukesh Sahani) की वीआईपी (VIP) को एक भी सीट नहीं दिया गया है।

सीटों का बंटवारा

बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव होना है। बंटवारे के अनुसार बीजेपी जहां 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, वहीं जदयू 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं बीजेपी अपने कोटे से एक सीट लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) पारस गुट को देगी। बीजेपी के खाते में रोहतास, औरंगाबाद, सारण, सिवान, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, किशनगंज, कटिहार, सहरसा, गोपालगंज, बेगूसराय, समस्तीपुर और वैशाली आई हैं। इनमे वैशाली की सीट पर लोजपा पारस गुट का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा। वहीं जदयू के हिस्से में पटना, भोजपुर, गया, नालंदा, मुजफ्पऱपुर, प.चंपारण, सीतामढ़ी, भागलपुर, मुंगेर, नवादा और मधुबनी शामिल है।

दोनों के बीच तानातनी

इससे पहले विधान परिषद चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों में खुब तानातनी देखने को मिल रही थी। सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जदयू बीजेपी से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी। जदयू नेताओं ने बीजेपी के सामने 13 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन बीजेपी इसे लेकर बिल्कुल तैयार नहीं थी। विधानसभा में जदयू से अधिक विधायकों के होने के बावजूद सीएम पद त्यागने वाली भाजपा इस चुनाव में किसी भी सुरत में जदयू से कम सीटों पर चुनाव लड़ना नहीं चाहती थी। काफी दौर के बातचीत के बाद अंततः दोनों के बीच डील पक्की हुई। बीजेपी अपनी बात मनवाने में कामयाब रही।

वहीं बीते कुछ दिनों से विभिन्न मुद्दों को लेकर एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने वाले एनडीए (NDA) के नेताओं ने मीडिय़ा के सामने सब कुछ ठीक बताया। उन्होंने कहा कि सरकार बिना किसी गतिरोध के अपना कार्यकाल पूरा करेगी। दरअसल हाल ही में ऐसे कई मुद्दे आए जिसपर भाजपा और जदयू आमने सामने दिखे। जातीय जनगणना से लेकर विशेष दर्ज तक को लेकर बीजेपी के स्टैंड से जदयू में खासा रोष देखा गया। यूपी चुनाव (UP Election) में भाव न दिए जाने से ये नाराजगी और बढ़ गई। ऐसे में दोनों दलों के बीच बढ़े कड़वाहट ने राज्य की एनडीए सरकार के भविष्य पर आशंकाओं के बादल तैरने लगे। हालांकि आज प्रेसवार्ता में दोनों दलों नेताओं ने 'सब चंगा सी' कहकर स्थिति को सामान्य करने की कोशिश की।

मांझी-साहनी का अगला कदम

बिहार एनडीए के दो अन्य सहयोगी पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की हम और मंत्री मुकेश साहनी की वीआईपी को इस बंटवारे से नाराजगी हाथ लगी है। दोनों नेताओं ने कई बार सीट बंटवारे में उन्हें भी हिस्सा देने को कहा था। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी की उनका अगला कदम क्या होगा।



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