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लालू के दोनों बेटों के बीच बढ़ी दूरियां, राजद मिलन समारोह के पोस्टर में तेजस्वी छाए, तेजप्रताप आउट
लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। राजद की ओर से आयोजित मिलन समारोह पोस्टर से तेजप्रताप का चेहरा गायब कर दिया गया।
नई दिल्ली। बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में भीतर ही भीतर चल रही खींचतान का दौर खत्म होता नहीं दिख रहा है। राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच दूरियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। दोनों एक-दूसरे पर सीधे हमले तो नहीं कर रहे मगर बीच-बीच में दोनों की ओर से एक-दूसरे को पटखनी देने की सियासी कोशिशें जरूर की जा रही हैं।
पिछले महीने छात्र राजद की ओर से आयोजित कार्यक्रम के पोस्टर से तेजस्वी का चेहरा गायब कर दिया गया था। अब राजद की ओर से आयोजित मिलन समारोह के पोस्टर से तेजप्रताप का चेहरा गायब कर दिया गया। इसे दोनों भाइयों के बीच बढ़ती दूरियों का संकेत माना जा रहा है। तेज प्रताप ने पिछले दिनों छात्र जनशक्ति परिषद के नाम से अपना अलग संगठन बनाकर भी राजद खेमे में खलबली मचा दी थी।
रिश्तों में लगातार बढ़ रही तल्खी
राजद के सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में हुए घटनाक्रम से साफ है कि लालू के दोनों बेटों के बीच रिश्तों में लगातार तल्खी आती जा रही है। छात्र राजद की ओर से प्रदेश कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम के पोस्टर से तेजस्वी के चेहरे को गायब करना भी बड़ा कदम माना गया था। मजे की बात यह है कि इस पोस्टर में तेजप्रताप की तस्वीर लालू और राबड़ी से भी बड़ी लगाई गई थी जबकि तेजस्वी यादव को पूरी तरह आउट कर दिया गया था।
अब राजद कार्यालय पर आयोजित मिलन समारोह में भी वही कहानी दोहराई गई। फर्क सिर्फ इतना था कि इस बार पोस्टरों से तेजप्रताप का चेहरा पूरी तरह गायब था। राजद कार्यालय में मंगलवार को आयोजित इस समारोह के लिए अंदर और बाहर दोनों स्थानों पर पोस्टर लगाए गए थे मगर इन पोस्टरों में तेज प्रताप की तस्वीर को कोई जगह नहीं दी गई।
इन पोस्टरों पर तेजस्वी यादव का चेहरा प्रमुखता से झलक रहा था। तेजस्वी के अलावा लालू और राबड़ी सहित पार्टी के अन्य नेताओं को भी पोस्टरों में जगह दी गई मगर तेज प्रताप इन पोस्टरों में जगह नहीं पा सके। मिलन समारोह में खगड़िया नगर परिषद की सभापति सीता यादव और उनके पति पूर्व सभापति मनोहर यादव ने राजद की सदस्यता ग्रहण की। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इन दोनों नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में राजद के लगातार मजबूत होने का दावा किया।
चर्चा का विषय बनी दोनों बेटों की खींचतान
बिहार के सियासी हलकों में इन दिनों लालू के दोनों बेटों के बीच बढ़ती दूरियां चर्चा का विषय बनी हुई हैं। लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप ने पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वे जगदानंद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि बीच-बीच में भी प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ ही बयान देते रहा है।
जगदानंद सिंह की ओर से छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव को पद से हटाए जाने के बाद दोनों नेताओं के बीच मोर्चा खुल गया है। तेजप्रताप ने एलान कर रखा है कि जब तक जगदानंद सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती तब तक वे पार्टी की किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेंगे। वैसे जगदानंद सिंह को लालू और तेजस्वी दोनों का समर्थन हासिल है। ऐसे में पार्टी में अजीबोगरीब स्थिति पैदा होती जा रही है।
नया संगठन बनाकर मचाई खलबली
बगावती तेवर दिखाने वाले तेज प्रताप यादव ने हाल में एक नया छात्र संगठन बनाकर राजद खेमे में खलबली मचा दी। शिक्षक दिवस के मौके पर बनाए गए इस संगठन का नाम छात्र जनशक्ति परिषद रखा गया है। तेजप्रताप यादव का कहना है कि उनका नया संगठन राजद के बैकबोन की तरह काम करते हुए उसे मजबूत बनाने का काम करेगा। तेज प्रताप की ओर से बनाए गए नए संगठन को एक बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है। तेजप्रताप ने नए संगठन छात्र जनशक्ति परिषद में अपने समर्थकों की पदाधिकारियों के रूप में नियुक्ति की है। वे खुद इस परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं जबकि प्रशांत प्रताप को प्रदेश अध्यक्ष, आर्यन राय को उपाध्यक्ष और पीयूष कुमार को संगठन का महासचिव बनाया गया है।
तेजप्रताप का कहना है कि इस संगठन के जरिए विश्वविद्यालयों और छात्रों से जुड़े मुद्दे को उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार के पंचायत चुनावों के दौरान भी यह संगठन सक्रिय भूमिका निभाएगा। छात्र राजद के बारे में उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अलग स्तर पर काम करेगा।
राजद नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं
राजद में दोनों भाइयों के बीच चल रही खींचतान के मुद्दे पर पार्टी का कोई भी नेता खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। पार्टी नेताओं का मानना है कि पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव ही दोनों भाइयों के बीच बढ़ती खींचतान को खत्म करा सकते हैं। दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि लालू ने अपनी पूरी राजनीतिक विरासत तेजस्वी यादव को सौंप दी है। इसका सीधा असर तेज प्रताप की कुंठा के रूप में सामने आ रहा है।
भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिलानंद का कहना है कि लालू के परिवार में बड़ी बेटी मीसा भारती और बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को धकिया कर पीछे कर दिया गया है। ऐसे में परिवार के उपेक्षित सदस्यों में भीतर ही भीतर काफी नाराजगी दिख रही है। इसी का नतीजा है कि दोनों भाई एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए सियासी दांव चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजद के लोग भी इसे बखूबी जानते हैं मगर लालू के परिवार का मामला होने के कारण कोई इस मामले में नहीं बोल रहा है।