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कश्मीर में बिहारियों की हत्या पर सियासत गरमाई, मांझी के बयान पर मोदी का तंज, आपस में ही उलझ रहे नेता
मांझी की ओर से किए गए ट्वीट पर करारा तंज कसते हुए सुशील मोदी ने कहा कि मांझी को 10 दिनों के लिए पुलवामा भेज दीजिए। 10 दिन वहां रहकर आ जाएं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा काफी संवेदनशील है।
New Delhi: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के हमले में बिहार के चार लोगों की हत्या किए जाने के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। अब राज्य के नेताओं के बीच भी आपसी बयानबाजी शुरू हो गई है। राज्य के नेताओं ने एक-दूसरे पर तंज और हमला करना शुरू कर दिया है। हम पार्टी के मुखिया और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की ओर से कश्मीर को सुधार देने के दावे के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व डिप्टी चीफ मिनिस्टर सुशील मोदी ने तंज कसा है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मामले में हल्की बयानबाजी न करने की नसीहत दी है। मोदी के इस ट्वीट के बाद मांझी भी बिफर पड़े। उन्होंने सुशील मोदी को करारा जवाब देते हुए कहा कि हम मैदान छोड़कर भागने वाले नहीं हैं और हर मुश्किल लड़ाई लड़ने में पूरी तरह सक्षम है। उधर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जम्मू-कश्मीर में बिहार के लोगों को निशाना बनाए जाने पर चिंता जताई है।
कश्मीर पर हल्की बयानबाजी बंद करें
मांझी की ओर से किए गए ट्वीट पर करारा तंज कसते हुए सुशील मोदी ने कहा कि मांझी को 10 दिनों के लिए पुलवामा भेज दीजिए। 10 दिन वहां रहकर आ जाएं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा काफी संवेदनशील है। इस संबंध में कोई भी हल्की बयानबाजी नहीं की जानी चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा कि नेताओं को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि कश्मीर को संभालना आसान काम नहीं है। मोदी सरकार वहां के हालात को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटी हुई है । इस गंभीर मुद्दे पर कोई भी हल्की बात नहीं की जानी चाहिए।
मांझी बोले-मैदान छोड़कर नहीं भागूंगा
सुशील मोदी की ओर से यह बयान दिए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मांझी कहां चुप बैठने वाले थे। उन्होंने भी मोदी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने अपने ट्वीट में सुशील मोदी को जवाब देते हुए कहा कि उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम माझी हैं। हम कभी मैदान छोड़कर नहीं भागते। हम हर चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि सुशील मोदी तो केंद्र के बड़े नेता हैं। इसलिए मेरा उनसे आग्रह है कि 10 दिनों के लिए कश्मीर की कमान मुझे दिलवा ही दीजिए। कमान मिलने के बाद सबको पता चल जाएगा कि एक बिहारी क्या कर सकता है। उन्होंने कारगिल युद्ध में बिहार रेजिमेंट की ओर से दिखाई गई वीरता की याद दिलाते हुए कहा कि सुशील मोदी को बिहार रेजिमेंट का वह शौर्य कभी नहीं भूलना चाहिए।
मांझी के इस ट्वीट पर पैदा हुआ विवाद
दरअसल, यह पूरा विवाद मांझी के उस ट्वीट के बाद पैदा हुआ जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बड़ी मांग कर डाली थी। उन्होंने रविवार को बिहार के अररिया इलाके के दो मजदूरों की कश्मीर में हत्या के बाद घाटी में बिहारियों की हत्या पर चिंता जताई थी। उनका कहना था कि अगर कश्मीर के हालात काबू में न आ पा रहे हों तो प्रधानमंत्री को कश्मीर को सुधारने की जिम्मेदारी बिहारियों पर छोड़ देनी चाहिए। अगर हमने 15 दिनों में हालात न सुधार दिए तो कहिएगा। मांझी के इसी ट्वीट का जवाब देते हुए मोदी ने तंज कसा है जिसके बाद दोनों नेता आपस में उलझ गए।
पाकिस्तान के साथ मैच रद्द करने की मांग
कश्मीर में आतंकियों की ओर से बिहार के लोगों को निशाना बनाए जाने पर सूबे की सियासत इन दिनों काफी गरमाई हुई है। बिहार में बेगूसराय से सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि कश्मीर में जिस तरह दूसरे राज्यों के लोगों की हत्या की जा रही है, उसे देखते हुए T20 विश्व कप में भारत-पाकिस्तान के मैच पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
राज्य के डिप्टी चीफ मिनिस्टर तारकिशोर प्रसाद का भी कहना है कि कश्मीर में आतंकी दूसरे राज्यों और विशेषकर बिहार के लोगों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने की जरूरत है। उन्होंने मांग की कि भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित विश्व कप मैच को रद्द किया जाना चाहिए। हालांकि इस मुद्दे पर बीसीसीआई की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को देखते हुए ऐसा किया जाना संभव नहीं है। इसका भारतीय टीम को नुकसान उठाना पड़ेगा।