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जदयू ने नीतीश को फिर बताया पीएम मैटेरियल, राष्ट्रीय परिषद में प्रस्ताव पारित, आखिर क्या है इसका मकसद

Bihar News Today In Hindi : जदयू की ओर से बार-बार नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताए जाने के अब सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। बिहार के सियासी हलकों में पहले भी इस मुद्दे को लेकर बहस चलती रही है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shivani
Published on: 30 Aug 2021 5:21 AM GMT
Nitish Kumar PM Material
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नीतीश कुमार (Photo Twitter)

Bihar News Today In Hindi : जनता दल यू की ओर से एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की सारी योग्यताएं होने का दावा किया गया है। हालांकि पार्टी की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि मौजूदा समय में नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं। जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में रविवार को बाकायदा इस बाबत प्रस्ताव रखा गया जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। यह पहला मौका नहीं है जब जदयू की ओर से नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की सभी योग्यताएं होने की बात कही गई है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी कुछ समय पहले नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताया था।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के मुखिया जीतन राम मांझी भी नीतीश कुमार के बारे में ऐसा ही दावा कर चुके हैं। जदयू की ओर से बार-बार नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताए जाने के अब सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। बिहार के सियासी हलकों में पहले भी इस मुद्दे को लेकर बहस चलती रही है। कुशवाहा की ओर से बयान दिए जाने के बाद राजद ने नीतीश को पलटी मार कहा था जबकि भाजपा ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया था।

ललन सिंह ने रखा नीतीश के संबंध में प्रस्ताव

जदयू प्रदेश मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव पेश करते हुए ललन सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं । एनडीए की ओर से वही पीएम पद के प्रत्याशी भी हैं।

इन स्थितियों में नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं। लेकिन इसके साथ यह भी सच्चाई है कि प्रधानमंत्री के पद के लिए जिन योग्यताओं, दक्षताओं और समर्पण की जरूरत है, वे सभी नीतीश कुमार में मौजूद हैं। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में ललन सिंह के इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

संदेहों को दूर करने के लिए पारित हुआ प्रस्ताव

बैठक के बाद जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने इस प्रस्ताव को पारित किए जाने की जानकारी देते हुए स्पष्टीकरण भी दिया। इस प्रस्ताव को पारित किए जाने की जरूरत के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह सवाल बार-बार उठता रहा है और तमाम संदेहों को दूर करने के लिए ही राष्ट्रीय परिषद की ओर से इस प्रस्ताव को पारित किया गया है। वैसे सियासी जानकारों का मानना है कि जदयू की ओर से भाजपा पर अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाए रखने के लिए ही बीच-बीच में नीतीश को पीएम मैटेरियल बताया जा रहा है।

बैठक में ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के फैसले पर भी मुहर लगाई गई। करीब साढ़े तीन घंटे तक चली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और वरिष्ठ सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह भी मौजूद थे। बैठक में जातीय जनगणना और जनसंख्या नियंत्रण कानून समेत अन्य मुद्दों पर 31 जुलाई को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई।

एनडीए में समन्वय समिति बनाने की मांग

जदयू महासचिव त्यागी ने एनडीए में समन्वय समिति बनाए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के साथ ही बिहार के स्तर पर भी समन्वय समिति का गठन किया जाना चाहिए ताकि अनर्गल और उल जलूल बयानों पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने जातीय जनगणना की वकालत करते हुए कहा कि इस बाबत बिहार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की प्रधानमंत्री से सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई है। प्रधानमंत्री ने इस प्रस्ताव को खारिज नहीं किया है।

बैठक में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह के योगदान की प्रशंसा करने के साथ ही पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के संबंध में भी महत्वपूर्ण बातें कही गईं। बैठक में कहा गया कि अगर पांच राज्यों के चुनाव में जदयू का किसी अन्य दल से गठबंधन नहीं हुआ तो पार्टी अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी।

नीतीश समर्थकों ने की जमकर नारेबाजी

बैठक में नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताए जाने के प्रस्ताव को सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि नीतीश कुमार ने इसे खारिज करते हुए कहा कि मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है। मैं अपना काम करने में जुटा हुआ हूं। हालांकि इसी दौरान नीतीश के सामने ही समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी।

नीतीश समर्थक नारे लगा रहे थे कि देश का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो। नीतीश कुमार ने अपने समर्थकों को रोकने की भी कोशिश की मगर वे नाकाम रहे। समर्थकों की ओर से नारेबाजी जारी रखे जाने पर नीतीश कुमार वहां से बाहर निकल गए।

कुशवाहा-मांझी भी बता चुके हैं पीएम मैटेरियल

वैसे जदयू की ओर से पूर्व में भी नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताया जा चुका है। पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले दिनों कहा था कि प्रधानमंत्री बनने के लिए किसी भी नेता में जो गुण होने चाहिए, वे सभी गुण नीतीश कुमार में मौजूद हैं। कुशवाहा ने कहा कि देश में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा जिन नेताओं में पीएम बनने की काबिलियत है, उनमें बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी शामिल हैं। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता पूरे देश में है। हालांकि कुशवाहा ने यह भी स्पष्ट किया कि मैं मोदी को चुनौती देने की बात नहीं कह रहा हूं क्योंकि हम गठबंधन में साथ-साथ हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री और हम के मुखिया जीतन राम मांझी भी नीतीश कुमार के संबंध में इसी तरह का बयान दे चुके हैं। उनका यह भी कहना था कि नीतीश कुमार पूरे देश में चर्चित है और उनमें देश को चलाने की पूरी क्षमता है। जदयू के एक और विधायक गोपाल मंडल ने भी हाल में बयान दिया था कि नीतीश कुमार की असली जगह पटना में नहीं बल्कि दिल्ली में है। बिहार की सियासत में नीतीश कुमार को लेकर की जा रही बयानबाजी के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं।

विपक्ष और भाजपा ने खारिज किया बयान

कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने इस बाबत कहा था कि एनडीए में रहते हुए नरेंद्र मोदी को छोड़कर नीतीश कुमार कैसे प्रधानमंत्री बन सकते हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अगर नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की इच्छा है तो अब उन्हें तीसरा विकल्प तलाशना होगा। अब उनके लिए यूपीए में भी कोई जगह खाली नहीं है और एनडीए में भाजपा उन्हें पीएम बनने नहीं देगी।

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना था कि अतीत में कभी नीतीश कुमार पीएम मैटेरियल थे मगर अब स्थितियां काफी बदल चुकी हैं। बिहार की सियासत में पलटी मारने के बाद तो जनता ने उन्हें सीएम लायक भी नहीं समझा था।

दूसरी ओर भाजपा विधायक अरुण सिन्हा का कहना था कि यदि किसी के मन में उस ऊंचाई तक पहुंचने का सपना है तो यह अच्छी बात है। हर पार्टी में लोग अपने नेता के प्रति समर्पित भावना से काम करते हैं। लेकिन जहां तक मौजूदा स्थिति की बात है तो पीएम मोदी की अगुवाई में देश मजबूती से आगे बढ़ रहा है । कोई भी नेता उनका जवाब नहीं हो सकता। उनके विकल्प को लेकर कोई चर्चा करना ही बेमानी है।

Shivani

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