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Bihar Politics : तेज प्रताप की विधायकी पर संकट, लालू के बड़े बेटे के चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती

Bihar Politics : बिहार की सियासत में हमेशा विवादों में रहने वाले तेज प्रताप के निर्वाचन को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 3 Sep 2021 8:41 AM GMT
Tej Pratap
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तेज प्रताप की फोटो, क्रेडिट : सोशल मीडिया

Bihar Politics : राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और विधायक तेज प्रताप यादव की विधानसभा सदस्यता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बिहार की सियासत में हमेशा विवादों में रहने वाले तेज प्रताप के निर्वाचन को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। तेज प्रताप ने 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में समस्तीपुर जिले की हसनपुर सीट से जीत हासिल की थी। हसनपुर सीट से चुनाव लड़ने वाले विजय कुमार यादव ने तेज प्रताप पर अपने नामांकन पत्र में अपनी चल और अचल संपत्ति के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है।

तेज प्रताप अपनी कारगुजारियों से बिहार के सियासी हलकों में हमेशा चर्चा का विषय बने रहते हैं। हाल के दिनों में वे बिहार प्रदेश राजद के अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने के प्रकरण में मीडिया में छाए हुए हैं। अब उनकी विधानसभा सदस्यता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस मामले में अब हर किसी की नजर हाईकोर्ट पर टिकी हुई है।

संपत्ति की गलत जानकारी देने का आरोप

हसनपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरने वाले विजय कुमार यादव का आरोप है कि तेज प्रताप यादव ने नामांकन पत्र में अपनी संपत्ति के बारे में गलत जानकारी दी है। चल और अचल संपत्ति के बारे में उनकी ओर से दिया गया ब्योरा पूरी तरह गलत है।

उन्होंने तेज प्रताप पर चुनाव आयोग और प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को धोखा देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि मैंने इसी आधार पर तेज प्रताप के चुनाव को चुनौती देते हुए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की है। उन्होंने अपनी याचिका में हसनपुर से चुनाव लड़ने वाले राजकुमार राय को अपना प्रतिद्वंद्वी घोषित करने की भी मांग की है।

तेज प्रताप यादव (फोटो- सोशल मीडिया)

तेज प्रताप यादव ने पिछले साल 16 अक्टूबर को हसनपुर सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। बाद में 10 नवंबर को घोषित किए गए नतीजे में उन्हें विजयी घोषित किया गया था।

जवाब दाखिल करने का हाईकोर्ट का निर्देश

इस मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार की एकल पीठ ने विवादित बिंदुओं पर दोनों पक्षों को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। उन्होंने 30 सितंबर को इश्यू सेटलमेंट करने का निर्देश दिया। इश्यू सेटलमेंट के बाद इस मामले में गवाही की प्रक्रिया शुरू होगी।

इस मामले में तेज प्रताप यादव के वकील जगन्नाथ सिंह का कहना है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 100 के तहत हसनपुर से तेज प्रताप के नामांकन को चुनौती दी गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में गहन अध्ययन किया जा रहा है । उसके बाद ही जवाब दाखिल किया जाएगा।

तेज प्रताप को मिली थी हसनपुर से जीत

पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप यादव ने हसनपुर सीट पर करीब 14000 मतों से जीत हासिल की थी। उन्होंने जदयू के राजकुमार राय को हराकर यह जीत हासिल की थी। इस चुनाव में तेज प्रताप को 62337 मत हासिल हुए थे जबकि जदयू उम्मीदवार राजकुमार राय को 48405 मत मिले थे।

लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले मनीष कुमार को 7785 वोट हासिल हुए थे। 2020 के चुनाव में तेज प्रताप ने अपनी सीट बदलते हुए हसनपुर से किस्मत आजमाई थी। जानकारों का कहना है कि यदि हाईकोर्ट की ओर से तेज प्रताप के चुनाव को अवैध ठहराया जाता है तो उनकी मुश्किलें काफी बढ़ जाएंगी।

तेज प्रताप यादव (फोटो- सोशल मीडिया)

तेज प्रताप की संपत्ति का ब्योरा

पिछले साल हसनपुर विधानसभा सीट से नामांकन के दौरान तेज प्रताप ने अपनी संपत्ति 2,51,63,509 रुपये बताई थी। 2015 में महुआ विधानसभा सीट से नामांकन के दौरान दिए गए हलफनामे से उनकी संपत्ति 50 लाख रुपये ज्यादा थी। पिछले साल अपने हलफनामे के साथ तेज प्रताप ने बताया था कि उनके पांच बैंक खातों में 14,87,371 रुपये हैं।

हलफनामे में तेज प्रताप ने अपने पास से एक बीएमडब्ल्यू कार होने की जानकारी दी है जिसकी कीमत करीब 30 लाख़ रुपये है। उन्होंने करीब साढ़े 15 लाख रुपये की रेसिंग बाइक भी अपने पास होने की जानकारी दी थी। उन्होंने हलफनामे में 100 ग्राम ज्वेलरी होने की बात बताई है जिसकी कीमत करीब 4,26,300 रुपये है। उन्होंने सवा लाख रुपए नगद होने और विभिन्न शेयरों में 25,10,000 रुपये का निवेश किए जाने की जानकारी दी थी।

जगदानंद प्रकरण से सुर्खियों में तेज प्रताप

तेज प्रताप यादव हाल के दिनों में काफी सुर्खियों में रहे हैं। छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव को पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। आकाश यादव को तेज प्रताप यादव का करीबी माना जाता है। हालांकि पद से हटाए जाने के बाद अब आकाश यादव ने राजद से इस्तीफा देकर लोजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। उन्हें छात्र लोजपा का अध्यक्ष बनाया गया है।

तेज प्रताप यादव ने एलान कर रखा है कि जगदानंद सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे पार्टी की किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेंगे। यह मामला सियासी तौर पर काफी गरमा चुका है और अब इस मामले में हर किसी को पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव के फैसले का इंतजार है।

Vidushi Mishra

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