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बिहार में दलित कार्ड खेलने की कांग्रेस की तैयारी, मीरा कुमार का नाम उछला,जल्द हो सकती है ताजपोशी
बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अब एक बड़े नाम की एंट्री भी हो गई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को बिहार में पार्टी को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
नई दिल्ली : बिहार कांग्रेस में इन दिनों नए अध्यक्ष को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। पार्टी नेतृत्व की ओर से इस बार किसी दलित चेहरे को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की तैयारी है। बिहार के कई नेता प्रदेश अध्यक्ष बनने की कोशिश में जुटे हुए हैं। पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए विधायक राजेश राम का नाम जोरशोर से चल रहा है। हालांकि पार्टी के कई नेता उनके नाम पर सहमत नहीं हैं।
बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अब एक बड़े नाम की एंट्री भी हो गई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को बिहार में पार्टी को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
वैसे इस मुद्दे पर मीरा कुमार के साथ ही कांग्रेस के अन्य नेता भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। अध्यक्ष पद को लेकर बिहार कांग्रेस में शुरू हुई उठापटक अभी तक नहीं थम सकी है। माना जा रहा है कि बिहार में मीरा कुमार की ताजपोशी के संबंध में जल्द ही बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
मीरा कुमार की मजबूत दावेदारी
दरअसल, बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन मिश्रा का कार्यकाल 18 सितंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में प्रदेश के कई नेताओं की ओर से अध्यक्ष बनने के लिए लॉबिंग की जा रही है। किसी दलित को बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के मुद्दे पर कुछ नेताओं ने आपत्ति भी जताई है।
उनका कहना है कि अध्यक्ष पद पर फैसला लेने के समय केवल जाति को आधार नहीं बनाया जाना चाहिए बल्कि व्यक्ति की नेतृत्व क्षमता, संगठन कौशल और पार्टी की सेवा को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
ऐसे में मीरा कुमार की दावेदारी को काफी मजबूत बताया जा रहा है। मीरा कुमार के पास संगठन और सरकार चलाने का लंबा अनुभव है। वे कांग्रेस की समर्पित सिपाही रही हैं। इसके साथ ही मीरा कुमार का सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट उनका दलित चेहरा होना भी है। पार्टी नेतृत्व इस बार किसी दलित को ही अध्यक्ष बनाना चाहता है ।
ऐसे में मीरा कुमार की दावेदारी काफी मजबूत हो गई है। इससे पहले विधायक राजेश राम का नाम जोर-शोर से उछला था । मगर उनके पास आवश्यक अनुभव न होना उनकी राह में सबसे बड़ी बाधा बनकर उभरा है।
सिर्फ एक नाम भेजे जाने से नेतृत्व नाराज
बिहार प्रदेश कांग्रेस की ओर से राजेश राम का नाम अध्यक्ष पद के लिए भेजा गया था। प्रदेश कमेटी की ओर से सिर्फ एक नाम भेजे जाने से पार्टी आलाकमान नाराज बताया जा रहा है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि किसी भी पद पर नियुक्ति का विचार किए जाने के लिए दो-तीन नामों की सूची भेजी जानी चाहिए। प्रदेश की ओर से सिर्फ राजेश राम का नाम भेजे जाने से आलाकमान नाखुश बताया जा रहा है।
अब इस मामले में मीरा कुमार के नाम की एंट्री होने के बाद पूरा माहौल बदलता नजर आ रहा है। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से बिहार में प्रदेश कांग्रेस की नई कमेटी बनाने की जिम्मेदारी भक्त चरण दास को सौंपी गई है। भक्त चरण दास बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी भी हैं। ऐसे में उनकी राय का महत्व काफी बढ़ गया है।
कई कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए जाएंगे
बिहार में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेश अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकी थी। 70 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद कांग्रेस के खाते में सिर्फ 19 सीटें ही हासिल की थी। पार्टी दबाव बनाकर 70 सीटें हासिल करने में जरूर कामयाब हो गई थी, मगर चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके।
कांग्रेस के इस खराब चुनावी प्रदर्शन के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। उनकी इस पेशकश के कई महीनों बाद भी पार्टी को अभी तक नया प्रदेश अध्यक्ष नहीं मिल सका है। वैसे इस बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ कई कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए जाने की तैयारी है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक यदि दलित चेहरे को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया तो पिछड़ों, अति पिछड़ों, सवर्णों और अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े नेताओं को भी कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
कांग्रेस नेतृत्व सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की कोशिश में जुटा हुआ है। कार्यकारी अध्यक्ष की दौड़ में चंदन यादव, कुमार आशीष, प्रवीण कुशवाहा और कुछ अन्य नेताओं के नाम भी शामिल बताए जा रहे हैं।