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चिराग आज देंगे पारस गुट को जवाब, भतीजे की बैठक से पहले चाचा का बड़ा सियासी दांव

Bihar Politics: चिराग गुट की ओर से बुलाई गई इस बैठक से पहले चाचा पशुपति कुमार पारस ने बड़ा सियासी दांव चलते हुए राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय सभी समितियों और प्रकोष्ठों को भंग कर दिया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shivani
Published on: 20 Jun 2021 9:53 AM IST
चिराग आज देंगे पारस गुट को जवाब, भतीजे की बैठक से पहले चाचा का बड़ा सियासी दांव
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Bihar Politics : लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में हुई टूट के बाद दोनों गुटों की ओर से सियासी दांव के जरिए एक-दूसरे को पटखनी देने कोशिशें चल रही हैं। बागी गुट की ओर से चिराग पासवान (Chirag Paswan) को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाकर पशुपति पारस (Pashupati Paras) की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी की जा चुकी है। दूसरी ओर चिराग पासवान ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अधिकांश सदस्यों का समर्थन हासिल होने की बात कही है। उन्होंने आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है जिसमें चिराग गुट आगे की रणनीति तैयार करेगा।

चिराग गुट की ओर से बुलाई गई इस बैठक से पहले (Chirag Paswan Chacha) चाचा पशुपति कुमार पारस ने बड़ा सियासी दांव चलते हुए राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय सभी समितियों और प्रकोष्ठों को भंग कर दिया है। पारस ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का भी ऐलान कर दिया है। इससे साफ है कि दोनों पक्षों के बीच तलवारें खिंच गई हैं और दोनों पक्ष सियासी अखाड़े में दांव पेंच के जरिए बाजी जीतने की कोशिश में जुट गए हैं।

चिराग गुट की बैठक आज, बड़े समर्थन का दावा

पासवान ने पटना में हुई बैठक को अवैध बताते हुए पशुपति पारस को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मानने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि जिस बैठक में पारस को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया, उसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी के गिने-चुने लोग ही मौजूद थे। उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अधिकांश सदस्यों के समर्थन का भी दावा किया है। उन्होंने कहा कि रविवार को होने वाली बैठक में पता चल जाएगा कि पार्टी के लोग किसके साथ हैं।


लोजपा में चल रहे झगड़े में रविवार का दिन महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि रविवार को चिराग पासवान की ओर से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है। पारस गुट की निगाह भी इस बैठक पर लगी हुई है। चिराग पासवान का गुट इस बैठक को सफल बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है ताकि पार्टी पर अपनी दावेदारी को और मजबूत बनाया जा सके।

पारस ने बनाई नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी

दूसरी ओर चिराग गुट की ओर से बुलाई गई बैठक से पहले पशुपति पारस ने बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय कार्यकारिणी समेत सभी प्रकोष्ठों को भंग कर दिया है। पारस गुट के इस कदम को चिराग गुट की ओर से बुलाई गई बैठक को विफल बनाने की कोशिश माना जा रहा है। पारस ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि चिराग पासवान की ओर से बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पारस गुट ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान करते हुए इसकी सूचना चुनाव आयोग को भी भेज दी है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अध्यक्ष पशुपति पारस के अलावा आठ सदस्यों को शामिल किया गया है। इन आठ सदस्यों में चौधरी महबूब अली कैसर, चंदन सिंह, वीणा देवी, प्रिंस राज, सुनीता शर्मा, संजय सराफ, विनोद नागर और रंजीत सिंह शामिल हैं।

कमेटियों का गठन जल्द करने का ऐलान

पारस का कहना है कि अभी छोटी कार्यकारिणी का गठन किया गया है मगर जल्द ही बाकी लोगों को भी इसमें मनोनीत किया जाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड और राष्ट्रीय व प्रदेश स्तरीय सभी कमेटियों का भी गठन जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ओर से मुझे अध्यक्ष चुना जा चुका है और ऐसे में रविवार को चिराग पासवान की ओर से बुलाई गई बैठक पूरी तरह असंवैधानिक है।

उन्होंने कहा कि चिराग का यह दावा पूरी तरह बेबुनियाद है कि मुझे पार्टी के बहुमत का समर्थन नहीं हासिल है। पार्टी की ओर से मुझे अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है और इसके साथ ही लोकसभा के स्पीकर ने भी मुझे लोजपा संसदीय दल के नेता के रूप में मान्यता दे दी है।

सभी की नजरें चिराग गुट की बैठक पर

उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने लोजपा को काफी नुकसान पहुंचाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोध में अंधे होकर उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों का चुनाव लड़ाया जिनमें से अधिकांश को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए एनडीए को समर्थन जारी रखने का भी ऐलान किया है।
सियासी जानकारों का कहना है कि अब हर किसी की नजर रविवार को होने वाली चिराग गुट की बैठक पर लगी हुई है। चिराग पासवान लगातार बहुमत का समर्थन होने का दावा कर रहे हैं। उनका गुट कई दिनों से बैठक को सफल बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि लोजपा से जुड़े कितने महत्वपूर्ण नेता चिराग पासवान की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचते हैं।


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Shivani

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