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Bihar Politics : क्या चाचा पारस के साथ भतीजे का फिर बनेगा रिश्ता? चिराग के इस कदम के बाद तेज हुईं चर्चाएं

Bihar Politics : चिराग पासवान ( Chirag Paswan ) रामविलास पासवान ( Ram Vilas Paswan ) की पहली बरसी ( Ram Vilas Paswan Ki Pehli Barsi ) को बिग शो बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 11 Sept 2021 11:24 AM IST
Chirag Paswan Pashupati Kumar Paras
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चिराग पासवान चाचा पशुपति कुमार पारस (फोटो- सोशल मीडिया)

Bihar Politics : बिहार की राजधानी पटना के सियासी हलकों में एक चर्चा ने काफी तेजी पकड़ रखी है। लोजपा में ही नहीं बल्कि अन्य दलों के नेताओं के दिलो-दिमाग में भी यह सवाल तेजी से उठा है कि क्या चिराग पासवान ( Chirag Paswan ) और चाचा पशुपति कुमार पारस ( Pashupati Paras ) के बीच रिश्तों में पैदा हुई खटास दूर हो जाएगी?

इस सवाल के जवाब में अलग-अलग बातें कही जा रही हैं । माना जा रहा है कि असली तस्वीर तो लोजपा ( Lok Janshakti Party ) के संस्थापक रामविलास पासवान ( Ram Vilas Paswan ) की पहली बरसी पर 12 सितंबर को आयोजित कार्यक्रम के बाद ही साफ हो पाएगी।

चिराग पासवान ( Chirag Paswan ) रामविलास पासवान ( Ram Vilas Paswan ) की पहली बरसी ( Ram Vilas Paswan Ki Pehli Barsi ) को बिग शो बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सहित विभिन्न दलों के नेताओं को निमंत्रण दिया है।

रामविलास पासवान की पहली बरसी (फोटो- सोशल मीडिया)

इसी कड़ी में उन्होंने अपने चाचा पारस( Pashupati Paras ) के घर जाकर भी कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया। चिराग की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद ही चाचा और भतीजे के फिर एक होने की चर्चाओं ने तेजी पकड़ी है। हालांकि अभी तक इस बाबत कोई भी नेता पुष्ट तरीके से कोई बयान नहीं दे रहा है।

बरसी कार्यक्रम का घर जाकर दिया निमंत्रण

चिराग ( Chirag Paswan ) ने अपने पिता की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में बड़े नेताओं के साथ ही उन सभी लोगों को आमंत्रित किया है जो कभी रामविलास पासवान से जुड़े हुए थे।

उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री के अलावा राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव ( Lalu Prasad Yadav ) और उनके बेटे तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav ) को भी निमंत्रित किया है।

लालू प्रसाद यादव बेटे तेजस्वी यादव के संग (फोटो- सोशल मीडिया)

चिराग का कहना है कि मेरी हार्दिक इच्छा है कि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हिस्सा लें। मैं उनसे मिलना चाहता था मगर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से अभी तक समय नहीं दिया गया है।

रामविलास पासवान ( Ram Vilas Paswan Ki Pehli Barsi ) की पहली बरसी पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं । मगर इस बीच चिराग ( Chirag Paswan ) की ओर से उठाए गए एक कदम के बाद दूसरी तरह की चर्चाओं ने भी तेजी पकड़ ली है।

चिराग ( Chirag Paswan ) ने अपने चाचा ( Pashupati Paras ) के घर जाकर उन्हें अपने पिता के बरसी के कार्यक्रम में निमंत्रित किया है। चाचा ( Pashupati Paras ) ने अपने भतीजे का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और बड़े भाई से जुड़े कार्यक्रम में हिस्सा लेने की बात कही है।

बरसी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे पारस

चिराग की ओर से निमंत्रित किए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री पारस ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि चिराग की ओर से मुझे निमंत्रित नहीं भी किया जाता तो भी मैं अपने बड़े भाई के बरसी कार्यक्रम में हिस्सा जरूर लेता।

उन्होंने कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं, वह अपने बड़े भाई रामविलास पासवान की बदौलत हूं। उन्होंने ही मुझे सियासी मैदान में उतारकर आगे बढ़ने की राह दिखाई है। सच्चाई तो यह है कि वह मेरे लिए भगवान सरीखे थे।

पशुपति कुमार पारस (फोटो- सोशल मीडिया)

चिराग ( Chirag Paswan ) के साथ फिर एका होने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में पारस ने कहा कि राजनीति और परिवार दो अलग-अलग चीजें हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति और परिवार को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता।

इसके साथ ही उन्होंने रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रस्ताव बिहार की कैबिनेट से पारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को इस बाबत प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से चर्चा भी करेंगे।

रिश्तों की खटास दूर करने की बड़ी कोशिश

पासवान परिवार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चिराग सिर्फ चाचा पारस ( Pashupati Paras ) के यहां निमंत्रण देने ही नहीं पहुंचे बल्कि उन्होंने निमंत्रण पत्र पर पारस और अपने चचेरे भाई प्रिंस राज का नाम भी छपवाया है। इसे चिराग का चाचा के साथ अपने संबंधों को बहाल करने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।

लोजपा में हुई टूट के बाद चिराग पूरी तरह अलग-थलग पड़ चुके हैं। बिहार में अपनी पुरानी सियासी जमीन पाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा भी निकाली थी। हालांकि अभी तक चिराग को इस काम में ज्यादा बड़ी कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है।

लोजपा में टूट से कमजोर हुए चिराग

चाचा पशुपति पारस ( Pashupati Paras ) की अगुवाई में लोजपा के पांच सांसदों के टूट जाने के बाद चिराग संसद और कोर्ट दोनों जगहों पर लड़ाई हार चुके हैं। उन्होंने लोजपा के अलग गुट को मान्यता देने के स्पीकर के फैसले पर आपत्ति जताई थी, मगर स्पीकर ने उनकी आपत्तियों को खारिज कर दिया है। स्पीकर की दलील है कि उन्होंने नियमों के अनुसार ही भारत कोट को मान्यता दी है।

पार्टी में हुई टूट के बाद चिराग ने दिल्ली

हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी मगर हाईकोर्ट ने पहली नजर में ही इस याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट तो इस मामले में चिराग पर जुर्माना भी लगाने जा रहा था मगर चिराग के वकील के अनुरोध पर बाद में कोर्ट ने यह कदम नहीं उठाया।

ऐसी स्थिति में कमजोर पड़ चुके चिराग के अपने चाचा ( Pashupati Paras ) के आवास पर जाने की घटना को बड़ा सियासी कदम माना जा रहा है। आने वाले दिनों में चिराग के इस कदम का असर दिख सकता है।



Vidushi Mishra

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