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आरसीपी को लेकर जदयू में घमासान, करीबियों पर गाज गिरने के बाद अब मंत्री पद पर संकट, मांगा इस्तीफा

Bihar Politics: अजय आलोक (Ajay Alok) समेत मंत्री के कई करीबियों को पार्टी से निष्कासित करने के बाद अब आरसीपी सिंह (RCP Singh) से भी इस्तीफे की मांग की गई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 14 Jun 2022 1:28 PM GMT
आरसीपी को लेकर जदयू में घमासान, करीबियों पर गाज गिरने के बाद अब मंत्री पद पर संकट, मांगा इस्तीफा
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सीएम नीतीश कुमार-आरसीपी सिंह

Bihar Politics: बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यू (JDU) में घमासान लगातार तेज होता जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की नजर टेढ़ी होने के बाद पार्टी में केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (Ram Chandra Prasad Singh) की अहमियत लगातार कम होती जा रही है। राज्यसभा का टिकट कटने के बाद उनका सियासी भविष्य भी अधर में लटकता दिख रहा है।

अजय आलोक (Ajay Alok) समेत मंत्री के कई करीबियों को पार्टी से निष्कासित करने के बाद अब आरसीपी सिंह (RCP Singh) से भी इस्तीफे की मांग की गई है। जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कहा कि अब नैतिकता के आधार पर आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ देना चाहिए।

उपेंद्र कुशवाहा ने मांगा मंत्री पद से इस्तीफा

दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों आरसीपी सिंह का राज्यसभा टिकट (Rajya Sabha Election Ticket) काटने का बड़ा फैसला लिया था। राज्यसभा सदस्य के रूप में आरसीपी (RCP Singh) का कार्यकाल आगामी 7 जुलाई को समाप्त होने वाला है। आरसीपी सिंह ने अपने सियासी भविष्य को लेकर अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं मगर दूसरी ओर जदयू के वरिष्ठ नेता ने उनपर इस्तीफे का दबाव बढ़ा दिया है।

जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और नीतीश के करीबी माने जाने वाले उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कहा कि राज्यसभा सदस्य के रूप में आरसीपी का कार्यकाल 7 जुलाई को समाप्त हो जाएगा। इसलिए उन्हें इसके बाद केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। आरसीपी सिंह की भाजपा से नजदीकी के बीच कुशवाहा की ओर से की गई यह मांग काफी अहम मानी जा रही है। इसके जरिए जदयू ने यह संकेत देने की कोशिश की है कि आरसीपी सिंह को आगे केंद्रीय मंत्री बनाए रखना पार्टी को मंजूर नहीं होगा।

कई करीबी पार्टी से निष्कासित

इससे पहले एक जदयू की ओर से आरसीपी के कई करीबियों पर कार्रवाई करके जदयू नेतृत्व ने अपना रुख पूरी तरह साफ कर दिया है। एक दिन पहले तक पार्टी का पक्ष रखने वाले प्रवक्ता अजय आलोक (Ajay Alok) को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। अजय आलोक को आरसीपी सिंह (RCP Singh) का काफी करीबी माना जाता रहा है।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बताया कि पार्टी का अनुशासन तोड़ने के आरोप में अजय आलोक के अलावा विपिन यादव और अनिल कुमार को भी सभी पदों पर हटाते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। जदयू नेता जितेंद्र नीरज को भी पार्टी से निकाल दिया गया है।

इनमें से अजय आलोक और जितेंद्र नीरज को आरसीपी का काफी करीबी बताया जाता रहा है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के कुछ पदाधिकारी लगातार पार्टी का अनुशासन तोड़ने में जुटे हुए थे। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। जदयू की ओर से की गई इस कार्रवाई से साफ हो गया है कि अब आरसीपी का पार्टी में कोई सियासी भविष्य नजर नहीं आ रहा है।

अजय आलोक ने कसा नेतृत्व पर तंज

दूसरी ओर पार्टी से निकाले जाने के बाद पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि मैं खुद को पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने के लिए पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि जदयू के साथ मेरा लंबे समय तक साथ रहा है। इसलिए मैं पार्टी को अपनी ओर से शुभकामनाएं देता हूं।

इसके साथ ही वे पार्टी नेतृत्व पर तंज करने से भी नहीं चूके। उन्होंने इशारों में तंज करते हुए कहा कि बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते। हालांकि उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर सीधा हमला बोलने से परहेज किया मगर माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी में घमासान और बढ़ेगा।

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Shreya

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