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Bihar Politics : अमित शाह का बयान... लालू का ऑफर, नीतीश मुस्कराए और तोड़ी चुप्पी, हो सकता है बड़ा खेल!

Bihar Politics : बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति में भूचाल आ गया है। लालू प्रसाद यादव ने नीतीश को महागठबंधन में आने का न्यौता दिया है।

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Newstrack Network
Published on: 2 Jan 2025 9:16 PM IST (Updated on: 2 Jan 2025 10:02 PM IST)
Bihar Politics : अमित शाह का बयान... लालू का ऑफर, नीतीश मुस्कराए और तोड़ी चुप्पी, हो सकता है बड़ा खेल!
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Bihar Politics : बिहार में विधानसभा चुनाव इसी साल होने वाले हैं, इससे पहले बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है। दरअसल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने टीवी चैनल को दिए एक साक्षात्कार में विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कहा था कि गठबंधन के साथ बैठ कर निर्णय लिया जाएगा। वहीं, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा ऑफर दे दिया है। अब नीतीश ने भी अपनी चुप्पी तोड़ दी है।

बिहार की राजनीति में कयासबाजी तब से शुरू हो गई, जब अमित शाह ने एक टीवी चैनल पर बिहार की रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने कहा था कि रणनीति और चेहरे में पर बीजेपी संसदीय दल की बैठक में फैसला लिया जाएगा। इस बयान के बाद से सियासत तेज हो गई थी, क्योंकि बीजेपी के नेता हमेशा कहते आए है कि बिहार में एनडीए के नेता नीतीश कुमार ही रहेंगे। अमित शाह के इस बयान के जदयू के नेताओं में संशय पैदा हो गया था।

डिप्टी सीएम के बयान खड़ी की मुश्किलें

इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी के 100वें जन्मदिन पर बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने बड़ा राजनीतिक बयान दे दिया था। उन्होंने एक कार्यक्रम में कह दिया था कि अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था कि बिहार में बीजेपी की अपनी सरकार हो। उनके इस बयान के बाद से राजनीतिक हलचल मच गई थी, हालांकि बाद में उन्होंने सफाई भी दी थी। उन्होंने कहा था कि बिहार में नेतृत्व नीतीश कुमार के पास ही रहेगा। उनके बयान के बाद से ऐसा लग रहा था कि बिहार एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

लालू-तेजस्वी में एकराय नहीं

वहीं, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बयान से बिहार की राजनीति में तब भूचाल आ गया, जब उन्होंने नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होने का न्यौता दे दिया है। हालांकि सबसे खास बात यह है कि इस बार लालू और तेजस्वी यानी पिता-पुत्र में छिड़ गई है। तेजस्वी ने साफ कहा कि नीतीश कुमार के लिए गठबंधन के सभी दरवाजे बंद है। इसके बाद से यह कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार को लेकर लालू यादव और तेजस्वी यादव में एकराय नहीं है। लालू यादव के बयान को लेकर सबकी अपनी अलग राय ही है।

राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं

वहीं, जेडीयू नेताओं ने सस्पेंस बनाने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। नेताओं ने लालू यादव और नीतीश कुमार की पुरानी दोस्ती की चर्चा शुरू कर दी है। ये कहा जा रहा है कि कि राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता है। जदयू नेता गुलाम गौस ने नीतीश और लालू के बीच छोटे भाई और बड़े भाई के रिश्ते की वकालत की है। उन्होंने कहा कि दोनों नेता समाजवादी है, जो आंदोलन के साथ भी काम कर चुके हैं और सरकार में भी साथ-साथ रहे हैं। आगे क्या परिस्थितियां बनती हैं, ये आगे देखने की बात है। वहीं, महेश्वर हजारी ने कहा कि राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता है। यह सब हालातों पर निर्भर है।

एनडीए में अभी सबकुछ ठीक : जेडीयू

वहीं, जदूय प्रवक्ता ने नीतीश कुमार सोना है, उनसे जुड़कर सभी दल राजनीति करना चाते हैं। उन्होंने कहा कि समय के हिसाब से फैसले लिए जाते हैं। हम किसके बयान पर भरोसा करें लालू यादव या तेजस्वी यादव के। उन्होंने कहा कि आरजेडी को भी मालूम हैं कि नीतीश के बिना उनकी नैया पार नहीं हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि अभी एनडीए में सब कुछ ठीक चल रहा है।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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