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Bihar Politics: चाचा को मनाने पहुंचे चिराग, पारस ने कहा- हमने पार्टी तोड़ी नहीं, बचाई है

चिराग पासवान चाचा पशुपति पारस के घर के बाहर कार में बैठे बार बार कार का हॉर्न बजाते रहे, ताकि घर का दरवाजा खुले, लेकिन उनके चाचा के घर का दरवाजा 25 मिनट तक नहीं खुला।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 14 Jun 2021 1:54 PM IST (Updated on: 14 Jun 2021 2:05 PM IST)
mainne paartee todee nahin hai, paartee ko bachaaya hai.
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चाचा को मनाने पहुंचे चिराग: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया 

Bihar Politics: बिहार की राजनीति उस समय गरमा गई जब दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान द्वारा स्थापित लोक जनशक्ति पार्टी में बगावत के सुर उठने लगे। इस नए राजनीतिक घटनाक्रम में रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने पांच सांसदों को साथ लेकर अब पार्टी पर अपना अधिकार जता दिया है जिसके कारण अब चिराग पासवान अब बिलकुल अलग-थलग पड़ते दिखाई दे रहे हैं।

दिवंगत पिता के हाथों से बनाई गई पार्टी को टूटते देख चिराग पासवान, चाचा पशुपति पारस को मनाने के लिए उनके घर पहुंचे हैं। खबर के अनुसार चिराग पासवान चाचा पारस के घर के बाहर 25 मिनट तक खड़े रहे तब जाकर उनके लिए दरवाजा खुला। बताया जा रहा है कि दिल्ली में 12 जनपथ से चिराग पासवान अपने चाचा के घर पर पहुंचे।

चिराग पासवान चाचा के घर के बाहर बैठे कार का हॉर्न बजाते रहे

बताया जा रहा है कि चिराग पासवान चाचा पशुपति पारस के घर के बाहर कार में बैठे बार बार कार का हॉर्न बजाते रहे, ताकि घर का दरवाजा खुले, लेकिन उनके चाचा के घर का दरवाजा 25 मिनट तक नहीं खुला। चिराग बार बार हॉर्न बजाते रहे, लेकिन घर का दरवाजा नहीं खुला।

घर का दरवाजा तो खुला लेकिन पता चला कि पशुपति पारस घर में नहीं हैं

काफी देर बाद उनके चाचा के घर का दरवाजा खुला, लेकिन जानकारी मिली कि उनके चाचा पशुपति पारस घर पर मौजूद नहीं थे। अभी घर में चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज ही मौजूद हैं। चिराग अभी उनसे ही मुलाकात कर रहे हैं। चिराग पासवान के साथ एलजेपी बिहार के अध्यक्ष राजू तिवारी भी मौजूद हैं।


हमारे भाई चले गए, हम अकेले महसूस कर रहे- पशुपति पारस

लोक जनशक्ति पार्टी में टूट हो गई, इसी मसले पर सोमवार को पशुपति पारस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पशुपति पारस ने कहा कि हमारे भाई चले गए, हम अकेले महसूस कर रहे हैं। इससे पहले पशुपति पारस ने कहा कि पार्टी की बागडोर जिनके हाथ में गया, तब सभी लोगों की इच्छा थी 2014 में और इस बार भी हम एनडीए के साथ बने रहें। लोक जनशक्ति पार्टी बिखर रही थी, असमाजिक तत्व आ रहे थे, एनडीए से गठबंधन को तोड़ दिया और कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी गई।

हमने पार्टी तोड़ी नहीं, बचाई है-पारस

पशुपति पारस ने बताया कि हमारी पार्टी के पांच सांसदों की इच्छा थी कि पार्टी को बचाना जरूरी है। मैंने पार्टी तोड़ी नहीं है, पार्टी को बचाया है। जबतक मैं जिंदा हूं, पार्टी को जिंदा रखेंगे। मुझे चिराग पासवान से कोई दिक्कत नहीं है, अभी भी ओरिजनल पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ही है। चिराग अभी तक पार्टी के अध्यक्ष हैं, लेकिन अब वह हमारे साथ आना चाहें तो आ सकते हैं।

जनता दल (यू) के साथ जाने की बातों पर पशुपति पारस ने कहा कि मैं शुरुआत से एनडीए के साथ रहा हूं, हम एनडीए के साथ रहेंगे। पशुपति पारस ने कहा कि वह नीतीश कुमार को एक अच्छा लीडर मानते हैं, वह विकास पुरुष हैं।

आपको बता दें कि पशुपति पारस द्वारा बीते दिन लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिख पांचों सांसदों को अलग मान्यता देने की मांग की गई, साथ ही खुद को पार्टी लीडर बताया गया। पशुपति पारस का कहना है कि वह स्पीकर के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।

हम पार्टी का अस्तित्व बचाना चाहते हैं- पारस

पशुपति पारस के नेतृत्व में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिले LJP के सांसदों ने मुलाकात की। एलजेपी के सांसदों की हुई बैठक में पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता चुना गया और महबूब अली क़ैसर को उपनेता जबकि चंदन सिंह संसदीय दल के सचेतक चुने गए। बैठक में पशुपति पारस ने कहा कि चिराग पासवान से शिकायत नहीं है और न ही कोई आपत्ति है वे पार्टी में रहें। हाजीपुर से लोकसभा सांसद पशुपति ने यह भी कहा कि हम पार्टी का अस्तित्व बचाना चाहते हैं।




लोक जनशक्ति पार्टी ने बिहार के विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए से खुद को अलग कर लिया था। हालांकि, विधानसभा चुनाव में पार्टी ने कोई खास प्रदर्शन नहीं किया, ऐसे में अब लंबे वक्त के बाद पशुपति पारस बड़ी भूमिका में नज़र आ रहे हैं।



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Shashi kant gautam

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