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Bihar Politics: ओसामा पर डोरे डालने में जुटे ओवैसी, राजद से परिवार की नाराजगी भुनाने की कोशिश

Bihar Politics: राजद से शहाबुद्दीन के परिजनों की नाराजगी भुनाने की कोशिश में अब ओवैसी भी जुट गए हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Dharmendra Singh
Published on: 14 Jun 2021 5:00 PM IST (Updated on: 14 Jun 2021 5:32 PM IST)
Osama Shahab asaduddin owaisi
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ओसामा और असदुद्दीन ओवैसी (काॅन्सेप्ट फोटो: सोशल मीडिया)

Bihar Politics: सीवान के पूर्व सांसद और राजद के वरिष्ठ नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने उनके बेटे ओसामा पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। शहाबुद्दीन का शव सीवान न ला पाने को लेकर ओसामा राजद से नाराज चल रहे हैं और ओवैसी शहाबुद्दीन की बेटे की इसी नाराजगी को भुनाने की कोशिश में जुट गए हैं।

इसी सिलसिले में एआईएमआईएम के पांचों विधायकों ने सीवान में ओसामा के घर जाकर उनसे मुलाकात की है। सियासी जानकारों का कहना है कि इन विधायकों ने ओसामा को ओवैसी का विशेष संदेश भी दिया है। हालांकि अभी इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि ओवैसी की ओर से ओसामा को भेजे गए संदेश में क्या बातें कही गई हैं। माना जा रहा है कि ओवैसी ओसामा को साथ लाकर मुस्लिम मतों की एकजुटता बनाए रखना चाहते हैं।

राजद से इसलिए नाराज है परिवार

दरअसल कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का पिछले दिनों नई दिल्ली में निधन हो गया था। शहाबुद्दीन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे और कोरोना से संक्रमित होने के बाद उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। निधन के बाद शहाबुद्दीन का परिवार उनका शव सीवान ले जाना चाहता था मगर इसकी इजाजत नहीं मिल सकी।
शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा और अन्य समर्थकों ने इसे लेकर काफी नाराजगी जताई थी। उनकी नाराजगी खासतौर पर राजद नेता तेजस्वी यादव को लेकर थी। शहाबुद्दीन के परिजनों और समर्थकों का आरोप है कि इस मामले में तेजस्वी यादव की ओर से कोई भी मदद नहीं की गई।

नहीं काम आई लालू की चाल

हालांकि राजद ने इन आरोपों को गलत बताया था। राजद के प्रति परिजनों की नाराजगी को दूर करने के लिए ही पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को शहाबुद्दीन के घर भी भेजा था मगर इस कवायद के बाद भी अभी तक शहाबुद्दीन के परिजनों की राजद से नाराजगी दूर नहीं हो सकी है। तेजस्वी यादव के अभी तक परिजनों से न मिलने के मुद्दे पर भी नाराजगी बढ़ती जा रही है। इसी नाराजगी के चलते सलीम परवेज समेत राजद के कई नेता पार्टी से इस्तीफा भी दे चुके हैं।

ओसामा के साथ बैठे एआईएमआईएम के विधायक (फोटो: सोशल मीडिया)

ओवैसी के पांचों विधायक ओसामा से मिले

राजद से शहाबुद्दीन के परिजनों की नाराजगी भुनाने की कोशिश में अब ओवैसी भी जुट गए हैं। माना जा रहा है कि इसीलिए उन्होंने अपने पार्टी के पांचों विधायकों को सीवान स्थित शहाबुद्दीन के घर भेजा था। शहाबुद्दीन के सीवान शहर के नया किला स्थित आवास पर पांचों विधायकों ने पूर्व सांसद के बेटे ओसामा शहाब से मिलकर सांत्वना दी।
जानकारों के मुताबिक पांचों विधायकों की शहाबुद्दीन के बेटे के साथ दो घंटे लंबी गुफ्तगू हुई और इस दौरान बिहार की सियासत से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान ने मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें दलितों और मजदूरों का नेता बताया।

मुस्लिम मतों के ध्रुवीकरण पर नजर

उन्होंने कहा कि ओवैसी और मोहम्मद शहाबुद्दीन के काफी अच्छे रिश्ते थे और ओवैसी खुद शहाबुद्दीन के परिवार से मिलने के लिए आने वाले थे मगर कोरोना महामारी के कारण वे अभी तक नहीं आ सके। जानकारों का कहना है कि विधायकों की ओर से ओसामा को ओवैसी का विशेष संदेश भी दिया गया है मगर इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि ओवैसी की ओर से ओसामा को क्या ऑफर दिया गया है। हालांकि जानकारों का कहना है कि ओवैसी बिहार में मुस्लिम मतों की एकजुटता चाहते हैं और इसी कारण वे ओसामा से मिलकर आगे का सियासी खाका तैयार करना चाहते हैं।
सियासी जानकारों का कहना है कि बिहार के मुस्लिम मतदाताओं पर मोहम्मद शहाबुद्दीन की अच्छी पकड़ थी। उनके परिजनों को मिलाकर शहाबुद्दीन मुस्लिम मतों की आगे भी गोलबंदी जारी रखना चाहते हैं ताकि उसका सियासी फायदा उठाया जा सके।

अभी तक नहीं खोले सियासी पत्ते

मुस्लिम मतदाताओं पर शहाबुद्दीन की पकड़ के कारण ही राजद नेता भी शहाबुद्दीन के परिवार की नाराजगी दूर करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। पार्टी की ओर से इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं मगर शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा ने अभी तक अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है। हाल के दिनों में उन्होंने कई राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ मुलाकात की है।
उनसे मुलाकात करने वालों में जाप के नेता और पूर्व सांसद पप्पू यादव भी शामिल हैं। पप्पू यादव ने सबसे पहले सीवान पहुंचकर ओसामा से मुलाकात की थी और उनके साथ लंबी गुफ्तगू की थी। वैसे शहाबुद्दीन के बेटे ने अभी तक अपने सियासी पत्ते नहीं खोले हैं। बिहार की सियासत में शहाबुद्दीन के असर को देखते हुए ओसामा और उनकी मां हिना शहाब के सियासी फैसले का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।




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Dharmendra Singh

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