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Bihar Politics: बिहार में मांझी व सहनी की मुलाकात से सियासी भूचाल, उपेक्षा से नाराज हैं दोनों नेता

Bihar Politics: सहनी ने मांझी के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात में विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Dharmendra Singh
Published on: 1 Jun 2021 3:30 PM GMT
jitan ram manjhi mukesh sahani
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जीतन राम मांझी के साथ मुकेश सहनी (फोटो: सोशल मीडिया)

Bihar Politics: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल दो सियासी दलों के नेताओं की मुलाकात ने बिहार में सियासी भूचाल ला दिया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी की मुलाकात के बाद राज्य में सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया है। सहनी ने मांझी के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात में विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।

मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने के अलावा उन्होंने राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा की है। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद राजद ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों नेताओं की उपेक्षा कर रहे हैं और इस बरसात में नीतीश सरकार की नाव भी निश्चित रूप से डूब जाएगी।

प्रमुख फैसलों में दोनों नेताओं की अनदेखी

सियासी जानकारों का कहना है कि मांझी और सहनी दोनों एनडीए गठबंधन से भीतर ही भीतर नाराज हैं। हालांकि अभी तक उन्होंने इस बाबत खुलकर कुछ नहीं कहा है। मांझी के करीबी नेता ने भी गठबंधन से उनकी नाराजगी की पुष्टि की है। जानकारों का कहना है कि सरकार के प्रमुख फैसलों में इन दोनों नेताओं की अनदेखी की जा रही है। अपनी इसी उपेक्षा के कारण दोनों नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं।
मांझी ने पिछले दिनों इस बाबत संकेत भी किया था। उनका कहना था कि बिहार में गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया जा रहा है। कोरोना महामारी के दौरान लोगों की मदद करने वाले पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर भी दोनों नेताओं ने नाराजगी जताई थी और इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया था। उन्होंने पप्पू यादव की अविलंब रिहाई की भी मांग की थी। अब इन दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के बाद भीतर ही भीतर कोई सियासी खिचड़ी पकने की बात कही जा रही है।

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

राजद ने कहा- डूब जाएगी एनडीए की नाव
मांझी और सहनी की मुलाकात के बाद पैदा हुई सियासी अटकलों के बीच मुख्य विपक्षी दल राजद भी सक्रिय हो गया है। दोनों नेताओं के बीच मुलाकात को मौके के रूप में देख रही पार्टी ने इसे दोनों नेताओं की उपेक्षा का परिणाम बताया है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि एनडीए की सरकार में मांझी और सहनी जैसे प्रमुख नेताओं की उपेक्षा की जा रही है।
नीतीश सरकार के किसी भी फैसले में दोनों नेताओं से कोई सलाह नहीं ली जाती। उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं के सहारे पर ही नीतीश सरकार चल रही है मगर इन दोनों नेताओं को भी किनारे किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि मांझी और सहनी की यह मुलाकात रंग लाएगी और इस बरसात में निश्चित रूप से एनडीए की नाव भी डूब जाएगी।

दो जून को होगी हम की बैठक

मांझी की पार्टी हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच राज्य के मौजूदा हालात के साथ ही विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा हुई है। दोनों नेताओं ने राज्य के सुशासन और विकास की रफ्तार को तेज करने पर भी बातचीत की। रिजवान ने बताया कि 2 जून को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है। इस बैठक में जनहित से जुड़े विभिन्न मुद्दों और पार्टी को मजबूत बनाने पर विचार विमर्श किया जाएगा।

जीतन राम मांझी (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

दबाव की राजनीति में मांझी माहिर

जीतन राम मांझी हमेशा गठबंधन में अपनी मांगों को मनवाने के लिए दबाव की राजनीति का सहारा लेते रहे हैं। वे जिस गठबंधन में भी।रहे हैं वहां अपने कद को लेकर हमेशा गंभीर रहे हैं। सियासी प्रतिबद्धताओं को लेकर उनका अनिश्चितता का इतिहास रहा है। एनडीए में भी वे अपना कद बड़ा कर अपनी पार्टी को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
जानकारों का कहना है कि मुकेश सहनी से उनकी मुलाकात दबाव की राजनीति का ही हिस्सा है। दोनों नेता लगातार एनडीए के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए सिरदर्द बढ़ाने वाले साबित हो रहे हैं। एनडीए में बहुमत का आंकड़ा भी इन दोनों दलों के समर्थन पर ही टिका है।
हालांकि मांझी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राजद पर भी हमला करते रहे हैं मगर सियासत में ऊंट कब किस करवट बैठ जाए, यह नहीं कहा जा सकता और मांझी का ऐसा सियासी इतिहास भी रहा है।


Dharmendra Singh

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