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Bihar Politics: नीतीश को पीएम मैटेरियल बताने पर गरमाई बिहार की सियासत, तेजस्वी ने कसा तंज, भाजपा से मांगा जवाब

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताए जाने के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 2 Sept 2021 11:17 AM IST
Chief Minister Nitish Kumar
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  (File Photo) pic(social media)

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताए जाने के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने हाल के दिनों में नीतीश कुमार को कई बार पीएम मैटेरियल बताया है। इसके बाद पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भी बाकायदा इस बाबत प्रस्ताव पारित किया गया। पार्टी के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इस बाबत प्रस्ताव रखा था। जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

वैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर सवाल पूछे जाने पर हाथ जोड़ लेते हैं। कहते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में ही पूरी तरह खुश हूं मैं। मुझमें प्रधानमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। जदयू की ओर से यह कदम उठाए जाने के बाद नीतीश कुमार के पक्ष और विपक्ष में कई तर्क दिए जा रहे हैं जिसे लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है।

बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताए जाने पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा को यह फैसला कर लेना चाहिए कि वह नीतीश को प्रधानमंत्री बनाएगी या नहीं। दूसरी ओर एनडीए में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने भी इस पर आपत्ति जताई है। पार्टी का कहना है कि मौजूदा समय में नरेंद्र मोदी पीएम के रूप में अच्छा काम कर रहे हैं। ऐसे में एनडीए के लोगों को इस तरह की बयानबाजी से परहेज करना चाहिए। एनडीए के घटक वीआईपी ने नीतीश कुमार का समर्थन करते हुए कहा है कि उनमें पीएम बनने की सारी योग्यताएं हैं।

तेजस्वी यादव (File Photo) pic(social media)

नीतीश के बारे में भाजपा फैसला करे

जदयू की ओर से नीतीश को पीएम मैटेरियल बताए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार में जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी है। उसका सारा जनाधार लोकसभा की सिर्फ 40 सीटों तक सिमटा हुआ है। ऐसे में बीजेपी को यह तय करना होगा कि वह नीतीश को पीएम बनाएगी या नहीं।

उन्होंने नीतीश को थका हुआ मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उनके कारण बिहार की बुरी हालत हो चुकी है। मुख्यमंत्री के रूप में वे बिहार की सरकार और प्रशासन नहीं संभाल पा रहे हैं। ऐसे में वे देश को कैसे संभालेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में दूसरे और तीसरे नंबर की पार्टियों को इस मसले को आपस में सुलझा लेना चाहिए।

एनडीए नेता ऐसे बयानों से परहेज करें

इस मुद्दे पर जीतन राम मांझी की पार्टी हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि देश की जनता ने मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाया है। ऐसे में एनडीए में शामिल दलों को इस तरह की बयानबाजी से परहेज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से नीतीश की पीएम पद की दावेदारी को लेकर जो बातें चल रही हैं, वह कहीं से ठीक नहीं है। बिहार की जनता ने नीतीश को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया है। ऐसी स्थिति में उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताने का बयान उचित नहीं है। एनडीए गठबंधन में शामिल दलों को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसी बयानबाजी से भ्रम की स्थिति पैदा होती है।

वीआईपी ने किया नीतीश का समर्थन

उधर प्रदेश के मंत्री और वीआईपी के मुखिया मुकेश सहनी ने कहा कि हर पार्टी के पदाधिकारी चाहते हैं कि उसका नेता आगे बढ़े। अगर कोई पार्टी चाहती है कि उसका नेता प्रधानमंत्री बने तो उस पर किसी को आपत्ति नहीं जतानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश के पास काफी अनुभव है। वे लंबे समय तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। सीएम के बाद कोई नेता प्रधानमंत्री ही बनता है, लेकिन उसके लिए नंबर की जरूरत है।

वीआईपी के मुखिया मुकेश सहनी (file Photo) pic(social media)

वैसे नीतीश में ऐसी कोई कमी नहीं है कि वे प्रधानमंत्री नहीं बन सकते क्योंकि वे 20 साल से बिहार में सरकार चला रहे हैं। उन्होंने अपनी क्षमता का परिचय दे दिया है। उन्होंने एक बार फिर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव पूरी मजबूती के साथ लड़ने की बात कही। सहनी ने कहा कि हम लोग पीछे हटने वाले नहीं हैं क्योंकि हम लोगों का संघर्ष का इतिहास रहा है। यूपी चुनाव के दौरान भी हम संघर्ष करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

नीतीश नहीं चाहते इस मुद्दे पर चर्चा

दूसरी ओर नीतीश कुमार पार्टी की ओर से नाम उछाले जाने के बावजूद इस मुद्दे पर चर्चा न करने की बात कहते हैं। उनका कहना है कि पार्टी की बैठकों में कई नेता शामिल होते हैं। किसी ने अगर इस तरह की बात कह दी है तो इसका यह मतलब नहीं है कि यह पूरे पार्टी की राय है। उन्होंने कहा कि यह सब बेकार की बातें हैं क्योंकि मुझमें प्रधानमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। मैं मुख्यमंत्री के रूप में बिहार में अच्छी सरकार देना चाहता हूं। इसलिए ऐसी बातों की चर्चा नहीं की जानी चाहिए।

सियासी जानकारों का कहना है कि नीतीश भले ही इसे नेताओं की व्यक्तिगत राय बता रहे हों मगर जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दौरान इस बाबत बाकायदा प्रस्ताव पारित किया गया था। इस दौरान पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की सारी योग्यताएं और क्षमताएं हैं। हालांकि उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा था कि मौजूदा समय में वे पीएम पद के दावेदार नहीं है क्योंकि हम लोग एनडीए में शामिल हैं। एनडीए की ओर से पीएम मोदी अच्छे तरीके से सरकार चला रहे हैं। वैसे नीतीश के न चाहने पर इस तरह का प्रस्ताव कैसे पारित किया गया, इसे लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।



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Pallavi Srivastava

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