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1 रूपए गुरु दक्षिणा लेने वाले आरके श्रीवास्तव ने गरीब बच्चों की चमकाई किस्मत, अभिभावकों का सपना किया पूरा
जब किसी अभिभावक के पास आर्थिक संकट हो और उनके बेटा-बेटी पढ़ने में तेज हो, तब अभिभावकों की सबसे बड़ी चाह ये होती है कि मेरे बच्चे किसी अच्छी संस्था में पढ़ें।
RK Srivastava: जब किसी अभिभावक के पास आर्थिक संकट हो और उनके बेटा-बेटी पढ़ने में तेज हो, तब अभिभावकों की सबसे बड़ी चाह ये होती है कि मेरे बच्चे वैसे संस्था में पढ़ें। जहां उन्हें नि:शुल्क शिक्षा मिले और जब वे पढ़कर सफल हो जाए। तो उन्हें किसी सरकारी कॉलेज से अपने सपने को पूरा करने का मौका मिले। तो इससे और बड़ी खुशी कुछ नहीं होती है। इसका मुख्य कारण है सरकारी कॉलेजों का सेमेस्टर शुल्क बहुत कम होना।
बिहार के किसी अच्छे कॉलेज से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा यानी पॉलिटेक्निक करना, जब किसी स्टूडेंट का सपना होता है और वह साकार हो जाता है तो खुशी कई गुना बढ़ जाता है, जिसमे आप प्रवेश लेकर एक अच्छा सा CARRIER बना सकते हैं।
सच्चिदानंद सिंह एक मध्यमवर्गीय परिवार से
आपको बताते चलें कि बिहार राज्य के रोहतास जिले के रहने वाले सच्चिदानंद सिंह एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। उनका हमेशा से सपना है कि मेरे बेटा बेटी पढ़कर एक सफल इंसान बन जाए। उनकी बड़ी बेटी डॉली सिंह ने बेहतर रैंक लाकर बिहार के सरकारी पॉलिटेक्निक सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज (Govt. Polytechnic, Asthawan NALANDA) में नामांकन लिया। वह इलेक्ट्रिकल ब्रांच लेकर पढ़ रही है।
बेटी की सफलता पर उसके पिता ने उसके गुरु आरके श्रीवास्तव को ₹1 गुरु दक्षिणा दिया। वैसे आरके श्रीवास्तव ने उनके पिता को बोला कि आप चिंता ना करें, जैसे आपकी बेटी ने निशुल्क शिक्षा ग्रहण कर पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा में सफलता पाया, उसी तरह उसके पॉलिटेक्निट (polytechnic) कॉलेज का सारा शुल्क भी हम देंगे।
आपको बताते चलें कि सच्चिदानंद की बेटी ने निःशुल्क शिक्षा पाकर सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में नामांकन तो ले लिया है लेकिन वह आगे भी एनडीए (NDA) और आईआईटी (IIT) प्रवेश परीक्षा की तैयारी आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक संस्था के सानिध्य में नि:शुल्क कर रही है।
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